डीएम हाथरस पर एक्शन क्यों नहीं, हाईकोर्ट ने जवाब मांगा

हाथरस रेप कांड में हाईकोर्ट ने सरकार को आईना दिखा दिया है।

हाईकोर्ट ने डीएम हाथरस और एडीजी एलओ पर बेहद नाराजगी जतायी है।

अदालत ने डीएम, एडीजी एलओ पर सख्त टिप्पणी की है और कहा कि डीएम हाथरस का बयान विरोधाभासी है।

कोर्ट रेप नहीं होने वाले बयान पर बेहद खफा है।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से इस बात पर जवाब मांगा है कि डीएम हाथरस पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

अदालत ने निलंबित एसपी विक्रांत वीर को 2 नवंबर को हाईकोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाथरस मामले में 11 पेज का आदेश जारी किया है।

यूपी पुलिस द्वारा आधी रात को लाश जलाने पर भी कोर्ट ने बेहद नाराजगी जतायी है। कोर्ट ने सवाल किया है कि बिना परिवार की मंजूरी के लाश क्यों जलाई गयी?-

दाह संस्कार पर कोर्ट ने स्पष्ट टिप्पणी करते हुए कहा कि रात में दाह संस्कार मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।

आदेश में पीड़ित परिवार को कड़ी सुरक्षा का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने मीडिया, राजनीतिक दलों से अनावश्यक बयानबाजी से बचने को कहा है।

हाईकोर्ट ने सीबीआई को भी निर्देशित किया है कि वह अपनी जांच मीडिया से शेयर नहीं करेगी।

अदालत ने राज्य के गृह मंत्रालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव को महिला सुरक्षा को लेकर नीति बनाने के आदेश दिये हैं।

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