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अधिनायकवाद की शुरुआत नागरिकों की सहमति से होती है ?
अशनीर ग्रोवर के ख़िलाफ़ नगर निगम और प्रदेश में सत्तारूढ़ दल के मेयर के निर्देश पर पुलिस थाने में अफ़वाह…
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देश का कामकाज हक़ीक़त में कौन चला रहा है ?
अमित शाह के बढ़ते राजनीतिक वर्चस्व को लेकर राहुल गांधी के आक्षेप का निहितार्थ यही समझा जा सकता है कि…
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समाज में सुख, समृद्धि के लिए शांति और न्याय चाहिए
🔊 सुनें राम दत्त त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार वरिष्ठ पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता राम दत्त त्रिपाठी का कहना है कि समाज…
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भारतीय सांस्कृतिक रिक्थ और पर्यावरण
🔊 सुनें डा चंद्र्विजय चतुर्वेदी ,प्रयागराज भारतीय संस्कृति की मान्यता है कि मानव पञ्च महातत्वों –जल ,अग्नि ,आकाश, पृथ्वी ,तथा…
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सूर्य ब्रह्मांड की आत्मा हैं
🔊 सुनें मकर संक्रांति पर्व पर वरिष्ठ लेखक और भारतीय संस्कृति के विद्वान हृदय नारायण दीक्षित का लेख – सूर्य…
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स तीर्थराजो जयति प्रयागः –दो
🔊 सुनें गतांक से आगे – डा चंद्र्विजय चतुर्वेदी चंद्रविजय चतुर्वेदी श्रुतिः प्रमाणं स्मृतयः प्रमाणं पुराण मप्यत्र परम प्रमाणंयत्रास्ति गंगा…
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गोवा में कल्पवास
🔊 सुनें कई मित्रों ने यह जानने की उत्सुकता ज़ाहिर की है कि भला मैं गोवा में क्या कर रहा था ? एक शब्द में कहूँ मैं गोवा में कल्पवास कर रहा था , यानी प्रकृति के बीच रहते हुए आहार और सेहत पर एक कार्यशाला अटेंड कर रहा था. राम दत्त त्रिपाठी इसका आयोजन एक पत्रकार मित्र ने ही किया था और प्रशिक्षक ग़ाज़ियाबाद दिल्ली से आयी थीं . सबसे जरूरी बात यह कि हम गोवा के मडकई गॉंव के जिस कैम्पस में टिकाये गये वह एक छोटे से गाँव में यह कैम्पस अद्भुत है . यहॉं तरह -तरह के पेड. पौधे वनस्पतियाँ हैं . आम , जामुन , नारियल , सुपारी , तेज पत्ता . इलायचीऔर काली मिर्च आदि आदि. इसलिए हवा में औषधियॉं . जैसे कभी लोग नैनीताल के भुवाली में स्वास्थ्य लाभके लिए जाते थे. इसलिए यहाँ रहना प्रयागराज के कल्पवास जैसा…
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राम होने का मतलब : सबके राम
🔊 सुनें राम दत्त त्रिपाठी , वरिष्ठ पत्रकार आज राम का नाम लेने वाले तो बहुत हो गये हैं लेकिन बहुतों को पता ही नहीं राम होने का मतलब क्या होता है? वरिष्ठ पत्रकार राम दत्त त्रिपाठी का लेख हिन्दू या वैदिक धर्म की सबसे बड़ी खूबी है कि इंसान को अंतरात्मा की पूरी आज़ादी है . वह ईश्वर को माने ,या न माने जिस रूप में चाहे उस रूप में माने , कोई उसे धर्म से बाहर नहीं कर सकता . उसमें विचारों पर पहरा नहीं है . मुंडे मुंडे मतिर्भिन्ना . …
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व्यवस्था परिवर्तन बिना संपूर्ण रोज़गार संभव नहीं
🔊 सुनें राम दत्त त्रिपाठी राम दत्त त्रिपाठी भारत में बेरोज़गारी की समस्या साल दर साल बढ़ती गई है, क्योंकि…
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