कैसे पहचानें कि शरीर में वात असंतुलित हो रहा है!!

(वात रोग पर चर्चा भाग  3)

जीवेम शरदम शतम की परिकल्पना आज की नहीं, बल्कि वैदिक युग से चली आ रही है। आज मानव की औसत आयु 70 वर्ष के आसपास मानी गई है। इस आयु को प्राप्त करने के लिए महर्षि चरक ने 100 वर्ष के स्वस्थ एवं निरोगी मानव के लिए वात का संतुलित रहना अनिवार्य माना है,अर्थात, न वात प्रकुपित हो और न ही उसका क्षय हो क्योंकि वात का क्षय होने से पित्त और कफ, जो शरीर के विभिन्न अवयवों के पोषण के लिए आवश्यक है, उन अवयवों तक नहीं पहुँच सकेंगे। इसलिए, 100 वर्ष के जीवन के लिए वात का संतुलन रहना आवश्यक है। 

​जिस समय मानव की औसत आयु 100 वर्ष मानी जाती थी, उस समय आमजन भी आयुर्वेदमय जीवनशैली को जानता था और उसका पालन करता था। परंतु काल के प्रवाह में प्राचीन ज्ञान लुप्त होता जा रहा है। आज का मानव यह नहीं समझ पाता कि किस समय उसका कौन सा दोष प्रकुपित है, उसका शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है और उनको संतुलित अवस्था में लाने के लिए उसे अपने खान-पान, दिनचर्या, जीवनचर्या,ऋतुचर्या में क्या परिवर्तन करना चाहिए। 

​आयुर्वेद के शास्त्रीय ग्रन्थों के अनुसार, वायु का मूल गुण रूक्ष, शीत,लघु, संकुचन एवं चर है। इसलिए जब हमें शरीर में रूखापन, अंगों में सिकुड़न, शरीर के जोड़ों में कठोरता, अंगों में स्पंदन और बेचैनी आदि का अनुभव होने लगे तो समझना चाहिए कि हमारे शरीर में वात असंतुलित हो रहा है। स्त्रियों को मासिक धर्म संबंधी विकृति भी वात दोष के विकृत होने के कारण होता है।  

​चूंकि स्वस्थ नागरिकों से ही स्वस्थ समाज का निर्माण होता है,इसलिए, मीडिया स्वराज ने इस व्यापक विषय को आमजन तक सरल भाषा में पहुंचाने के लिए चर्चाओं की एक श्रंखला तैयार की है। इस श्रंखला के द्वितीय अंक में आज श्री रामदत्त त्रिपाठी के साथ आयुषग्राम चित्रकूट के संस्थापक, भारतीय चिकित्सा परिषद, उ.प्र. शासन में उपाध्यक्ष तथा कई पुस्तकों के लेखक, आयुर्वेद फार्मेसी एवं नर्सिंग कॉलेज के प्रधानाचार्य एवं प्रख्यात आयुर्वेदचार्य आचार्य वैद्य मदन गोपाल वाजपेयी, एवं बनारस विश्वविद्यालय के दृव्य गुण विभाग के (डॉ) जसमीत सिंह वात दोष के सैद्धांतिक पक्ष एवं व्यावहारिक पक्ष पर आगे विस्तार से चर्चा कर रहे हैं कि एक सामान्य व्यक्ति किस प्रकार यह समझ सकता है कि अब उसका वात दोष असंतुलित हो रहा है, उसे सतर्क हो जाना चाहिए:

चर्चा का भाग एक और दो यहॉं नीचे देखें

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