किसानों का रेल रोको आंदोलन सफल, UP-पंजाब-हरियाणा समेत कई राज्यों की 160 ट्रेनों पर असर

किसानों का देशव्यापी रेल रोको आंदोलन सफल

लखीमपुर खीरी हत्या में आरोपित केंद्रीय मं​त्री आशीष मिश्रा टेनी के बेटे अजय मिश्रा टेनी पर केंद्र सरकार द्वारा सख्त कार्रवाई न करने के विरोध में किसानों ने आज देशव्यापी रेल रोको आह्वान किया था, जिसका व्यापक असर पूरे देश में दिखा. संयुक्त किसान आंदोलन ने सभी किसानों को शांतिपूर्ण रेल रोको आंदोलन की गरिमा बनाए रखने की नसीहत दी थी, जिसका असर हुआ कि कहीं से भी किसी भी तरह की हिंसा की खबरें सुनने को नहीं मिलीं.

देश भर में किसानों के रेल रोको आंदोलन (Rail Roko 2021) का व्यापक असर देखने को मिला. लखीमपुर खीरी हत्या के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किसानों ने सवेरे 10 से शाम 4 बजे तक आज देशव्यापी बंद का आह्वान किया था.

एनडीटीवी की एक खबर के मुताबिक, किसान आंदोलन से देश भर में करीब 160 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. रेलवे की जानकारी में कहा गया है कि कुल 184 लोकेशन पर किसानों ने रेलवे ट्रैक के पास आंदोलन किया.

63 ट्रेनों को मंजिल से पहले रोका गया जबकि 43 ट्रेनें कैंसल कर दी गईं. वहीं, एक ट्रेन का रूट डायवर्ट भी किया गया. 50 ट्रेनों को आंशिक तौर पर कैंसल किया गया.

बता दें कि 7 ज़ोन में किसानों ने ज्यादा प्रदर्शन किया. इसमें नॉर्दर्न ज़ोन के 157 लोकेशन, NWR ज़ोन (जयपुर) के 16 लोकेशन, NER zone (गोरखपुर) के 3 लोकेशन, NFR zone के 2 लोकेशन, Eastern zone का 1 लोकेशन, WCR zone के 2 लोकेशन शामिल रहे. NCR के तीन लोकेशनों पर भी किसानों के प्रदर्शन का असर दिखा.

किसानों ने यूपी में मोदी नगर और मुजफ्फरनगर में ट्रेनें रोकीं. हापुड़ के गढ़ मुक्तेश्वर रेलवे स्टेशन पर किसानों ने हंगामा और नारेबाजी की. हरियाणा (Haryana) के बहादुरगढ़ में भी संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने ट्रेनों को रोका. पंजाब के कई जिलों में रेल रोको आंदोलन (UP Kisan Andolan) का असर दिखा.

आठ ट्रेनों पर पड़ा असर

उत्तर रेलवे का कहना है कि आठ ट्रेनों पर असर पड़ा है. दिल्ली-रोहतक और दिल्ली-अम्बाला रूट को फिलहाल ट्रेनों के लिए बंद किया गया है. इस कारण कई ट्रेनों की आवाजाही पर भी असर पड़ा है. जबकि कई ट्रेनें रद्द भी करनी पड़ी हैं.

दिल्ली डिविजन की डीआरएम डिंपी गर्ग ने कहा कि दोपहर तक 42 ट्रेनों पर असर पड़ा है. ट्रेनों को कम दूरी पर खत्म करने (शॉर्ट टर्मिनेशन), शॉर्ट ओरिजिनेट या रिशेड्यूल किया जाएगा. सबसे ज्यादा असर अंबाला-सोनीपत, पानीपत और जींद और भटिंडा रूट पर पड़ा है. हालांकि रेलवे प्रॉपर्टी को किसी तरह के नुकसान की अब तक खबर नहीं है. आरपीएफ और GRP की जगह जगह तैनाती की गई है. उन्होंने कहा हो सकता है कि शाम तक ट्रेनों की आवाजाही पर असर और बढ़ जाए.

किसानों के भारत बंद का असर देश भर में, कहीं सड़क तो कहीं रेल मार्ग बाधित

नार्दर्न रेलवे (Northern Railway) की जानकारी के मुताबिक, बरेली से रोहतक जाने वाली नई दिल्ली तक आने वाली (02715) गाड़ी रद्द कर दी गई है. नांदेड़ श्रीगंगानगर तिलकब्रिज (02439) पर रोक कर रखी गयी है. फिरोजपुर-फाजिल्का सेक्शन का फिरोजपुर सिटी यार्ड भी प्रभावित हुआ है. फिरोजपुर-लुधियाना सेक्शन के अजितवाल, फिरोजपुर- फाजिल्का सेक्शन के गुरु हर्षाई और फिरोजपुर-लुधियाना सेक्शन के चौकीमन पर किसानों के प्रदर्शन से ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई है. इसको लेकर अब तक 7 ट्रेनों को मंजिल से पहले ही रोक दिया गया है.

स्टेशनों के पास जाकर ट्रेनें रोकें

भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि सभी किसान भाई स्टेशनों के पास जाकर ट्रेनें रोकें. उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द कराने, एमएसपी पर फसलों की खरीद की गारंटी का कानून बनवाने और लखीमपुर खीरी हत्याकांड में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर रेल रोको आंदोलन बुलाया जा रहा है. इसको सफल बनाने के लिए सभी जगहों पर किसान आगे आएं.

चढ़ूनी ने सरकार को चेतावनी दी है. हरियाणा (Haryana) के रोहतक में आयोजित किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) में भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) हरियाणा के अध्‍यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी (Gurnam Singh Chaduni) ने कहा कि सहनशीलता की भी एक सीमा होती है. हमारे धैर्य की परीक्षा मत लो. साथ ही उन्‍होंने किसानों से कहा कि हमें हिंसा नहीं करनी चाहिए. सरकार के पास अभी भी इस मुद्दे को सुलझाने का समय है.

हमारे सब्र का इम्तिहान न लें

उन्‍होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, “हमारे सब्र का इम्तिहान न लें, लेकिन फिर भी हम अपने भाइयों को समझा देना चाहते हैं कि हमें हाथ नहीं उठाना है. सरकार मारेगी, लठ मारेगी, डंडे मारेगी, जेलों में भी ले जाएगी, जाएंगे. सरकार का हर जुल्‍म सहेंगे. हमें हाथ नहीं उठाना है. अगर हमने हाथ उठा लिया तो ये कहीं जाति में फंसाएंगे, कहीं धर्म में फसाएंगे. यदि हमने हाथ उठा लिया तो आम जनमानस हमारे विरुद्ध हो जाएगा.”

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 6 घंटे का देशव्यापी रेल रोको आंदोलन आज

गौरतलब है कि केंद्र सरकार (Central Government) के तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में कई महीनों से आंदोलनरत किसान आज रेल रोको आंदोलन चला रहे थे. कई स्थानों पर किसान रेल रोकते दिखे. दिल्ली के पास बहादुरगढ़ में भी किसान ट्रैक पर बैठ गए. भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने कहा कि ये अलग-अलग ज़िलों में अलग-अलग जगह होगा. पूरे देश में वहां के लोगों को पता रहता है ​कि हमें कहां ट्रेन रोकनी है. भारत सरकार ने अभी हमसे कोई बात नहीं की है.

मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग

बता दें कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे विभिन्न किसान संगठनों के संयुक्त मंच एसकेएम ने एक बयान में कहा कि जब तक लखीमपुर खीरी मामले में न्याय नहीं मिल जाता, प्रदर्शन और तेज होगा. एसकेएम ने कहा कि ‘रेल रोको’ प्रदर्शन के दौरान सोमवार को पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न चार बजे तक सभी मार्गों पर छह घंटे के लिए रेल यातायात को रोका जाएगा.

बयान में कहा गया, ‘‘गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त कर गिरफ्तार करने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार राष्ट्रव्यापी रेल रोको कार्यक्रम की घोषणा की है ताकि लखीमपुर खीरी जनसंहार में न्याय मिल सके.” मोर्चा ने कहा, ‘‘एसकेएम अपने सभी घटकों को 18 अक्टूबर को पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न चार बजे तक छह घंटे तक रेल रोकने का आह्वान करता है. एसकेएम अपील करता है कि यह शांतिपूर्ण और रेलवे की संपत्ति को बिना नुकसान पहुंचाए किया जाए.”

याद हो कि तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी.

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