विकास दुबे कहाँ और कैसे मारा गया, पुलिस, मंत्री और विपक्ष ने क्या कह रहे हैं?

 

                                       राम दत्त त्रिपाठी  , वरिष्ठ पत्रकार, पूर्व संवाददाता बीबीसी, लखनऊ 

राम दत्त त्रिपाठी , पूर्व संवाददाता , बीबीसी

उत्तर प्रदेश  पुलिस का कहना है  कि कानपुर का बहुचर्चित अपराधी विकास दुबे एक  मुठभेड़ में मारा गया है. मुठभेड़  कानपुर से क़रीब बीस किलोमीटर पहले  नौबस्ता और सचेंडी पुलिस थाना के बीच भौंती गाँव की  है. 

पुलिस ने बताया  कि गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे एक पुलिस वाले की पिस्तौल  छीनकर कुछ दूर भागा. एस टी एफ ने पीछा  किया  तो उसने फ़ायर किया. एस टी एफ जवानों की जवाबी फ़ायरिंग  में मारा गया.  बता दें कि इस गाड़ी के आगे पीछे भी पुलिस की गाड़ी चल रही थी. 

विकास दुबे ने वृहस्पतिवार को नाटकीय ढंग से अपने आप को मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ़्तार कराया  था. तब वहाँ उसने न भागने का प्रयास किया न गिरफ़्तारी का प्रतिरोध किया.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने गिरफ़्तारी को उज्जैन पुलिस की  पुलिस की बड़ी उपलब्धि बताया था और फिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करके उसे उत्तर प्रदेश पुलिस की  एस टी एफ को सौंप दिया.

उज्जैन पुलिस की विज्ञप्ति में कहा ज्ञ है कि उसे वहीं से रवाना किया गया. लेकिन मध्य प्रदेश के गृह मंत्री का कहना है कि विकास दुबे को  उत्तर प्रदेश की सीमा पर उत्तर प्रदेश पुलिस की एस टी एफ विंग को सौंप दिया गया .विकास दुबे के एनकाउंटर पर  गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा. ने पत्रकारों से कहा, ”

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा

कानून ने अपना काम किया है अफसोस और मातम की बात उन लोगों के लिए होगी..

जो लोग कल कह रहे थे कि पकड़ लिया तो जिंदा के पकड़ लिया आज कह रहे हैं कि मर गया तो कैसे मर गया..

कई राज दफन हो गए है..
वह अफसोस कर रहे होंगे कल कुछ और कह रहे थे…
आज कुछ और कह रहे हैं मध्य प्रदेश की पुलिस ने अपना काम किया…
अपना काम करके उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले कर दिया…
मध्य प्रदेश पुलिस उसको सीमा तक छोड़ कर आई है…
रात में उन्होंने पुलिस अपने राज्य की सीमा तक सुरक्षित छोड़ आई थी
दिग्विजयसिंह औऱ अखिलेश यादव के ट्वीट पर कहा…
दिग्विजयसिंह के पास कोई काम नहीं है इसलिए ट्वीट करते रहते है…
किसी आतंकी के लिए कभी उन्होंने ट्वीट किया..
सपा से विकास दुबे का सम्बन्ध था..
हमारे पास तो वो पोस्टर है…” 

ये हैं नरोत्तम मिश्र के शब्द. नियमानुसार उसे उज्जैन कोर्ट में पेश करके ट्रानज़िट  रिमांड पर नही  लिया गया. मीडिया की जो गाड़ियाँ पीछा  कर रही थीं, उन्हें एस टी एफ ने दो किलोमीटर पहले जबरन रोक कर दूर कर दिया था. बताया जाता है कि बीच में विकास दुबे की गाड़ी भी बदली गयी. इसके कुछ मिनट बाद गाड़ी पलटी और मुठभेड़ हो  गयी. घटनास्थल पर गए पत्रकार इस नाटकीय मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुए संदिग्ध बता रहे हैं. यह भी नहीं पता चला कि गाड़ी कैसे पलटी.

विकास दुबे को लाने वाली पलटी कार

 

घटना के एस टी एफ के लोग घायल हुए जिनका इलाज कल्याणपुर के एक अस्पताल में किया गया. देखें चित्र 

घायल मलिस के लोग

 

दुर्घटना में घायल पुलिस वाले

 

घायल एस टी एफ सिपाही

 

घटनास्थल पर चश्मदीद लोगों ने पत्रकारों को बताया कि वहाँ कोई सड़क दुर्घटना नहीं हुई, केवल गोलियाँ चलने की आवाज़ सुनी. 

 

चश्मदीद

उसे उठाकर कानपुर के लाल लाजपत राय अस्पताल  लाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.बताया गया है कि उसकी लाश कानपुर के एक अस्पताल में है. 

विकास दुबे को कानपुर के हेलत अस्पताल ले ज़ाया गया
vikas_hospital कृपया वीडियो देखें 

 

विकास दुबे की मुठभेड़ के साथ इसी के साथ विकास दुबे के सारे रहस्य दफ़न हो गए.मगर एक सवाल है कि जब उसने उज्जैन में स्वयं गिरफ़्तारी दी तो फिर उसने भागने की कोशिश क्यों की और पुलिस का हथियार छीनकर हमला किया. कहना होगा कि माफिया विकास दुबे की  पुलिस प्रशासन और राजनीतिक लोगों से गहरी साँठगाँठ थी. मुक़दमा चलता तो बहुत से चेहरे बेनक़ाब होंगे.

एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी ने कहा, ” पुलिस की गाड़ी बदमाशों का वजन नहीं ले पाती। या तो पंक्चर हो जाती है या पलट जाती है।

बदमाश पुलिस का पिस्टल छीन पुलिस पर फायर कर भागने लगते हैं।” यह टिप्पणी अपने आप में बहुत कुछ कहती है. 

लेकिन पूर्व पुलिस महा निदेशक विक्रम सिंह ने एन दी टी वी से बातचीत में पुलिस के जवानों को शाबासी  दी और कहा कि मुठभेड़ पर अविश्वास का कोई  कारण नही है.  एक दुर्दांत अपराधी का सफ़ाया है. सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि हर मुठभेड़ की मजिस्टीरियल जाँच होती है जिसमें पता चलेगा कि स्टैंडर्ड प्रोसिजर का पालन किया गया अथवा नहीं. 

कल अधिवक्ता घनश्याम  ने सुप्रीम कोर्ट में  याचिका दायर की थी कि विकास दुबे को एनकाउंटर किया जा सकता है . घर ढहाने को लेकर भी था इस याचिका में .

 

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने पहले ही यह आशंका प्रकार कर दी थी कि विकास मुठभेड़ में मारा जा सकता है.

अमिताभ ठाकुर ट्वीट

लेकिन कानपुर के एक पत्रकार का कहना है कि  पुलिस ने पहले से मन बना लिया था कि हर हाल में विकास को मुठभेड़ में मारना है. 

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर मुठभेड़ पर सवाल उठाए हैं. 

अखिलेश यादव का ट्वीट

पूर्व पुलिस महा निदेशक प्रकाश सिंह ने एक टी वी चैनल से बातचीत में कथित मुठभेड़ को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया है. उनका कहना है की अगर उससे पूछताछ होती तो उससे तमाम बड़े बड़े लोगों के राज खुलते. 

विपक्षी समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर मुठभेड़ पर सवाल उठाए हैं. 

@samajwadiparty

“विकास दुबे के साथ उन सभी सबूतों, साक्ष्यों का भी एनकाउंटर हो गया जिससे अपराधियों,पुलिस और सत्ता में बैठे उसके संरक्षकों का पर्दाफाश होता! विकास के जरिए उन सभी को बचाने की कोशिश की है जो नेक्सेस में उसके मददगार रहे?आखिर उन सत्ताधीशों पर कार्रवाई का क्या जिनका नाम उसने स्वयं लिया?”यह समाजवादी पार्टी का ट्वीट है. 

कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने घटना पर यह टिप्पणी की है.

प्रियंका ट्वीट

 

 

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