कब तक सुलगते रहोगे
![डा चन्द्रविजय चतुर्वेदी ,प्रयागराज](https://mediaswaraj.com/wp-content/uploads/2020/06/28F12585-CF6E-467A-B8C3-37C4DB382A38_4_5005_c-1-1.jpeg)
डा चन्द्रविजय चतुर्वेदी ,प्रयागराज
कब तक
सुलगते रहोगे
सुलगते सुलगते
धुंआ ही बनोगे
वातावरण को
प्रदूषित करोगे
चिंगारियों को समेटो
सबको मिलाकर
आग तो बनाओ
आग बनकर
कुछ भी शेष जो है
उन्हें न जलाओ
आग में तपकर
कुछ बनो और बनाओ
नहीं तो खुद ही
धु धु जलकर
अपनी राख को
भभूत ही बना के जाओ