हाथरस कांड से भाजपा-संघ का असल चेहरा सामने आया : रजनी पाटिल

लखनऊ। उप्र कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य व पूर्व राज्यसभा सांसद श्रीमती रजनी पाटिल ने हाथरस की स्तब्धकारी घटना पर भाजपा नेताओं के आ रहे शर्मनाक बयान पर कहा कि मैं महाराष्ट्र से हूं, शिवाजी महाराज अपने दुश्मनों की बहन, बेटियों, पत्नियों को भी बहन, बेटी और माँ कहकर सम्बोधित करते थे, परन्तु भाजपा के उप्र के अलग-अलग जनपदों के नेता बेटियों और पीड़िता को लेकर जो बयान दे रहे हैं वह दुःखद एवं पीड़ादायक है।

उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विवादित बयान कि बच्चियां अकेले चलने में सक्षम नहीं होती, की भी भर्त्सना की।

उन्होंने कहा कि लचर कानून व्यवस्था और अपराधियों पर राजनीतिक संरक्षण के चलते आज उप्र में अपराध बढ़ रहे हैं।

भाजपा के लोग बलात्कारियों के समर्थन में उतरते आये हैं जो बेहद शर्मनाक है।

उप्र की पूरी प्रशासनिक व्यवस्था आज पीड़िता के बजाए आरोपियों के पक्ष में उतर आयी है। उप्र का रावणराज आज खुलकर सामने आ गया है।

उन्होंने कहा कि हमारे नेता राहुल जी और प्रियंका जी द्वारा हाथरस के पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने जाते समय जो उनके साथ धक्का-मुक्की और बदसलूकी हुई है, उस पर मैं योगी जी को सचेत करना चाहती हूं कि आज जिस जनता ने आपको सत्ता दी है, वही जनता कल आपको पलट देगी।

हाथरस कांड में सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार का हलफ़नामा सफेद झूठ का पुलिन्दा : सुष्मिता देव

अभा महिला कांग्रेस की अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सुश्री सुष्मिता देव ने कहा कि कल हाथरस की घटना को लेकर सुप्रीमकोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें उप्र सरकार द्वारा दाखिल हलफनामा पूरी तरह सफेद झूठ का पुलिन्दा है।

आश्चर्यजनक तो यह है कि नोटिस जारी होने के पहले ही सरकार 136 पेज का हलफनामा दाखिल करती है, वह हाथरस की मृतका जिसके साथ रेप हुआ उसे न्याय मिले, पीड़ित परिवार को सुरक्षा मिले, इसके लिए नहीं बल्कि आदित्यनाथ सरकार को कैसे बचाया जाए, इसके लिए दाखिल किया गया जो सफेद झूठ है।

दाखिल हलफनामा में उप्र सरकार ने कहा कि मृतका के शव का परिवार की रजामंदी के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

लेकिन पूरे देश ने देखा कि कैसे 2.30 बजे रात्रि में उसकी लाश केरोसीन डालकर जला दिया गया और परिवार वाले रोते रहे उनकी नहीं सुनी गयी।

हलफनामे में दूसरा झूठ यह कहा गया है कि दो-दो फोरेंसिंक जांच 22 सितम्बर के बाद हुईं। 22 सितम्बर के बाद हुई फोरेंसिक जांच में रेप की पुष्टि नहीं हुई।

जबकि मृत्यु के पूर्व दिये गये बयान में खुद मृतका ने कहा कि उसके साथ रेप हुआ है और गैंगरेप हुआ है।

यूपीए सरकार में 2013 में निर्भया काण्ड के बाद सीआरपीसी में बदलाव करते हुए रेप के प्रयास को भी रेप माना है, यह योगी आदित्यनाथ को जानने की जरूरत है।

सुप्रीमकोर्ट में जो सफेद झूठ का हलफनामा दिया गया है वह सरासर सुप्रीमकोर्ट की अवमानना है।

उन्होंने कहा कि योगी सरकार के झूठ का पर्दाफाश करना बहुत जरूरी है।

रात्रि में शव जलाना हिन्दू धर्म और संस्कृति के विरुद्ध, योगी राज में हिन्दू संस्कृति का अपमान : सुप्रिया श्रीनेत

प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए अभा कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता श्रीमती सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आज तक जो भाजपा के प्रवक्ता और नेता सीना ठोंक रहे थे कि त्वरित कार्यवाही की गयी, वह यह सच जान लें कि योगी सरकार ने जो एसआईटी का गठन किया था और 7 दिन में रिपोर्ट देने वाली थी, उसका समय 10 दिन बढ़ा दिया गया है।

सीबीआई जांच का अभी तक नोटीफिकेशन नहीं हुआ है। पूर्व में जिन मामलों में सीबीआई जांच की सिफारिश की गयी थी उनका आज तक नोटीफिकेशन नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि सरकार हलफनामे में सरासर झूठ बोल रही है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के मामले के आये फैसले के चलते अनहोनी की घटना की आशंका में जल्दबाजी में शव को जलाया गया जबकि सच्चाई यह है कि पूरे देश में कहीं भी किसी अनहोनी की घटना नहीं हुई है।

सच तो यह है कि हिन्दू धर्म और संस्कृति को ताक पर रखकर मृतका का शव यूपी पुलिस ने केरोसीन डालकर जला दिया।

उन्होंने कहा किए हलफनामे में तीसरा सबसे बड़ा झूठ यह बोला गया है जिसके लिए योगी सरकार को शर्म आनी चाहिये।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मीडिया और सोशल मीडिया और राजनीतिक दलों द्वारा मेरी छवि धूमिल करने की साजिश रची जा रही है।

हलफनामे में इसका आधार कुछ ट्विट, फेसबुक पोस्ट और व्हाट्सऐप संदेशों का जिक्र किया गया है जिसमें जिनके नाम दिये गये हैं उनके फालोवर्स 900 से लेकर 1500 तक हैं, क्या इतने बड़े प्रदेश में ये जो जातिगत हिंसा फैलाने की हिम्मत रखते हैं।

सच तो यह है कि यह सरकार ही जातिगत हिंसा कराने में जुटी है। अंत में उन्होने कहा कि जहां सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस की घटना पर भयावह शब्द का प्रयोग किया है, वहीं प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी, जबकि वह इसी यूपी के सांसद हैं एक भी शब्द नहीं बोला।

यूपी की सांसद और बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी द्वारा भी एक भी शब्द न बोलना शर्मनाक है।

उन्होंने स्मृति ईरानी द्वारा पीड़ित परिजनों से मिलने गये कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर प्रदर्शन का आरोप लगाये जाने पर कहा कि जब वह विपक्ष में थीं क्या वह जो प्रदर्शन करती थीं, वह ढोंग था।

बेटियों की सुरक्षा करने में विफल मुख्यमंत्री योगी इस्तीफा दें: आराधना मिश्रा ‘मोना’

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता श्रीमती आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने प्रेसवार्ता में कहा कि उप्र की योगी सरकार महिलाओं के प्रति अपराध को रोकने में और महिलाओं की रक्षा करने के प्रति कितनी उदासीन है कि दिनांक 06 अगस्त 2020 को महिला आयोग का कार्यकाल समाप्त हो गया है, आज 07 अक्टूबर है, किन्तु दो माह बीत जाने के बाद भी सरकार ने महिला आयोग का कार्यकाल बढ़ाने का फैसला नहीं लिया है।

आज की तारीख में महिला आयोग का वैधानिक रूप से कोई अस्तित्व नहीं है।

उनके पदाधिकारियों को कोई भी संवैधानिक अधिकार नहीं रह गया है। महिलाओं के प्रति अपराधों में बाढ़ सी आयी हुई है।

उप्र महिला अपराध में इस कदर जकड़ा हुआ है कि मा. सुप्रीम कोर्ट को कहना पड़ा कि ‘‘उप्र की स्थिति भयावह है।’’

परन्तु महिला विरोधी भाजपा सरकार महिला आयोग का गठन नहीं कर रही है।

जिस प्रकार हाथरस सहित बलरामपुर, आजमगढ़, कानपुर आदि जनपदों में घटनाएं हो रही हैं और उप्र में महिला आयोग का अस्तित्व नहीं है यह बहुत ही शर्मनाक है।

उन्होंने कहा कि आखिर लगातार हर संवैधानिक संस्थाओं को भाजपा क्यों समाप्त करती जा रही है।

भाजपा के राज में बेटियों की सुरक्षा अगर सुनिश्चित नहीं हो पा रही है तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा दे देना चाहिए अन्यथा महामहिम राज्यपाल को इस सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए।

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