सर्दियों का सबसे अच्छा आहार है बथुआ

बथुआ अंग्रेजी में Lamb’s Quarters, वैज्ञानिक नाम Chenopodium album.

बथुआ अनादि काल से खाया जाता रहा है लेकिन क्या आपको पता है कि विश्व की सबसे पुरानी महल बनाने की पुस्तक शिल्प शास्त्र में लिखा है कि हमारे बुजुर्ग अपने घरों को हरा रंग करने के लिए प्लस्तर में बथुवा मिलाते थे। और हमारी बुढ़ियां सिर से ढेरे व फांस (डैंड्रफ) साफ करने के लिए बथुवै के पानी से बाल धोया करती। बथुवा गुणों की खान है और *भारत में ऐसी ऐसी जड़ी बूटियां हैं।

बथुवै में क्या क्या है? मतलब कौन कौन से विटामिन और मिनरल्स?

तो सुने, बथुवे में क्या नहीं है? बथुवा विटामिन B1, B2, B3, B5, B6, B9 और विटामिन C से भरपूर है तथा बथुवे में कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम, मैगनीज, फास्फोरस, पोटाशियम, सोडियम व जिंक आदि मिनरल्स हैं। 100 ग्राम कच्चे बथुवे यानि पत्तों में 7.3 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 4.2 ग्राम प्रोटीन व 4 ग्राम पोषक रेशे होते हैं। कुल मिलाकर 43 Kcal होती है।

जब बथुवा शीत (मट्ठा, लस्सी) या दही में मिला दिया जाता है तो यह किसी भी मांसाहार से ज्यादा प्रोटीन वाला व किसी भी अन्य खाद्य पदार्थ से ज्यादा सुपाच्य व पौष्टिक आहार बन जाता है।

जब हम बीमार होते हैं तो आजकल डॉक्टर सबसे पहले विटामिन की गोली ही खाने की सलाह देते हैं, गर्भवती महिला को खासतौर पर विटामिन बी, सी व लोहे की गोली बताई जाती है और बथुवे में वो सबकुछ है ही, कहने का मतलब है कि बथुवा पहलवानो से लेकर गर्भवती महिलाओं तक, बच्चों से लेकर बूढों तक, सबके लिए अमृत समान है।

यह साग प्रतिदिन खाने से गुर्दों में पथरी नहीं होती। बथुआ आमाशय को बलवान बनाता है, गर्मी से बढ़े हुए यकृत को ठीक करता है। बथुए के साग का सही मात्रा में सेवन किया जाए तो निरोग रहने के लिए सबसे उत्तम औषधि है। बथुवै में जिंक होता है।

बथुवा कब्ज दूर करता है और अगर पेट साफ रहेगा तो कोइ भी बीमारी शरीर में लगेगी ही नहीं, ताकत और स्फूर्ति बनी रहेगी।

कहने का मतलब है कि जब तक इस मौसम में बथुए का साग मिलता रहे, नित्य इसकी सब्जी खाएँ। बथुए का रस, उबाला हुआ पानी पीएँ और तो और *यह खराब लीवर को भी ठीक कर देता है। पथरी हो तो ग्रीन ज्यूस में मिलाकर नित्य पिएँ तो पथरी टूटकर बाहर निकल आएगी।

पेशाब के रोगी के लिए सर्वश्रेष्ठ

आप ने अपने दादा दादी से ये कहते जरूर सुना होगा कि हमने तो सारी उम्र अंग्रेजी दवा की एक गोली भी नहीं ली। उनके स्वास्थ्य व ताकत का राज यही बथुवा ही है।

मकान को रंगने से लेकर खाने व दवाई तक बथुवा काम आता है और हाँ सिर के बाल …… क्या करेंगे शम्पू इसके आगे।

जीवन में कभी दवा नहीं खाना चाहते तो इस पौधे के बारे में जान लीजिये

हम लोग खाने पीने को लेकर अपने अपने स्वाद के हिसाब से चीजों में नुक्स ढूँढने लगते हैं। पर ये नहीं जानते की जिन चीजों को हम अपने स्वाद के लिए छोड़ देते हैं उनमें कई ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो हमें बीमारियों से बचा कर रखते हैं। जैसे हरी सब्जियाँ और फल। आज हम ऐसी ही एक हरी सब्जी के बारे में बात करेंगे जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं पर उसके अंदर मौजूदा गुण हमारे शरीर के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है। तो आइये जानते हैं उस पौधे के बारे में।

बथुआ:- बथुआ एक पौधा मात्र ही नहीं है। इसका सेवन सब्जी के रूप में किया जाता है और भी कई तरह से इसका उपयोग हमारे शरीर के लिए कई तरह से उपयोगी है। इसमें ऐसे कई औषधिय गुण होते हैं जो इसको खास बनाते हैं और इसके सेवन या उपयोग करने से हमें दवाओं का सामना करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। आइये जानते है ये कैसे काम करता है।

पेट से जुड़ी समस्याओं में:- बथुऐ के रस में नमक मिला कर सेवन करने से पेट के कीड़े मर जाते हैं और पेट की कई बीमारियों का निदान होता है। पेट दर्द में भी यह आराम देता है।

सर में होने वाली रूसी ओर जूएँ:- सर में अक्सर गंदगी के कारण रूसी और जुओं के होने की समस्या देखी जाती है। इन सब से आसानी से निपट ने के लिए आपको बस बथुए और नींबू को पानी में उबाल कर उससे सर धोना है इससे इस समस्या का निदान होता है।

यूरिन संबंधि समस्या का निवारण:- अक्सर पानी की कमी के कारण या फिर किसी और कारण से यूरिन में जलन और दर्द की शिकायत होने लगती है। बथुए में नमक जीरा और नींबू को उबाल कर उसके सेवन से इस समस्या का निवारण होता है।

पथरी की समस्या में है लाभकरी:- बथुए के रस में चीनी मिला कर पीने से पथरी की समस्या आसानी से हल हो जाती है।

बुखार में लाभदायक:-अगर आपको मलेरिया है या बुखार है तो बुखार का सेवन आपके लिए लाभ करी है इसको पीने से बुखार चला जाता है।

त्वचा के लिए है अच्छा:- बथुए के रस के नियमित सेवन से आपको त्वचा संबंधी बीमारी या समस्या जैसे कील मुहासे, फोड़े, दाद, खाज, खुजली की समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

मुँह संबन्धित समस्या के लिए:- अगर आपको मुँह से संबन्धित कोई भी समस्या है तो इसकी पतियों को चबाने से उसका निवारण होता है…🕉

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