गायत्री प्रजापति की पत्नी को न्याय दिलायेगी जनता, अमेठी से सपा प्रत्याशी बनीं महाराजी

चित्रकूट की नाबालिग के साथ गैंगरेप केस में 12 नवंबर को गायत्री प्रजापति समेत तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा हुई है। इन पर दो-दो लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। गायत्री प्रसाद प्रजापति, अशोक तिवारी और आशीष शुक्ला को आजीवन कारावास की सजा हुई है। तीनों लोग गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में दोषी पाए गए थे।

अखिलेश के साथ लगी गायत्री की पत्नी की होर्डिंग्स

गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट के तहत इन दिनों जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे समाजवादी पार्टी के पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति की पत्नी आने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में अमेठी से सपा की प्रत्याशी बनी हैं। यहां गौरीगंज जिला मुख्यालय से 14 किमी दूर अमेठी के परसौना गांव की दीवारें इस बात की तस्दीक करती हैं कि यहां के लोगों के मन में गायत्री प्रजापति को हुई सजा का अफसोस है। शायद यही वजह है कि किसी भी कीमत पर वे उनकी पत्नी को अपना कीमती वोट देकर उस परिवार के साथ न्याय करना चाहते हैं।

इस गांव की लगभग हर दीवार पर लगी होर्डिंग्स में एक तरफ सपा प्रमुख अखिलेश यादव की तस्वीर है तो दूसरी तरफ जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और उनकी पत्नी महाराजी की। इस पर लिखा है- आपका बहुमूल्य वोट अमेठी के बेटे को न्याय दिलाएगा। गायत्री की पत्नी को अमेठी सीट से सपा की प्रबल दावेदार माना जा रहा है। गायत्री का बेटा अनुराग भी मां की दावेदारी को मजबूत करने में लगातार जुटा हुआ है।

सपा के जिलाध्यक्ष राम उदित यादव ने इन होर्डिंग्स और गायत्री प्रजापति की पत्नी को मिले टिकट को लेकर सवाल पूछने पर बताया कि कौन प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा और किसे टिकट दिया जाएगा, यह पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का अधिकार क्षेत्र है। नेतृत्व जिसे भी प्रत्याशी बनाकर भेजेगा, हम उसे जिताने का प्रयास करेंगे।

आपको याद दिला दें कि बीते 12 नवंबर 2021 को रेप के मामले में गायत्री प्रजापति को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। इसे सुनने के बाद वह फफक कर रो पड़े थे। अब उनकी राजनीतिक जमीन को बचाने और जनता से उन्हें इंसाफ दिलाने के लिए गायत्री की पत्नी महाराजी अमेठी विधानसभा सीट से दावेदार हैं। फिलहाल यहां जगह-जगह गायत्री के बेटे अनुराग प्रजापति सपा का कार्यालय खोलने में लगे हुये हैं।

गायत्री प्रजापति को लेकर यहां के लोगों की राय यह अहसास कराती है कि कोर्ट ने उनके साथ जो अन्याय किया है, यहां की जनता उसे पलटकर उनके परिवार के साथ न्याय करना चाहते हैं। इसके लिये उन्होंने अपना कीमती वोट उनकी पत्नी महाराजी के नाम पर डालने का मन बना लिया है।

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गायत्री प्रजापति के साथ इंसाफ नहीं हुआ

इसी इलाके में रहने वाली सोनम कहती हैं कि गायत्री प्रजापति के साथ इंसाफ नहीं हुआ है- ‘जैसे ही उनको सजा हुई, उसके फौरन बाद महिला पलट गई, जो कि गलत है। हम लोग इंसाफ के लिए ऊपर तक जाएंगे। कोशिश करेंगे कि उनको जल्दी न्याय मिले। विधानसभा चुनाव में उनके परिवार से जो भी मैदान में आएगा, उसे जरूर वोट करेंगे, क्योंकि उनके साथ नाइंसाफी हुई है। क्षेत्र में जितना काम गायत्री ने किया है, उतना यहां की विधायक ने नहीं किया है।

पत्नी को वोट देकर इंसाफ मिलेगा

श्यामलाल (60) कहते हैं, ‘गायत्री प्रजापति बिल्कुल निर्दोष हैं। हमारा ख्याल तो है कि वे फंस गए हैं। न्याय नहीं हुआ उनके साथ, लेकिन आगे न्याय होगा। उनकी पत्नी अगर इंसाफ मांग रही हैं तो उनको इंसाफ भी मिलेगा और वोट भी मिलेगा’।

उनको गलत फंसाया गया है

खड़दूसन (55) का कहना है कि उनको गलत फंसाया गया है। सब बेचारे परेशान हैं। पहले सब कीचड़ में होकर जाते थे। उन्होंने रोड बनवा दी। अब किसी चीज का लाभ नहीं है। पशु खेत चर ले रहे हैं, महंगाई बढ़ रही है।

गायत्री प्रजापति को आशीर्वाद देते सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव।

प्रजापति की कोई गलती नहीं है

वहीं सुभद्रा (65) ने बताया कि प्रजापति की कोई गलती नहीं है, तब भी वे जेल से नहीं निकल पा रहे हैं। हम चाहते हैं कि वे अपने लड़के-बच्चों में आएं, गांव-देश में आएं। हम उनकी पत्नी को वोट करेंगे। इसलिए कि गायत्री ने हमारे क्षेत्र का बहुत विकास किया है।

गैंगरेप के मामले में दोषी पाए गए थे गायत्री प्रजापति

बता दें कि चित्रकूट की नाबालिग के साथ गैंगरेप केस में 12 नवंबर को गायत्री प्रजापति समेत तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा हुई है। इन पर दो-दो लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। गायत्री प्रसाद प्रजापति, अशोक तिवारी और आशीष शुक्ला को आजीवन कारावास की सजा हुई है। तीनों लोग गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में दोषी पाए गए थे।

वहीं, इस मामले में विकास वर्मा, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू, चंद्रपाल और रूपेश्वर उर्फ रूपेश को कोर्ट ने बरी किया था। समाजवादी सरकार में खनन मंत्री रह चुके गायत्री प्रसाद प्रजापति और छह अन्य लोगों पर चित्रकूट की एक महिला ने अपनी नाबालिग बेटी संग गैंगरेप का आरोप लगाया था। महिला का कहना था कि वह मंत्री गायत्री प्रजापति से मिलने उनके आवास पर पहुंची थी, जिसके बाद मंत्री और उनके साथियों ने उसको नशा दे दिया और नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया।

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क्या है पॉक्सो एक्ट?

भारतीय संविधान में जब किशोरों के लिये अलग कानून की आवश्यक्ता अनुभव की गई तो 1992 में इसमें पॉक्सो एक्ट को शामिल किया गया। यह कानून अमेरिकी संविधान से लिया गया, जो मूल रूप से बालकों के प्रति होने वाले यौन अपराधों के विरोध में तैयार किया गया है। वर्ष 2012 में यह कानून का रूप ले चुका था, इसलिये इसके बाद से ऐसा करने वालों को पॉक्सो एक्ट के तहत अपराधी करार दिया जाने लगा।

कानून के इस अधिनियम के अंतर्गत यौन अपराध, यौन छेड़छाड़ व अश्लील चित्र या वीडियो बनाने के अपराधों को लेकर कई नियम बनाये गये हैं। कुछ धाराओं के अंतर्गत इसमें उम्र कैद तक की सजा का प्रावधान भी है।

इस कानून में किये गये नये संशोधन के बाद बालक को अपने ऊपर हुए अपराधों की एफआईआर करने के बाद आरोपी को खुद को निर्दोष साबित करना होता है। बच्चे को सिर्फ यह आरोप लगाना होता है कि उसके साथ अपराध हुआ है। इस कानून के अंतर्गत बालक और बालिका दोनों को समान रूप से सुरक्षा प्रदान की गई है। विशेष न्यायलय बालकों के प्रति अपराध की गम्भीरता व उसे हुए सामाजिक व मानसिक नुकसान का आकलन करता है। इसके बाद उस बच्चे के भावनात्मक व शारीरिक नुकसान के अनुसार दंडात्मक कार्यवाही करता है। इसी एक्ट के तहत यूपी के पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।

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