अमेठी में भाई-बहन को मिला वही पुराना प्यार, प्रतिज्ञा पदयात्रा में बोले राहुल- जो सच्चाई के साथ पूरा जीवन जिये, वही हिंदू

सांसद रहने के दौरान राहुल का फोकस सिर्फ अपनी संसदीय सीट पर ही रहा। वह अमेठी की विधानसभा सीटों पर फोकस नहीं कर पाए। यही वजह रही कि 2012 में जहां अमेठी में सपा ने वर्चस्व जमाया था। वहीं, 2017 में BJP ने 4 में से 3 सीटें जीतीं। राहुल का VIP होना भी उनके आड़े आता रहा। लोकल वर्कर उनसे मिल नहीं सकता है। साथ ही अमेठी को वह हमेशा निजी दौरा बनाकर चले। यही वजह रही कि यहां संगठन भी काम करता नहीं दिखता है। इसके उलट हर एक दो महीने पर स्मृति ईरानी का दौरा होता है।

प्रतिज्ञा पदयात्रा में बोले राहुल

शनिवार का दिन कांग्रेस पार्टी की पुश्तैनी सीट अमेठी के लिये जीवंत रहा। ढाई साल बाद कांग्रेस के गढ़ में राहुल गांधी ने जगदीशपुर के हरिमऊ में जनसभा को संबोधित किया। मंच से राहुल ने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा।

बता दें कि अमेठी के पुराने सांसद राहुल गांधी आज यहां ‘भाजपा भगाओ-महंगाई हटाओ’ पदयात्रा के लिये बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ पहुंचे थे।

अमेठी पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जगदीशपुर के रामलीला मैदान से पद यात्रा की शुरुआत की। मंच से राहुल ने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा हिंदुत्ववादी गंगा में अकेले स्नान करता है और हिंदू करोड़ों लोगों के साथ स्नान करता है। आज एक तरफ हिंदू खड़े हैं, जो सच्चाई फैलाते हैं। दूसरी तरफ हिंदुत्ववादी खड़े हैं, जो नफरत फैला रहे हैं’।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि पीएम मोदी ने केवल अकेले गंगा में स्नान किया। योगी को भी हटा दिया, राजनाथ सिंह को भी फेंक दिया। आजकल देश में हिंदू धर्म की बात हो रही है। हिंदू क्या होता है? क्या हिंदू झूठा होता है? मैं बताता हूं। वो व्यक्ति जो सच्चाई के सामने पूरा जीवन जीता है, वो हिंदू है। जिसमें नफरत, क्रोध, हिंसा न हो, वो हिंदू है।

राहुल गांधी ने रामलीला मैदान में काफी अरसे के बाद हर ओर से राहुल-राहुल की गूंज सुनी। राहुल गांधी ने अमेठी की जनता का धन्यवाद करते हुये पीएम मोदी पर करारा प्रहार करने की कोशिश की। उन्होंने अपनी बात को आगे ले जाते हुये कहा कि आपने मुझे राजनीति सिखाई, मैं आपका धन्यवाद देता हूं।

राहुल गांधी ने रामलीला मैदान में काफी अरसे के बाद हर ओर से राहुल-राहुल की गूंज सुनी। राहुल गांधी ने अमेठी की जनता का धन्यवाद करते हुये पीएम मोदी पर करारा प्रहार करने की कोशिश की। उन्होंने अपनी बात को आगे ले जाते हुये कहा कि आपने मुझे राजनीति सिखाई, मैं आपका धन्यवाद देता हूं। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी को सीधे निशाने पर रखा। राहुल ने कहा कि एक तरफ हिंदू खड़े हैं, जो सच्चाई फैलाते हैं, दूसरी तरफ हिंदुत्ववादी खड़े हैं जो नफ़रत फैला रहे हैं।

कायर था नाथूराम गोडसे

राहुल ने कहा उदाहरण के तौर पर महात्मा गांधी हिंदू हैं। ‘My experiment with truth’ उन्होंने यह किताब लिखी। दूसरी तरफ नाथूराम गोडसे वो हिंदूवादी था। उसे किसी ने महात्मा नहीं कहा। क्यों? इसलिए कि उसने सच बोलने वाले हिंदू की छाती में तीन गोली मारी। क्योंकि वो कायर था।

राहुल गांधी ने कहा कि प्रियंका ने हमारा आपका जो रिश्ता है, उसके बारे में बताया। हम पिता के साथ यहां आते थे। यहां आज पक्की सड़कें हैं। कांग्रेस ने यहां सड़कों का जाल नेशनल हाईवे बनाया। लेकिन पहले यहां बारिश में पानी में होकर पापा के साथ जाते थे। हमारा आपका यह रिश्ता झूठ का नहीं सच्चाई का रिश्ता है। यहां जब मैं एमपी था, जबरदस्त विकास किया। पूरे हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा नेशनल हाईवे अमेठी से निकलते हैं। एचएल ट्रिपल आईटी यह सब हमने करके दिया। पीएम यहां आए और आपसे झूठे वादे किए कि एके-203 की फैक्ट्री दिया। झूठ कह गए। आप भी जानते हैं कांग्रेस ने दिया।

अमेठी में राहुल ने कही ये प्रमुख बातें

राहुल ने कहा कि देश के सामने दो सवाल हैं। पहला बेरोजगारी और दूसरा महंगाई। जब इस पर सवाल किया जाता है तो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जवाब नहीं देते हैं। ये नहीं बताते कि रोजगार क्यों नहीं मिल रहा है। पीएम मोदी इसका जवाब नहीं देंगे।

राहुल गांधी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी तीन काले कानून लाए। पहले कहा कि कानून किसानों के हित में हैं। एक साल किसान धरने पर रहा। अब कह रहे माफी मांग रहा गलती हुई। लोकसभा में कहा एक भी किसान नहीं मरा है। हमने पंजाब में 400 किसानों की मदद की। नोटबंदी और जीएसटी का फायदा किसानों को, दुकानदारों को नहीं मिला।

जनसभा में भीड़ देखकर राहुल ने कहा कि अमेठी में आज भी हर गली वैसी ही है। सिर्फ जनता की आंखों में अब सरकार के लिए आक्रोश है। दिलों में आज भी पहले सी जगह है। आज भी एक हैं हम, अन्याय के खिलाफ!। हमने कुछ दिन पहले राजस्थान में कहा कि हिंदू पूरी जिंदगी सच्चाई के लिए लड़ने में लगा देता है, वो अपने धर्म को हिंसा में कभी नहीं बदलने देता।

जनसभा में भीड़ देखकर राहुल ने कहा कि अमेठी में आज भी हर गली वैसी ही है। सिर्फ जनता की आंखों में अब सरकार के लिए आक्रोश है। दिलों में आज भी पहले सी जगह है। आज भी एक हैं हम, अन्याय के खिलाफ!। हमने कुछ दिन पहले राजस्थान में कहा कि हिंदू पूरी जिंदगी सच्चाई के लिए लड़ने में लगा देता है, वो अपने धर्म को हिंसा में कभी नहीं बदलने देता। हिंदुत्ववादी को सच्चाई से कुछ लेना-देना नहीं होता। वो केवल झूठ बोलकर सत्ता छीनता है।

आज लद्दाख में चीन की सेना, हिंदुस्तान के अंदर बैठी हुई है। दिल्ली जितनी जमीन हिंदुस्तान से छीनकर अपनी बना ली, लेकिन पीएम ने कुछ न बोला, न कुछ किया। जब उनसे पूछा गया कि चीन ने क्या जमीन ली है, उन्होंने कहा कि कोई जमीन नहीं ली। जबकि बाद में रक्षा मंत्रालय ने माना कि चीन ने हमारी जमीन ली। ये सच्चाई है जो छिप नहीं सकता।

अमेठी से मेरा पारिवारिक रिश्ता

जगदीशपुर के रामलीला ग्राउंड से 6 किमी की पद यात्रा करके हरिमऊ में पहुंचीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अमेठी से अपने पारिवारिक रिश्तों की दुहाई देते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि मैं 13 साल की थी, पिता के साथ आई थी। जीप में बैठकर जाती थी, आपसे बात करती थी। अब कुछ ही दिनों में 50 साल की होने वाली हूं। आपने भी रिश्ता निभाया और मैंने भी।

कोरोना के समय अमेठी की सांसद कहां थीं

प्रियंका ने आगे कहा कि मुझे कोई शिकवा नहीं, परिस्थितियां बनी आप भी सीखे हम भी। पिछले चुनाव में यहां एक झूठ का जाल फैलाया गया। किसने फैलाया? उन्होंनें जो साढ़े सात सालों से फैला रहे। इसके बाद सीएम योगी पर तंज कसा कहा कि ढाई सालों में क्या हुआ? सबसे पहले कोरोना की पहली लहर आई। अमेठी के लोग प्रदेश में फंसे थे। अमेठी रायबरेली के लोगों के फोन आते थे। तब लोग रोकर कहते थे घर पहुंचा दें। अमेठी की सांसद को आड़े हाथों लेकर कहा कहां थीं आपकी सांसद? बीजेपी कहां थी।

प्रियंका ने कहा कि कोरोना काल में हमने बस दिया ठुकरा दिया। कोरोना की दूसरी लहर आई, हम ऑक्सीजन भेजने को तैयार थे, ट्रक हमारा आने नहीं दिया। क्यों? किसी को मालूम न हो कांग्रेस भेज रही है। बड़ी मुश्किल से रायबरेली में हमारे सिलेंडर लिए गए। कोरोना के बाद किसान परेशान हैं।

कोरोना काल में हमने जो दिया सरकार ने ठुकरा दिया

प्रियंका ने कहा कि कोरोना काल में हमने बस दिया ठुकरा दिया। कोरोना की दूसरी लहर आई, हम ऑक्सीजन भेजने को तैयार थे, ट्रक हमारा आने नहीं दिया। क्यों? किसी को मालूम न हो कांग्रेस भेज रही है। बड़ी मुश्किल से रायबरेली में हमारे सिलेंडर लिए गए। कोरोना के बाद किसान परेशान हैं। मैं ललितपुर गई वहां लाइन में खड़े लोग मर रहे ​हैं। सरकारी दुकानों में खाद नहीं मिल रही थी, प्राइवेट में खाद मिल रही थी। उन्होंने पूछा लखीमपुर में किसान को किसने मारा? फिर कहा मंच पर वो किसके साथ खड़ा हो रहा। किसी ने उसे मंच से नहीं हटया?

आपमें विवेक है और बहुत है। ऐसी सरकार ऐसा प्रधानमंत्री चाहिए? 8 हजार के जहाज में उड़कर वाराणसी में नौटंकी करने आ सकते हैं। आपको महंगाई से निजात नहीं दे सकते। आज संघर्ष कौन कर रहा। बड़ी-बड़ी कंपनी जो कांग्रेस ने लगाई वो मोदी के बड़े दोस्तों को बेचा जा रहा। बदल डालिए यह सरकार।

पदयात्रा के लिए आखिर जगदीशपुर विधानसभा ही क्यों?

साल दर साल अमेठी में कांग्रेस यूं तो कमजोर होती ही गई है, लेकिन बीते 32 सालों में कहीं न कहीं जगदीशपुर विधानसभा पर कांग्रेस की पकड़ बनी रही है। 1989 से 2021 के बीच 32 सालों में यहां कांग्रेस सिर्फ 3 बार हारी है।

जगदीशपुर विधानसभा वही क्षेत्र है, जहां गांधी परिवार ने सत्ता में रहते हुए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किया। हालांकि, समय के साथ यहां का विकास खत्म हो गया। स्थानीय लोगों के मुताबिक, इंडोगल्फ फर्टिलाइजर्स, भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) के अलावा तमाम शैक्षणिक और तकनीकी संस्थान हैं।

दरअसल, जगदीशपुर विधानसभा वही क्षेत्र है, जहां गांधी परिवार ने सत्ता में रहते हुए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किया। हालांकि, समय के साथ यहां का विकास खत्म हो गया। स्थानीय लोगों के मुताबिक, इंडोगल्फ फर्टिलाइजर्स, भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) के अलावा तमाम शैक्षणिक और तकनीकी संस्थान हैं। वैसे, इसके बाद कुछ बढ़ा भी नहीं है।
जगदीशपुर सुरक्षित सीट में आती है। ऐसे में यहां दलित वोटर्स की संख्या ज्यादा है। कांग्रेस का कभी कोर वोट बैंक रहा दलित अब दूसरे इलाकों में दूसरी पार्टियों में चला गया हो, लेकिन यहां अभी भी लोग कांग्रेस को अहमियत देते हैं।

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क्या कहते हैं जगदीशपुर के बाशिंदे ?

राहुल गांधी 2019 लोकसभा चुनाव हारने के 28 महीने बाद अमेठी दूसरी बार आ रहे हैं। इससे पहले चुनाव हारने के बाद जुलाई 2019 में अमेठी की जनता का शुक्रिया अदा करने आए थे। हालांकि, राहुल के अमेठी आगमन पर जनता में वह जोश नही दिख रहा है। हनुमान प्रसाद चौहान ने कहा कि राहुल और प्रियंका चुनावी माहौल देखने आ रहे हैं। उनका अगर पुराना नाता होता तो बीच में ही आते-जाते। पब्लिक की देखरेख करते। वैसे, वह स्मृति ईरानी से भी खुश नहीं हैं। कहते हैं कि महंगाई बढ़ गई है, जो गल्ला मिल रहा वह राजनीतिक गल्ला है। वैसे हनुमान प्रसाद का कहना है कि अबकी अमेठी से कांग्रेस जीतेगी।

हारीमऊ गांव से थोड़ा आगे दक्खिन गांव पड़ता है। यहां किसान गुड्डू शुक्ला से हमारी मुलाकात हुई, उन्होंने कहा कि राहुल का अमेठी से पारिवारिक नाता है। अब जब हार गए तो कुछ दिन नहीं आए, देख रहे थे कि ‌BJP वाले क्या कर रहे हैं। अब उनको समझ में आ रहा है कि अमेठी का कोई विकास नहीं हो सकता है। वे ही लोग उद्धार कर सकते हैं। इसीलिए आ रहे हैं।

इसी गांव के सुनील कुमार कहते हैं, हम लोग राहुल की वजह से ही जाने जाते हैं। पहले कांग्रेस सरकार सत्ता में थी, लेकिन हम लोग उनके विकास के बारे में जानते नहीं हैं। उन्होंने विकास किया, लेकिन जनता संतुष्ट नहीं हुई। महंगाई बढ़ी है, लेकिन सरकार BJP की ही सही है।

बघैया कमालपुर की प्रमिला देवी ने कहा कि अमेठी राहुल का क्षेत्र है़, लेकिन वो हमारा ध्यान नहीं देते। जो ध्यान देगा उसी के पास तो जाएंगे। महंगाई इतनी बढ़ी है कि अब हम मुलायम और अखिलेश को चाहते हैं। इसी गांव के सुनील कुमार कहते हैं, हम लोग राहुल की वजह से ही जाने जाते हैं। पहले कांग्रेस सरकार सत्ता में थी, लेकिन हम लोग उनके विकास के बारे में जानते नहीं हैं। उन्होंने विकास किया, लेकिन जनता संतुष्ट नहीं हुई। महंगाई बढ़ी है, लेकिन सरकार BJP की ही सही है।

स्मृति का किला भेद पाएंगे राहुल?

2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी के हाथों अमेठी में मिली हार के बाद से राहुल गांधी ने UP से दूरी बना ली। राहुल आखिरी बार अमेठी 10 जुलाई 2019 को पहुंचे थे, लेकिन उसके बाद कभी नहीं गए। इस दौरान स्मृति ने अपने किले को काफी मजबूत किया है।

अमेठी में राहुल की ताकत संजय सिंह ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली है। ऐसे में कहीं न कहीं राहुल गांधी अमेठी में कमजोर माने जा रहे हैं। दरअसल, संजय गांधी अमेठी में राहुल के मुख्य रणनीतिज्ञों में आते थे।

अमेठी में राहुल की ताकत संजय सिंह ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली है। ऐसे में कहीं न कहीं राहुल गांधी अमेठी में कमजोर माने जा रहे हैं। दरअसल, संजय गांधी अमेठी में राहुल के मुख्य रणनीतिज्ञों में आते थे।

सांसद रहने के दौरान राहुल का फोकस सिर्फ अपनी संसदीय सीट पर ही रहा। वह अमेठी की विधानसभा सीटों पर फोकस नहीं कर पाए। यही वजह रही कि 2012 में जहां अमेठी में सपा ने वर्चस्व जमाया था। वहीं, 2017 में BJP ने 4 में से 3 सीटें जीतीं।
राहुल का VIP होना भी उनके आड़े आता रहा। लोकल वर्कर उनसे मिल नहीं सकता है। साथ ही अमेठी को वह हमेशा निजी दौरा बनाकर चले। यही वजह रही कि यहां संगठन भी काम करता नहीं दिखता है। इसके उलट हर एक दो महीने पर स्मृति ईरानी का दौरा होता है।

राहुल की गैरमौजूदगी की वजह से अब विधानसभा से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक भाजपा का है। ऐसे में 2022 विधानसभा में कांग्रेस के लिए बड़ी मुश्किल पैदा हो सकती है। भाजपा के अलावा अखिलेश यादव भी कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने के लिए विजय रथ पर रवाना हो चुके हैं। एक दिन पहले उन्होंने कहा है कि हम अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट छोड़ते रहे हैं, लेकिन विधानसभा चुनावों में हमारा पूरा फोकस अमेठी और रायबरेली पर है। ऐसे में राहुल को भाजपा के अलावा सपा की चुनौती को भी स्वीकारना पड़ेगा।

UP विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी भले ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पास है, लेकिन अमेठी को मजबूत करने की कवायद में राहुल गांधी जुट गए हैं। हालांकि, साल दर साल अमेठी में कमजोर हुई कांग्रेस को 2017 में एक भी सीट नहीं मिली थी।

अमेठी है किसका गढ़?

UP विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी भले ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पास है, लेकिन अमेठी को मजबूत करने की कवायद में राहुल गांधी जुट गए हैं। हालांकि, साल दर साल अमेठी में कमजोर हुई कांग्रेस को 2017 में एक भी सीट नहीं मिली थी। स्मृति ईरानी की बनाई जमीन पर अमेठी की 4 में से 3 सीट पर भाजपा ने कब्जा जमाया था, जबकि एक पर सपा काबिज हुई थी।

अमेठी का चुनावी इतिहास

स्वतंत्र भारत में पहली बार 1952 में लोकसभा चुनाव का गठन हुआ। हालांकि, उस वक्त अमेठी सुल्तानपुर दक्षिण लोकसभा सीट का ही हिस्सा माना जाता था, जहां से कांग्रेस से बालकृष्ण विश्वनाथ केशकर सांसद बने थे।
1957 में यह क्षेत्र मुसाफिरखाना लोकसभा सीट का हिस्सा बना और केशकर तब भी यहां के सांसद बने रहे। अब तक के हुए 16 लोकसभा चुनावों और 2 उपचुनाव में कांग्रेस ने 16 बार जीत का परचम लहराया।
सिर्फ दो बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा जब 1977 में भारतीय लोकदल और 1998 में BJP ने इस सीट पर जीत दर्ज की।

आज देश के सामने दो सवाल हैं, बेरोजगारी और महंगाई। प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री इसका जवाब नहीं देते।

राहुल ने आगे कहा नरेंद्र मोदी तीन काले कानून लाए, पहले कहा किसानों के हित में है। एक साल किसान धरने पर बैठा, तब कह रहे हैं कि माफी मांग रहा हूं, गलती हुई। मैंने लोकसभा में सवाल उठाया तो सरकार ने कहा एक भी किसान नहीं मरा। हमने पंजाब में 400 किसान की मदद की, उन्होंने 700 किसान की नहीं की।

हाल ही में वो गंगा स्नान कर रहे थे अकेले, लेकिन यह नहीं बताते कि रोजगार क्यों नहीं मिल रहा?

राहुल ने आगे कहा नरेंद्र मोदी तीन काले कानून लाए, पहले कहा किसानों के हित में है। एक साल किसान धरने पर बैठा, तब कह रहे हैं कि माफी मांग रहा हूं, गलती हुई। मैंने लोकसभा में सवाल उठाया तो सरकार ने कहा एक भी किसान नहीं मरा। हमने पंजाब में 400 किसान की मदद की, उन्होंने 700 किसान की नहीं की। वो नोटबंदी और जीएसटी लेकर आए, क्या इसका फायदा किसानों को, दुकानदारों को मिला?

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राहुल गांधी 15 सालों तक अमेठी से सांसद रहे

गौरतलब है कि जगदीशपुर विधानसभा सीट आरक्षित है और यहां से भाजपा के सुरेश पासी विधायक हैं, जो प्रदेश सरकार में मंत्री भी हैं। राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की स्मृति ईरानी से हारने के बाद दूसरी बार अमेठी के दौरे पर आ रहे हैं। राहुल गांधी 15 सालों तक यहां से सांसद रह चुके हैं।

बीजेपी की स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 2019 के लोकसभा चुनाव में 19,000 से ज्यादा वोटों से मात दी थी। इससे पहले 2014 में भी स्मृति ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन वह दूसरे स्थान पर रही थीं। पराजय के बाद भी स्मृति ईरानी लगातार 5 सालों तक अमेठी में ऐक्टिव रहीं और 2019 में अमेठी की जनता ने उन्हें जीत के तौर पर आशीर्वाद दिया।

स्मृति ईरानी ने ऐसे दी थी राहुल को पटकनी

बीजेपी की स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 2019 के लोकसभा चुनाव में 19,000 से ज्यादा वोटों से मात दी थी। इससे पहले 2014 में भी स्मृति ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन वह दूसरे स्थान पर रही थीं। पराजय के बाद भी स्मृति ईरानी लगातार 5 सालों तक अमेठी में ऐक्टिव रहीं और 2019 में अमेठी की जनता ने उन्हें जीत के तौर पर आशीर्वाद दिया। 2019 के बाद अमेठी का गढ़ उखड़ने के साथ ही कांग्रेस उत्तर प्रदेश में महज एक सीट पर ही सिमट गई। रायबरेली सीट से सोनिया गांधी जीत हासिल करने में सफल रहीं। हालांकि उनकी जीत का अंतर भी पिछले आम चुनावों के मुकाबले कम हुआ है।

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