अमेठी में भाई-बहन को मिला वही पुराना प्यार, प्रतिज्ञा पदयात्रा में बोले राहुल- जो सच्चाई के साथ पूरा जीवन जिये, वही हिंदू

सांसद रहने के दौरान राहुल का फोकस सिर्फ अपनी संसदीय सीट पर ही रहा। वह अमेठी की विधानसभा सीटों पर फोकस नहीं कर पाए। यही वजह रही कि 2012 में जहां अमेठी में सपा ने वर्चस्व जमाया था। वहीं, 2017 में BJP ने 4 में से 3 सीटें जीतीं।
राहुल का VIP होना भी उनके आड़े आता रहा। लोकल वर्कर उनसे मिल नहीं सकता है। साथ ही अमेठी को वह हमेशा निजी दौरा बनाकर चले। यही वजह रही कि यहां संगठन भी काम करता नहीं दिखता है। इसके उलट हर एक दो महीने पर स्मृति ईरानी का दौरा होता है।