नेपाल केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होंगे प्रचंड गुट के तीन मंत्री

प्रचंड चाहते हैं कि भारत सीमा से सटे नेपाली प्रदेशों का मुख्यमंत्री हो भारतीय जनभावना की समझ वाला

नेपाल
यशोदा श्रीवास्तव, नेपाल मामलों के विशेषज्ञ

काठमांडू। नेपाल में इस समय मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सरगर्मी तेज है।

माओवादी पार्टी के एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि सबकुछ ठीकठाक रहा तो अगले हफ्ते किसी दिनों पीएम ओली मंत्रिमंडल विस्तार कर कुछ नए चेहरों को शामिल कर सकते हैं और कुछ की छुट्टी भी कर सकते हैं।

नेपाल के कुल सात प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों में से तीन पर भी बदलाव की गाज गिर सकती है।

यूपी सीमा को स्पर्श कर रहे प्रदेश नंबर पांच के मुख्यमंत्री शंकर पोखरेल का विकल्प भी तलाशा जा रहा है। यहां किसी मधेसी चेहरे पर दांव लगाया जा सकता है।

बता दें कि पीएम ओली और प्रचंड के बीच कुर्सी को लेकर मचे घमासान के थमने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद चल रही है।

नए विस्तार में प्रचंड गुट के कम से कम तीन मंत्रियों को जगह मिल सकती है।

दो चरणों में होगा मंत्रिमंडल और प्रदेश सरकार का पुनर्गठन

मंत्रिमंडल विस्तार और प्रदेश सरकार का पुनर्गठन दो चरणों में होगा।

पहले चरण में केंद्रिय मंत्रिमंडल का विस्तार होगा और दूसरे चरण में प्रदेश सरकार का पुनर्गठन होगा।

काठमांडू राजनितिक गलियारों में चर्चा है कि सात प्रदेश में से तीन प्रदेशों के मुख्यमंत्री बदले जा सकते हैं।

प्रदेश मंत्रिमंडल में भी भारी फेरबदल होगा। प्रदेश मंत्रिमंडल में जगह पाने के लिए काठमांडू में लाविंग शुरू हो गई।

प्रचंड से करीब दो माह तक चले विवाद से मुक्ति हुए पीएम ओली सरकार और पार्टी में संतुलन बनाए रखने की कोशिश में हैं।

केंद्र तथा प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार में इस संतुलन पर खास ध्यान रहेगा।

सीमावर्ती प्रदेशों के सीएम के लिए खास ध्यान

जिन तीन प्रदेशों के मुख्यमंत्री बदले जाएंगे वहां प्रचंड गुट के मुख्यमंत्री हो सकते हैं।

भारत सीमा से सटे नेपाली प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों का चयन बहुत सूझबूझ से होगा।

प्रचंड चाहते हैं कि सीमावर्ती प्रदेशों के मुख्यमंत्री ऐसे हों जो कम से कम नेपाल से सटे भारतीय वातावरण और जनभावनाओं की समझ रखता हो।

ताकि वह भारत के प्रदेश स्तरीय सरकार से राजनीतिक सामंजस्य कायम रख सके।

इससे दोनों देशों के बीच गलतफहमियां कम होने के साथ तनाव भी कम होगा।

प्रचंड मौजूदा दौर में भारत से मधुर संबंध के पक्षधर हैं।

फिलहाल पीएम ओली, प्रचंड और पार्टी महासचिव विष्णु पौडेल की संयुक्त कमेटी प्रदेशों के नए मुख्यमंत्री, मंत्री और केंद्रीय मंत्रियों की स्क्रीनिंग कर रही है।

केंद्र में 25 मंत्रियों के सापेक्ष अभी 22 मंत्री हैं।

तीन मंत्री तो बिल्कुल नए होंगे जबकि 22 में से परफारमेंस के आधार पर करीब 6 मंत्रियों की छटनी होनी है और इतने ही मंत्रियों के विभाग बदले जाएंगे।

जिन 6 मंत्रियों की छटनी होगी,उनकी जगह पर नए मंत्री बनाए जाएंगे।

पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पर्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ और पार्टी उपाध्यक्ष बामदेव गौतम को कैबिनेट मंत्री बनाए जाने की चर्चा तेज है।

वहीं गृहमंत्री राम बहादुर थापा व रक्षामंत्री ईश्वर पोखरेल के विभाग बदले जा सकते हैं।

इसी तरह प्रदेश पांच के अलावा दो और प्रदेश के मुख्यमंत्री पद मुक्त हो सकते हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल में पीएम ओली गुट के जिन चेहरों के शामिल होने की चर्चा चल रही है उनमें भीम रावल, सुरेन्द्र पाण्डे, सोमप्रसाद पाण्डे, गणेश ठगुन्ना और प्रेम आले का नाम प्रमुख रूप से है।

वहीं प्रचंड गुट की ओर से जनार्दन शर्मा, हरिबोल गजुरेल, टोपबहादुर रायमाझी, देवेन्द्र पौडेल, प्रभु शाह और  पम्फा भुसाल के नाम की चर्चा है।

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