अध्यात्म
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प्राण का आधार कभी खंडित नहीं होता
🔊 सुनें संत विनोबा बताते हैं कि ईशावास्य उपनिषद के अनुसार प्राण का आधार कभी खंडित नहीं होता। इसलिए प्राण…
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अष्टशक्तियों की अवधारणा का निहितार्थ
🔊 सुनें डॉ. चन्द्रविजय चतुर्वेदी शास्त्रों में अष्टशक्तियों का उल्लेख आता है जो अपने वाहनों से शक्ति का संचरण ,सम्प्रेषण…
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प्रकाश से अधिक गति मन की, ईश्वर सबसे गतिवान
🔊 सुनें आज का वेद चिंतन प्रस्तुति : रमेश भैया विनोबा भावे ईशावास्य उपनिषद काचौथा मंत्र पढ़ते हैं – अनेजदेकं…
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साधना की सभी युक्तियों में भक्ति जोड़ने से स्थितप्रज्ञ की स्थिति
🔊 सुनें गीता प्रवचन दूसरा अध्याय संत विनोबा कहते हैं कि वह साधना की अपनी सब युक्तियाँ काम में लाये,…
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संयम मूर्ति होता है स्थितप्रज्ञ
🔊 सुनें गीता प्रवचन दूसरा अध्याय संत विनोबा कहते हैं कि ‘स्थितप्रज्ञ’ यानी स्थिर बुद्धिवाला मनुष्य, यह तो उसका नाम…
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हमें खुद कर्म करना चाहिए
🔊 सुनें आज का वेद चिंतन प्रस्तुति : रमेश भैया विनोबा भावे ईशावास्य उपनिषद का तीसरा मंत्र पढ़ते हैं –…
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नाना रूप धरा देवी ने
🔊 सुनें नवरात्रि आ गयी है यानी कि 9 दिनों तक शक्ति की उपासना के लिए देवी के अलग-अलग रूपों…
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मुक्ति के लिए कर्म छोड़ने की जरूरत नहीं
🔊 सुनें आज का वेद चिंतन विचार प्रस्तुति : रमेश भैया ईशावास्य उपनिषद जिजीविषेत् शतं समाः – जिजीविषा यानी जीने…
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भक्ति प्राप्त करने को मिलता है जन्म
🔊 सुनें संत विनोबा कहते हैं कि पुंडलीक के उदाहरणसे यह मालूम हो जाता है कि फल-त्याग किस मंजिल तक…
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कर्म करने वाला ही जीने का अधिकारी
🔊 सुनें संत विनोबा ईशावास्य उपनिषद मंत्र पढ़ते हैं कि कुर्वनेवेह कर्माणि जिजीविषेत् शतम समा: एवं त्वयि नान्यथेतोअस्ति न कर्म…
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