उत्तराखंड में श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुले

बद्रीनाथ के कपाट 15 मई को खुलेंगे

ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ भगवान के कपाट बुधवार 29 अप्रैल को  खुल गये । प्रात: तीन बजे से ही कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गयी थी। पुजारी शिवशंकर लिंग एवं  वेदपाठी मंदिर के दक्षिण द्वार पूजन के बाद मुख्य मंदिर परिसर में  प्रविष्ठ हुए। मुख्य द्वार पर कपाट खोलने की प्रक्रिया पूरी हुई।  भैरवनाथ जी का आवाह्न किया गया। मुहूर्त के अनुसार घड़ी देखकर ठीक  प्रात:6 बजकर 10 मिनट पर भगवान केदारनाथ जी के कपाट खोल दिये गये।

कपाट खुलने के अवसर पर उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी बी.डी.सिंह, तहसीलदार जयबीर राम बधाणी एवं पुलिस चौकी प्रभारी मंजुल रावत  मुख्य द्वार पर मौजूद थे। पुजारी शिवशंकर लिंग ने रूद्राभिषेक एवं जलाभिषेक पूजा संपन्न की भगवान केदारनाथ जी का जलाभिषेक किया गया।इस दौरान शोसियल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया।

 कपाट खुलने के पश्चात सर्व प्रथम  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की ओर से रूद्राभिषेक पूजा संपन्न की गयी। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित पर्यटन-धर्मस्व मंत्री सतपाल जी महाराज ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर शुभकामनाएं दी है आशा प्रकट की है कि जल्द देश एवं विश्व से कोरोना का संकट समाप्त हो जायेगा तथा चार धाम यात्रा को गति मिलेगी। उल्लेखनीय है कि कोरोना से बचाव के मद्देनजर यात्राओं की अनुमति नहीं है अभी केवल कपाट खोले जा रहे है। ताकि धामों में पूजा अर्चना शुरू सके। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कपाट खुलने पर बधाई संदेश भेजा है। चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ‌ममगाई‌ ने केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर बधाई दी है।

पर्यटन-धर्मस्व सचिव दिलीप जावलकर ने यात्रा संबंधी ब्यवस्थाओं हेतु ब्यापक दिशा निर्देश जारी किये हैं।ताकि कोरोना महामारी की समाप्ति के पश्चात उच्च स्तरीय दिशानिर्देशों के तहत प्रदेश में चारधाम यात्रा को पटरी पर लाया जा सके।

उल्लेखनीय है कि वुड स्टोन कंपनी  ने केदारनाथ में बर्फ के ग्लेशियरों को काट कर मंदिर तक पहुंचने हेतु  विषम परिस्थितियों में कार्यकर रास्ता बनाया।  आयुक्त गढ़वाल /  उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रमन रविनाथ ने बताया कि  मार्च महीने से ही प्रशासन ने बुड स्टोन कंपनी को केदारनाथ पहुंच़ने हेतु मार्ग बनाने को कहा गया था।कंपनी ने कपाट खुलने से पहले मार्ग तैयार कर दिया,जबकि अभी भी केदारनाथ में 4 से 6 फीटतक बर्फ देखी जा सकती है। 

 इन्हीं ग्लेशियरों को काटकर बनाये रास्तों से होकर  भगवान केदारनाथ की पंच मुखी डोली पैदल मार्ग से गौरीकुंड से  श्री केदारनाथ धाम पहुंची। 

देवस्थानम  बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जानकारी दी कि कपाट खुलने के उपलक्ष्य में ऋषिकेश के दानीदाता सतीश कालड़ा द्वारा श्री केदारनाथ मंदिर को 10 क्विंटल गैंदा, गुलाब एवं अन्य फूलों से सजाया गया था।  रात्रि को मंदिर  बिजली की रोशनी से जगमगा रहा था।श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के दौरान पिछले वर्षों की भांति सेना का बेंड शामिल नहीं हुआ। तथा बेहद सादगी पूर्वक मंदिर के कपाट खुले।

   बताया गया  कि श्री केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग उखीमठ में चौदह दिनों की क्वारंटीन में हैं अत:उनके प्रतिनिधि के तौर पर पुजारी शिवशंकर लिंग ने कपाट खुलने की संपूर्ण प्रक्रियाओं का निर्वहन किया। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड के चार में से तीन धामों के कपाट खुल गये है।श्री गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट   अक्षय तृतीया के अवसर पर 26 अप्रैल को खुल चुके है जबकि  श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खुलेंगे।

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