SGPGI के प्रोफ़ेसर ज्ञान चन्द ने रचा इतिहास

SGPGI
डॉ. ज्ञान चंद

SGPGI लखनऊ के इतिहास में पहली बार PARA THYROID gland का दूरबीन विधि द्वारा सफल आपरेशन हुआ।

जहाँ एक तरफ़ कोरोना के कारण मरीज़ों को साधारण इलाज मिल पाना भी मुश्किल है वहीं SGPGI के डॉक्टर बड़ी-बड़ी और बेहद कठिन सर्जरी सफलता से पूर्ण कर रहें हैं।

मरीज़ यास्मीन मूलतः कश्मीर की रहने वाली हैं।

देशभर के कई अस्पतालों में भटकने के बाद उन्होंने SGPGI लखनऊ के Endocrine Surgery विभाग के वरिष्ठ प्रोफ़ेसर ज्ञान चन्द से परामर्श लिया।

लम्बी जाँच पड़ताल के बाद प्रो. ज्ञान ने para thyroid gland का आपरेशन दूरबीन द्वारा करने का निश्चय किया जो कि चिकित्सकों के बीच अब तक असम्भव सी शल्य क्रिया मानी जाती रही है।

किंतु अपनी सूझ-बूझ और संकल्प के बल पर प्रो. ज्ञान ने पूरे देश में SGPGI लखनऊ को एक ऊँचा स्थान दिलाया।

दिल्ली के बड़े अस्पताल से लौटे थे मरीज

बताते चलें कि इसी शल्य चिकित्सा के लिए मरीज़ याशमीन और उनके पिता बसीर दिल्ली के एक बड़े अस्पताल गये थे।

वहाँ उन्हें बताया गया कि गले पर कट लगा कर ट्यूमर निगाल देंगे जिसपर 26 वर्षीया यास्मीन, जिनकी हाल ही में शादी हुई है, राज़ी नहीं हुईं।

उनके पिता बसीर स्वयं श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रोफ़ेसर हैं।

उन्होंने अपनी बेटी को ऑपरेशन के बाद गले पर आने वाले निशान से बचाने की मंशा से अपने कई डॉक्टर मित्रों से सम्पर्क किया।

इसमें से एक डॉक्टर ने उनको डॉक्टर ज्ञान चंद के बारे में बताया क्योंकि अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा सम्मेलन दिल्ली के दौरान एसजीपीजीआई के प्रोफ़ेसर ज्ञान को दूरबीन विधि से थाइरॉड की LIVE सर्जरी करते देखा था।

यास्मीन अपनी गर्दन पर बिना निशान वाली सफल सर्जरी से बेहद खुश दिखीं और उनके पिता ने डॉक्टर ज्ञान के इस कौशल को पूरे एशिया में श्रेष्ठ बताया।

इस दुर्लभ कार्य पर SGPGI के निदेशक प्रोफ़ेसर धीमान ने कहा “It was the first successful bilateral axillo-breast approach (BABA) endoscopic parathyroidectomy in the SGPGIMS during this Covid era. It’s the first such kind of surgery in any government hospital in Uttar Pradesh,”

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