PM मोदी से प्रियंका गांधी, मायावती और वरुण गांधी के सवाल
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी अभी भी आपके मंत्रिमंडल में अपने पद पर बने हुये हैं. यदि आप इस कॉन्फ्रेंस में आरोपी के पिता के साथ मंच साझा करते हैं तो पीड़ित परिवारों को स्पष्ट संदेश जायेगा कि आप अभी भी कातिलों का संरक्षण करने वालों के साथ खड़े हैं.
तीनों कृषि कानूनों की वापसी के पीएम मोदी के ऐलान के बाद राजनीतिक गलियारों में बीजेपी और मोदी सरकार की आलोचनाओं का दौर शुरू हो गया है. विपक्षी पार्टियां पीएम मोदी और बीजेपी सरकार के इस ऐलान में हुई देरी और लखीमपुर खीरी हत्याकांड के आरोपियों पर अब तक कार्रवाई न होने के मुद्दे पर सवाल उठा रही है. खासकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने खत लिखकर इस पर पीएम मोदी से कुछ सवाल किये हैं. दूसरी ओर बीजेपी के वरिष्ठ नेता वरुण गांधी ने भी खत लिखकर पीएम मोदी को एमएसपी पर भी जल्दी ही कोई फैसला लेने के लिए अनुरोध किया है. वहीं, बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी खत लिखकर पीएम मोदी से एमएसपी को लेकर गंभीरता से जल्दी ही फैसला लेने का अनुरोध किया है. अब देखना यह है कि पीएम मोदी की ओर से इतने सारे सवालों पर क्या जवाब आता है?
मीडिया स्वराज डेस्क
शुक्रवार को गुरु पर्व की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया. उन्होंने देशवासियों और किसानों से माफ मांगते हुये यह घोषणा की कि वे तीनों कृषि कानून वापस ले रहे हैं. पीएम मोदी की इस घोषणा के बाद देश भर से प्रतिक्रियायें आने लगीं. अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने खत लिखकर पीएम मोदी को उनके तीन दिवसीय यूपी दौरे पर आने के बाद उनका स्वागत किया है.
प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत में लिखा, कल आपने तीन काले कृषि कानूनों को किसानों पर थोपने के अत्याचार को स्वीाकर करते हुये उन्हें वापस लेने की घोषणा की. मैं अखबारों में पढ़ा है कि आज आप लखनऊ में होने वाली डीजीपी कॉन्फ्रेंस में देश की कानून व्यवस्था संभालने वाले आला अधिकारियों से चर्चा करेंगे.
लखीमपुर किसान नरसंहार में अन्नदाताओं के साथ हुई क्रूरता को पूरे देश ने देखा. आपको यह जानकारी भी है कि किसानों को अपनी गाड़ी से कुचलने का मुख्य आरोपी आपकी सरकार के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा है. राजनीतिक दबाव के चलते इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने शुरुआत से ही न्याय की आवाज को दबाने की कोशिश की. उच्चतम न्यायालय ने इस संदर्भ में कहा कि सरकार की मंशा देखकर लगता है कि सरकार किसी विशेष आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही है.
मैं लखीमपुर के शहीद किसानों के परिजनों से मिली हूं. वे असहनीय पीड़ा में हैं. सभी परिवारों का कहना है कि वे सिर्फ अपने शहीद परिजनों के लिए न्याय चाहते हैं और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद पर बने रहते हुये उन्हें न्याय की कोई आस नहीं है. लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में जांच की हालिया स्थिति उन परिवारों की आशंका को सही साबित करती है. देश की कानून व्यवस्था के जिम्मेदार गृह मंत्री अमित शाह एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आपके उसी मंत्री के साथ मंच साझा कर रहे हैं.
आप देश के प्रधानमंत्री हैं, आप देश के किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह से समझते होंगे. हर देशवासी के लिए न्याय सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री का कर्तव्य ही नहीं, उनका नैतिक दायित्व होता है. कल देशवासियों को संबोधित करते हुये आपने कहा कि सच्चे मन और पवित्र हृदय से किसानों के हित को देखते हुये कृषि कानूनों को वापस लेने का अभूतपूर्व निर्णय लिया गया है. आपने यह भी कहा कि देश के किसानों के प्रति आप नेक नीयत रखते हैं. यदि यह सत्य है तो लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में पीड़ितों को न्याय दिलवाना भी आपके लिये सर्वोपरि होना चाहिए.
लेकिन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी अभी भी आपके मंत्रिमंडल में अपने पद पर बने हुये हैं. यदि आप इस कॉन्फ्रेंस में आरोपी के पिता के साथ मंच साझा करते हैं तो पीड़ित परिवारों को स्पष्ट संदेश जायेगा कि आप अभी भी कातिलों का संरक्षण करने वालों के साथ खड़े हैं. यह किसान सत्याग्रह में शहीद 700 से अधिक किसानों का घोर अपमान होगा.
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