सत्ता के दोहरे मानदंड
यू पी ए 2 काल में भ्रष्टाचार को मुद्दा बना कर 2011 में अप्रेल के महीने मे देश मे सशक्त लोकपाल व लोक आयुक्त को स्थापित करने के लिये अन्ना हजारे ने जन्तर मंतर में पहली बार धरना दिया था जो बाद मे एक अंदोलान के रूप मे उभरा. इसके परिणाम का लाभ जहां एक ओर भाजपा को मिला तो साथ मे दूसरी छोर पर अरविन्द केजरीवाल एक नयी पार्टी आम आदमी के सर्वेसर्वा के रूप मे स्थापित हो गये !
आँदोलन के दंश मे देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस न केवल सत्ता को खोया बल्कि एक बडा जनाधार भी कांग्रेस की विचारधारा से छिटक गया ! भ्रष्टाचार के दाग ने कांग्रेस पार्टी को राष्ट्रीय राजनीति मे हाशिये पर ला खडा किया जिससे अभी भी पार्टी उभर नहीं पा रही !
जन लोकपाल , लोक आयुक्त आन्दोलन का उद्देश्य व्यवस्थाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना व राजनीतिक शुचिता तथा पारदर्शिता को स्थापित करना निर्धारित किया गया था !
पिछले एक दशक मे सत्ता के मिजाज मे कोई खास परिवर्तन स्पष्ट तौर पर कहीं धरातल पर दिखायी नहीं दिया ! भारतीय जनता पार्टी भी सत्ता के दोहरे मानदंड की परंपराओं से छुटकारा पाने में विफल ही साबित हो रही है !
ताजा मामला उतर प्रदेश मे उप लोकायुक्त की नियुक्ति से सम्बंधित है ! 6 अप्रेल सोमवार को राज्यपाल ने सेवानिवृत पूर्व न्यायधीश सुरेन्द्र कुमार यादव की नियुक्ति की है ! बाबरी मसजिद ढ़हाने के मामले मे 32 अभियुक्तों को स्पेशल सी बी आई न्यायालय से बरी करने वाले ज़िला जज एस के यादव को उतर प्रदेश मे उप लोकायुक्त की नियुक्ति मिली है ! 32 अभियुक्तों मे भा ज पा के कई शीर्ष नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी , मुरली मनोहर जोशी , कल्याण सिंह ,उमा भारती के नाम शामिल थे !
इस से पहले राम जन्म भूमि मामले में भारत के सर्वोच्च न्यायालय की खण्डपीठ ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता मे ऐतिहासिक निर्णय दिया था ! वर्तमान मे पूर्व मुख्य न्यायधीश भा ज पा द्वारा मनोनीत राज्य सभा के सदस्य हैँ !
राम जन्म भूमि विवाद में विवादित स्थल पर मूर्तियां रखे जाने के विवाद में के के नैयर का नाम भी आया था ! के के नैयर भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी थे और उतर प्रदेश के विभिन्न जिलों मे प्रशसनिक अधिकारी के तौर पर काम किया ! 1 जून 1949 से 14 मार्च 1950 तक के के नैयर फैजाबाद मे प्रशासनिक अधिकारी थे ! बाद में भारतीय प्रशासनिक सेवा त्याग कर इलाहाबाद मे वकालत की ! 1967 मे जन संघ ने उन्हें चौथी लोकसभा के लिये बहराइच से पार्टी का प्रत्याशी बनाया और जीत सुनिश्चित की !