निजीकरण के खिलाफ मजदूरों की राष्ट्रीय हड़ताल को वर्कर्स फ्रंट का समर्थन


28-29 मार्च को होगी राष्ट्रव्यापी मजदूरों की हड़ताल
लखनऊ, 22 मार्च 2022, मजदूर विरोधी चार लेबर कोड बनाने और निजीकरण के खिलाफ आयोजित केन्द्रीय श्रम संघों की 28-29 मार्च को आयोजित राष्ट्रव्यापी हड़ताल को वर्कर्स फ्रंट ने समर्थन दिया है। वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर ने प्रेस को जारी अपने बयान में कहा कि ग्लोबल कैपीटल और देशी बड़े कारपोरेट घरानों के हितो को पूरा करने के लिए मोदी सरकार लगातार मजदूर वर्ग पर हमला कर रही है।

ईपीएफ की ब्याज दरों में कटौती इसका ताजा उदाहरण है। इस कटौती से असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सर्वाधिक नुकसान होगा। इससे पहले सरकार ने 44 श्रम कानूनों को खत्म कर मजदूर विरोधी चार लेबर कोड संसद से पारित किए। जिसमें काम के घंटे बढ़ाकर बारह करने का प्रावधान है। सरकार लगातार सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण करने में लगी हुई है। रेलवे, एयर लाइंस, बंदरगाह, बिजली, कोयला, बैंक, बीमा समेत प्रत्येक राष्ट्रीय सम्पदा को बेचा जा रहा है।

रोजगार का गहरा संकट और आर्थिक असमानता बढ़ रही है। लाखों सरकारी विभागों में खाली पदों पर भर्ती नहीं निकाली जा रही है। महंगाई बेकाबू हो गई है और पेट्रोल डीजल के दामों में वृद्धि ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। इसके खिलाफ देश के सभी प्रमुख श्रमिक संघों ने 28-29 मार्च को अखिल भारतीय हड़ताल का आयोजन किया है जिसमें वर्कर्स फ्रंट भी शरीक होगा।

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