शाहनवाज़ आलम की गिरफ़्तारी के विरोध में कांग्रेस का प्रदर्शन
(मीडिया स्वराज़ डेस्क)
लखनऊ, 29 जून 2020 । उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन श्री शाहनवाज आलम की गिरफ्तारी को गैरकानूनी और अति निंदनीय बताया है ।पार्टी ने एक बयान में कहा,” श्री शाहनवाज़ आलम को अवैध तरीके से सादी वर्दी में कुछ पुलिस वाले अगवा किये और दो घंटे तक उनके बाबत कोई भी जानकारी नहीं दी गयी।”आज सुबह उत्तर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से विरोध दर्ज कराने जा रहे प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू और आराधना मिश्रा मोना समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और शाम 4 बजे रिहा किया।
प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने जारी बयान में कहा कि पूरे प्रदेश में भाजपा सरकार दमन का चक्र चला रही है। आये दिन पुलिस के दम पर लोकतंत्र को कुचला जा रहा है ।अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन शाहनवाज़ आलम की देर रात गिरफ़्तारी अवैध , अलोकतांत्रिक और निंदनीय है। कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जनता के मुद्दों पर आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भाजपा सरकार यूपी पुलिस को दमन का औज़ार बनाकर दूसरी पार्टियों को आवाज उठाने से रोक सकती है, हमारी पार्टी को नहीं। यह पुलिसिया कार्रवाई दमनकारी और आलोकतांत्रिक है।
कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने इस पुलिसिया राज की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह योगी आदित्यनाथ की सरकार का राजनीतिक द्वेषपूर्ण और कायरता भरा कदम है। सरकार विपक्ष की आवाज़ की दबाना चाहती । कांग्रेस के बढ़ते प्रभाव से योगी सरकार की बौखलाहट साफ साफ दिख रही है।
आरोप है कि शाहनवाज आलम को पुलिस ने गोल्फ लिंक अपार्टमेंट्स के गेट से ‘असंवैधानिक तरीके’ से उठा लिया और लगभग घण्टे भर किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी।
कांग्रेस अनुसूचित विभाग कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष तनुज पुनिया के हवाले से कहा गया कि शाहनवाज़ आलम की असंवैधानिक गिरफ्तारी योगी आदित्यनाथ की सरकार को बहुत महंगी पड़ेगी।
बयान के अनुसार कल रात हजरतगंज कोतवाली पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया जिसमें महासचिव मनोज यादव, अभिमन्यु सिंह, शिवम तिवारी, तारिक, राजेश सिंह काली समेत दर्जनों कार्यकर्ता जख्मी हुए। कांग्रेस पार्टी इस बर्बर दमन का निंदा करती है।