एक नज़र इधर भी डालो सरकार, ये आपके मालिक हैं
have a look my Lord !
यह चित्र इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के सामने से गुजर रही सड़क Faizabad Road का है. प्रशासन की घोर उपेक्षा से ये लोग अब अमानवीय और शैतानी शहरी सभ्यता को ठोकर मारकर जैसे तैसे गाँव जा रहे हैं. चित्र और कविता पत्रकार पाटेश्वरी की फ़ेस्बुक वाल से साभार
हर तरफ बेबसी है
और हर तरफ लाचारी है
मज़दूर के हालात देख कर
दिल बहुत भारी है
कंधे पर बिठा कर बच्चे को
निकल पड़ा है वो
मीलों दूर है मंज़िल,
सफ़र पैदल ही जारी है
गरीबी, बेरोज़गारी और भुखमरी
क्या कम थी
जो ऊपर से ये नई आफत
कोरोना महामारी है
देखना है और कितना
इम्तिहान लेगी ज़िन्दगी
कश्मकश है दिल में
लेकिन हिम्मत नहीं हारी है
तमाम बीमारियां भी
कुछ नहीं इसके सामने
यहां गरीब पैदा होना ही
सबसे बड़ी बीमारी है।।