इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एटा के वकील की पुलिस पिटाई पर सीजेम से रिपोर्ट माँगी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एटा के सरकारी वकील राजेन्द्र शर्मा पर 21 दिसम्बर को पुलिस की बर्बर कार्यवाही और पिटाई के संबंध में सीजेम चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट एटा से रिपोर्ट तलब की है .
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह सुनवाई बार कौंसिल उत्तर प्रदेश के चेयरमैन जानकी शरण पांडेय के पत्र के आधार पर की है .
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीजेएम एटा से इस मामले मे सारे तथ्यों ऑडियो विज़ुअल इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों का परिशीलन करते हुए आवश्यक जांच करने का निर्देश दिया।
सीजेएम एटा को इस जांच रिपोर्ट को इस मामले की अगली नियत तारीख 8 जनवरी 2021 से पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रस्तुत करनी है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एटा के जिला अधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को सीजेएम का सहयोग करने के निर्देश दिए और दोनो को सीजेएम एटा को इस मामले के सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख8 जनवरी 2021 नियत की।
आरोप है कि पुलिस ने वकील राजेन्द्र शर्मा का मकान जबरन एक भाजपा नेता को दिलाने के लिए भीड़ के साथ धावा बोला . वकील और उनके परिवार के लोगों को बुरी तरह मारा पीटा और फ़र्ज़ी मुक़दमों में जेल भेज दिया .
इलाहाबाद हाईकोर्ट और निचली अदालत ने मकान के मामले में यथास्थिति क़ायम रखने का आदेश दे रखा था .इसलिए क़ानून पुलिस कार्यवाही अदालत की अवमानना है .
पुलिस प्रशासन की इस बर्बरतापूर्ण कार्यवाही के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों के वकील ऑंदोलित हैं .
बार कौंसिल उत्तर प्रदेश के आह्वान पर शनिवार को वकीलों की हड़ताल भी थी .
एटा के वकील के साथ अत्याचार के मसले पर बार कौंसिल की अगली बैठक दो जनवरी को है .
बार कौंसिल चेयरमैन जानकीशरण पांडेय ने इस बात पर दुख प्रकट कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के अभी तक इस मामले पर उनके पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं की .
समझा जाता है कि योगी सरकार मकान पर जबरन क़ब्ज़ा करने वाले भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेता को बचाने का प्रयास कर रही है .
राम दत्त त्रिपाठी