Chandigarh News: केंद्र सरकार के निजीकरण नीतियों के विरोध में लाखों कर्मचारी करेंगें हड़ताल
चंडीगढ़ के निजीकरण के विरोध में सभी बिजली कर्मचारी 01 फरवरी को चंडीगढ़ में राज्यपाल को ज्ञापन देंगे.
Chandigarh News: केन्द्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में आगामी 23 व 24 फरवरी को देशभर में लाखों बिजली कर्मचारी व इंजीनियर दो दिनों की हड़ताल करेंगे. चंडीगढ़ के निजीकरण के विरोध में सभी बिजली कर्मचारी 01 फरवरी को चंडीगढ़ (Chandigarh) में राज्यपाल को ज्ञापन देंगे. बता दें कि नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लाईज एन्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) के आव्हान पर देश के सभी प्रान्तों के 15 लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियर आगामी 23 व 24 फरवरी को केन्द्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में दो दिवसीय हड़ताल में हिस्सा लेंगे। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लाईज एन्ड इंजीनियर्स की आज ऑनलाइन हुई मीटिंग में हड़ताल का निर्णय लिया गया. इस मीटिंग की अध्यक्षता ऑल इंडिया पावर रेंजर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने की है. मीटिंग में इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के.के.ओ हबीब, प्रशांत चौधरी, सुभाष लाम्बा ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के रत्नाकर राव ,पद्मजीत सिंह व के अशोक राव, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ़ पावर डिप्लोमा इंजीनियर के आर. के त्रिवेदी, अभिमन्यु धनखड़, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज के कृष्णा भोयूर और ऑल इंडिया पावर मेन्स फेडरेशन के समर सिन्हा ने हिस्सा लिया.
इस दौरान शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि मीटिंग में यह निर्णय लिया गया कि आगामी 23 व 24 फरवरी को देश भर की ट्रेड यूनियनों द्वारा दी गई दो दिवसीय हड़ताल की नोटिस के साथ देश के 15 लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियर भी केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में दो दिन की हड़ताल में हिस्सा लेंगे. उन्होंने बताया कि बिजली कर्मचारियों व इंजीनियरों की मुख्य मांग है- इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 वापस लिया जाए, सभी प्रकार के निजीकरण की प्रक्रिया बंद की जाए, केंद्र शासित प्रदेशों खासकर मुनाफा कमाने वाले चंडीगढ़ ,दादरा नगर हवेली दमन दिउ तथा पुडुचेरी के बिजली के निजीकरण का फैसला रद्द किया जाए. बिजली बोर्डों के विघटन के बाद नियुक्त किए गए सभी बिजली कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम के अंतर्गत लाया जाए. राज्यों में सभी बिजली कंपनियों का एकीकरण कर केरल के केएसईबी लिमिटेड और हिमाचल प्रदेश के एचपीएसईबी लिमिटेड की तरह एसईबी लिमिटेड गठित किया जाए, नियमित पदों पर नियमित भर्ती की जाए और सभी संविदा कर्मचारियों को तेलंगाना सरकार की तरह नियमित किया जाए.
उन्होंने बताया कि 1 फरवरी को केंद्र शासित प्रदेशों के निजीकरण के विरोध में चंडीगढ़ व पांडिचेरी के बिजली कर्मी एक दिन की हड़ताल कर रहे हैं। चंडीगढ़ वा पांडिचेरी के बिजली कर्मियों के समर्थन में देशभर में बिजली कर्मचारी 1 फरवरी को विरोध प्रदर्शन करेंगे। साथ ही नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स के केंद्रीय पदाधिकारी एक फरवरी को चंडीगढ़ में राज्यपाल से मिलकर निजीकरण के विरोध में ज्ञापन देंगे। उन्होंने बताया चंडीगढ़ का बिजली विभाग लगातार मुनाफे में चल रहा है ।वर्ष 2020 -21 में चंडीगढ़ के बिजली विभाग ने 257 करोड़ रु का मुनाफा कमाया है, चंडीगढ़ की हानियां मात्र 09.2% हैं और चंडीगढ़ का टैरिफ हरियाणा और पंजाब से काफी कम है। ऐसे में लगातार मुनाफा कमाने वाले बिजली विभाग का निजीकरण स्वीकार्य नही है और उसके विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा.