Lata Mangeshkar Coronavirus : आईसीयू में भर्ती लता मंगेशकर के स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना

स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) Lata Mangeshkar Coronavirus अभी कोरोना संक्रमित हो गई हैं. कुछ दिनों से वह आईसीयू में भर्ती हैं. उनके स्वस्थ को लेकर लोग प्रार्थना कर रहे हैं. 92 साल की लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के जैसा पूरे विश्व में कोई नहीं हैं. आज हम आपको बताएंगे अपनी आवाज के दम पर लोगों के दिलों पर राज करने वाली सुरों की देवी लता मंगेशकर (lata mangeshkar biography in hindi) के बारे में. आज यह भी बताएंगे की कैसे गरीब परिवार में जन्मी एक लड़की भारत (Lata Mangeshkar Jivani) की आवाज बनी.

लता मंगेशकर जन्म (Lata Mangeshkar Janm)

भारत की शान लता मंगेशकर का जन्म (Lata Mangeshkar Janm) 28 सितंबर 1929 में मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था. इनके पिता दीनानाथ मंगेशकर (Lata Mangeshkar Father Deenanath Mangeshkar) गायक के साथ-साथ कलाकार भी थे. वहीं लता मंगेशकर के माता का नाम शेवंती मंगेशकर (Shevanti Mangeshkar) था. यह दूसरी बात है कि लता का जन्म इंदौर में हुआ लेकिन उनकी परवरिश महाराष्ट्र में हुआ. लता अपनी भाई  बहनों में सबसे बड़ी हैं.

लता मंगेशकर के भाई बहन (Lata Mangeshkar Ke Bhai Bahan)

सुर कोकिला लता मंगेशकर के चार बहन और भाई हैं. इनके भाई का नाम भाई हृदयनाथ मंगेशकर और बहनों का नाम उषा मंगेशकर, आशा भोंसले, मीना मंगेशकर और संगीत है. वैसे इनके सभी भाई बहन संगीत को ही अपना जीविका चुना है.

लता कब से गायक बनना चाहती थी

लता दीदी के घर में बचपन से ही गायिका का माहौल था. वह बचपन से ही गायक बनना चाहती थी.

बचपन में हो गया था प्यार

लता मंगेशकर को बचपन में प्यार हो गया था. वह अपने बचपन के दिनों में ‘कुंदन लाल सहगल की फिल्म ‘चंडीदास’ देखकर उनकी दीवानी हो गई थी. बचपन के दिनों में उन्होंने सोच रखा था कि बड़ी होकर वह ‘सहगल’ से शादी करेगी.

लता ने इस फिल्म के लिए पहली बार गाया था गाना

लता ने बचपन के दिनों में ही सिंगिग करना शुरू कर दिया था. वह पहली बार वसंग जोगलेकर द्वारा निर्देशित एक फिल्म कीर्ती हसाल के लिए गाना गायी थी. लेकिन उनके पिता दीनानाथ को यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आया. पिता नहीं चाहते थे कि लता फिल्मों के लिए गाना गए. जिसके बाद उनके द्वारा गाए गाए गाने को उस फिल्म से निकाल दिया गया. लेकिन लता के प्रतिभा से वंसत जोगलेकर बहुत प्रभावित हुए.

लता मंगेशर की संघर्ष की कहानी (lata mangeshkar struggle life story)

पूरी दुनिया पर अपनी आवाज के दम पर राज करने वाली लता मंगेशकर (lata mangeshkar struggle life story)ने अपनी गायिकी की शुरुआत तो बचपन के दिनों से ही कर दिया था. लेकिन पिता के कारण उन्होंने बीच में अपनी गायिकी को छोड़ दिया. लेकिन पिता के मौत के बाद लता मंगेशकर के ऊपर उनकी घर की सभी जम्मेदारी आ गई. सिर्फ 13 साल की लता मंगेकर थी जब उनके पिता ने इस दुनिया को अलविदा कहा. पिता के मौत के बाद घर में पैसों की किल्लत होने लगी. जिसके बाद उन्होंने अभिनय का रास्त चुना. घर की दिक्कतों को देखते हुए लता ने कई हिन्दी और मराठी फिल्मों में भी काम किया. अभिनेत्री की रूप में उनकी पहली फिल्म पाहिली मंगलागौर (1942) रही. इस फिल्म में उन्होंने स्नेहप्रभा प्रधान की छोटी बहन की भूमिका निभाई थी. बाद में लता ने एक के बाद एक फिल्म की, जैसे जीवन यात्रा (1946), मांद (1948) छत्रपति शिवाजी (1952) गजभाऊ (1944) चिमुकला संसार (1943), बड़ी मां (1945) है. फिल्म बड़ी मां में लता ने नूरजहां के साथ अभिनय किया और उनकी छोटी बहन की भूमिका आशा भोंसले ने निभाई. इस फिल्म में लता ने खुद की भूमिका के लिए गाने भी गाए और छोटी बहन आशा के लिए पार्श्वगायन किया.

ऐसे बनी सुरों की देवी

साल 1948 में लता दीदी ने पार्श्वगायिकी में कदम रखा. उन दिनों शमशाद बेगम, नूरजहां, अमीरबाई कर्नाटकी और राजकुमारी की तूती बोला करती थी. ऐसे में लता को अपनी पहचान बनना इतना भी आसान नहीं था. लेकिन लता को पहचान मिल फिल्म मजबूर के गाने ‘अंग्रेजी छोरा चला गया’ और ‘दिल मेरा तोड़ा, हाय कहीं का ना छोड़ा तेरे प्यार ने’ है. इस हिट गाने के बाद लता मंगेशकर को अभी खास हिट गाने की तलाश थी. साल 1949 में लता को एक बार फिर खुद को साबित करने का मौका मिला फिल्म ‘महल ’ से. इस फिल्म में लता ने एक बार फिर अपनी आवाज की जादू बिखेरी गाना ‘आयेगा आनेवाल’ से. इस फिल्म में उन्होंने मधुबाला के लिए गाना गया. फिल्म और गाने उन दोनों सुपरहिट रही. इसके बाद लता में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा

पुरस्कार (lata mangeshkar awards)

अगर लता मंगेशकर की पुरस्कारों (lata mangeshkar awards) की बात करें तो अब तक उन्हें अनगिनत पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. जिनमें से कुछ इस प्रकार है.

  1. फिल्म फेयर पुरस्कार (1958, 1962, 1965, 1969, 1993 और 1994)
  2. राष्ट्रीय पुरस्कार (1972, 1975 और 1990)
  3. महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार (1966 और 1967)
  4. 1969 – पद्म भूषण
  5. 1974 – दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का गिनीज़ बुक रिकॉर्ड
  6. 1989 – दादा साहब फाल्के पुरस्कार
  7. 1993 – फिल्म फेयर का लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार
  8. 1996 – स्क्रीन का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
  9. 1997 – राजीव गान्धी पुरस्कार
  10. 1999 – ज़ी सिने का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
  11. 2000 – आई. आई. ए. एफ. का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
  12. 2001 – स्टारडस्ट का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
  13. 2001 – भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न”

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