#Gandhi गांधी सनातनी हिंदू , समाज को विघटन से बचाया

गाँधी को पूरी हिंदू सनातन सभ्यता के नेता के रूप में देखा जाना चाहिए

गांधी सनातनी हिंदू सभ्यता #HIndu_Civilisation के नेता थे , जो सब धर्मों के बारे में आदर या समभाव का भाव रखते है। अंग्रेज भारतीय समाज को बाँटना चाहते थे, विशेस्कर दलित और मुस्लिम समुदाय को।गांधी ने अंग्रेजों की कुटिल चाल से हिंदू समाज के विघटन को बचा लिया था।लेकिन आज गांधी के ख़िलाफ़ एक अभियान सा चल रहा है।

उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक ( अभियोजन) राम नारायण सिंह की टिप्पणी।

आज कल गाँधी के बारे में बहुत कुछ कहा जा रहा है। तीन चार महीने पहले इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली के जनपथ होटल वाले नये भवन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्व सर कार्यवाह आदरणीय भैया जी जोशी के पुस्तक “ज्ञानेश्वरी प्रसाद” का विमोचन था। ज्ञानेश्वरी प्रसाद ,मराठी सन्त ज्ञानेश्वर के ज्ञानेश्वरी की भैया जी द्वारा की गई टीका है।

संयोग से मैं दिल्ली में था और कार्यक्रम में मौजूद था।

मौजूद होने का एक विशेष कारण भैया जी के गाँधी जी के बारे में विचार भी थे , जिसे कला केंद्र के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने एक अनौपचारिक वार्ता में बताया था।

राय साहब और पूर्व राज्य सभा सदस्य आर के सिन्हा बम्बई भैया जी से समय ले कर मिलने गए थे। आर के सिन्हा ने गाँधी जी के हिंदू विरोधी होने के बारे में कुछ कहा था और भैया जी ने बहुत संतुलित और छोटा सा जवाब दिया था।

वह जवाब अब भी गाँधी को समझने का मानदंड मेरे लिए बना हुआ है।

बम्बई की पूरी वार्ता को इस विमोचन कार्यक्रम में भी ज्यों का त्यों भैया जी की मौजूदगी में राय साहब ने अपने सम्बोधन में प्रस्तुत किया था।


भैया जी ने बम्बई में गाँधी के बारे कहा कि यदि गाँधी का केवल एक कार्य भी हिन्दू समाज याद रखे तो उनका सदैव ऋणी रहेगा। गाँधी ने पूना पैक्ट अपनी जान की बाज़ी लगा कर सफलता से किया और हिंदू समाज के विघटन को बचा लिया।

भैया जी ने बम्बई में गाँधी के बारे कहा कि यदि गाँधी का केवल एक कार्य भी हिन्दू समाज याद रखे तो उनका सदैव ऋणी रहेगा। गाँधी ने पूना पैक्ट अपनी जान की बाज़ी लगा कर सफलता से किया और हिंदू समाज के विघटन को बचा लिया।

गाँधी को पूरी हिंदू सनातन सभ्यता के नेता के रूप में देखा जाना चाहिए। उनका मूल्यांकन अभी कई सदियाँ करती रहेंगी। राम बहादुर राय ने अनौपचारिक वार्ता में एक बात और कही जो आज भी मुझे रह रह कर याद आती रहती है।

गाँधी को यदि आज़ादी के बाद कुछ और समय मिलता तो वे क्या करते?

वे पाकिस्तान जाते और उपमहाद्वीपीय परिसंघ बनाने की दिशा में या अपने तरीक़े से अखण्ड भारत बनाने की दिशा में काम करते।

नोट : कृपया इस वक्तव्य पर अपनी टिप्पणी नीचे लिखें


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