स्वराज विद्यापीठ में रचनात्मक लेखन कार्यशाला

रचना करने के लिए व्यक्तित्व निर्माण पर प्रो.कट्टीमनी ने जोर दिया और आदर्शों को अपनाकर एक बेहतर समाज की रचना को भी अनिवार्य बताया। वक्तव्य के बाद प्रो. कट्टीमनी ने प्रतिभागियों से संवाद किया।

स्वराज विद्यापीठ, प्रयागराज में चल रहे रचनात्मक लेखन कार्यशाला में आंध्रप्रदेश जनजातीय केंद्रीय विश्व विद्यालय के वर्तमान कुलपति प्रो. तेजस्वी वेंकेप्पा कट्टीमनी ने सृजनात्मकता पर अपनी बात रखी।

प्रो. कट्टीमनी ने अपनी आत्मकथा ‘जंगली कुलपति की जंगी कथा’ के कुछ अंश का पाठ किया। साथ ही आत्मकथा लेखन में आने वाली चुनौतियों पर बातचीत की।

रचना करने के लिए व्यक्तित्व निर्माण पर प्रो.कट्टीमनी ने जोर दिया और आदर्शों को अपनाकर एक बेहतर समाज की रचना को भी अनिवार्य बताया। वक्तव्य के बाद प्रो. कट्टीमनी ने प्रतिभागियों से संवाद किया।

डॉ स्वप्निल श्रीवास्तव ने स्वराज विद्यापीठ में चलने वाली सृजनात्मक गतिविधियों से सबका परिचय करवाया। दिन के आखिरी सत्र में वर्तमान साहित्यिक जगत के चर्चित कवि और शायर डॉ लक्ष्मण गुप्ता ने कविता की भाषिक बनावट और व्याकरणिक संरचना पर प्रतिभागियों से बात की।

अंत में प्रतिभागियों के निवेदन पर डॉ लक्ष्मण ने अपनी कुछ रचनाओं का पाठ किया। इसके उपरांत प्रतिभागियों को गृह कार्य दिया गया, जिसे वे आज यानि शुक्रवार को जमा करेंगे।

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