महात्मा गांधी के विचारों में रंग भरने का काम विनोबा ने किया: अमरनाथ भाई

विनोबा विचार प्रवाह अंतर्राष्ट्रीय संगीति

लखनऊ (विनोबा भवन) 27 अगस्त। आजादी के बाद महात्मा गांधी के विचारों में रंग भरने का काम विनोबा जी ने किया। गांधीजी ने अपने रचनात्मक कार्यक्रमों का जो स्वप्न देखा था, विनोबा जी ने उसका विनियोग नयी समाज रचना बनाने में किया। गांधीजी के सर्वोदय शब्द में प्राण फूंकने का काम विनोबा जी ने किया।
उक्त विचार सत्य सत्र के वक्ता सर्व सेवा संघ के पूर्व अध्यक्ष और प्रसिद्ध चिंतक श्री अमरनाथ भाई ने विनोबा विचार प्रवाह द्वारा विनोबा जी की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में फेसबुक माध्यम पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगीति में व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि विनोबा ने स्वयं कहा कि वे इस दुनिया के आदमी नहीं है। सेवा करना है, इसलिए करता हूं। लेकिन बार-बार चित्त उचट जाता है। बुद्धि और हृदय को कितना ही समझाऊं, हृदय कहीं खो जाता है। अपने इस भान को वे भूल नहीं पाते। श्री अमरनाथ भाई ने कहा कि विनोबा जी आधुनिक जमाने के ऋषि हैं। यदि वे आश्रम में ही रहते तो दुनिया को काफी लाभ होता, लेकिन यदि वे सामाजिक जीवन में नहीं आते तो महात्मा गांधी को समझने में बहुत कठिनाई होती।

विनोबा जी ने जीवनभर प्रयोग किए, लेकिन वे भीतर शून्य रहे। उनके प्रयोगों ने दुनिया को राह दिखाई है। उनके पास आज की दुनिया से भिन्न वैकल्पिक दुनिया का पूरा ब्ल्यू प्रिंट था, जिसे उन्होंने अपने भूदान-ग्रामदान-ग्रामस्वराज्य, लोकनीति से सिद्ध किया
है।

Vinoba and Gandhi
Vinoba Bhave took forward Mahatma Gandhi legacy

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने आधुनिक सभ्यता के संकट को हिंद स्वराज में उजागर किया। उन्होंने संकट और समाधान दोनों बताए। विनोबा ने गांधीजी के विचारों को सूत्रात्मक रूप में अपने विचारों में प्रस्तुत किया। विज्ञान और राजनीति से सर्वनाश होगा और विज्ञान और अध्यात्म से धरती पर स्वर्ग उतरेगा। विनोबा जी ने केवल जमीन नहीं मांगी बल्कि उसके पीछे पूरा विचार था। पूरे देश की पदयात्रा के दौरान उन्होंने सर्वधर्म सार दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। भोगवादी और लोभ की संस्कृति के लिए विनोबा जी ने कहा कि जीवन में दो भाग त्याग और एक भाग भोग होगा तो जीवन सुंदर बनेगा। अमर्यादित भोग ने मनुष्य जीवन को संकट में डाल दिया। जिसे
आज विकास कहा जा रहा है वह वास्तव में विनाश का माॅडल है।

श्री अमरनाथ भाई ने कहा कि विनोबा जी की दो पुस्तकें बहुत उपयोगी हैं। आध्यात्मिक दृष्टि से गीता प्रवचन और समाज परिवर्तन के लिए स्वराज्यशास्त्र। आज की राजनीति दुनिया भर में दल तंत्र बनकर रह गई है। इसे बदलने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि आज दुनिया नजदीक आ गई है। लेकिन विज्ञान पड़ोसीपन पैदा करने में नाकाम रहा है। आगे विनोबा का मंत्र जयजगत ही काम करेगा।

प्रेम सत्र के वक्ता महात्मा गांधी मेडिकल काॅलेज के 35 वर्ष तक चेयरमेन रहे श्री धीरूभाई मेहता ने विनोबा जी के अनेक रोचक संस्मरण सुनाए। विनोबा जी के कहे अनुसार सेवा ग्राम अस्पताल को सभी प्रकार की बीमारियों के उपचार की सुविधाएं उपलब्ध करायी गई। आज लगभग दस से ग्याहर लाख लोगों का उपचार वहां पर होता है।

Shri Dhiru Bhai Mehta
Shri Dhiru Bhai Mehta

करुणा सत्र के वक्ता कोलंबिया यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग कर इंडियन स्कूल आफ डेमोक्रेसी के को-फाउंडर श्री प्रखर भाई ने कहा कि गांधी को वाद में बदलने से उनके विचार लोगों तक नहीं पहुंच पाए। विनोबा जी के विचार गांधी जी को समझने में सहायता करते हैं। आज राजनीति सत्ता प्राप्ति माध्यम बन गई है इसलिए युवा पीढ़ी इससे दूर हो रही है। विनोबा जी के लोकनीति के विचार को अपना कर समाज में सेवा भाव को स्थापित किया जा सकता है। स्थायी विकास के लिए यह आवश्यक है। सत्र का संचालन श्री संजय राय ने किया। आभार श्री रमेश भैया ने माना।

डाॅ.पुष्पेंद्र दुबे

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