वो शख्स जो पहुंचा आम आदमी से बादशाह की गद्दी तक

नई दिल्ली: दुनिया में कई ऐसे योद्धा हुए हैं जिनका नाम इतिहास में हमेशा-हमेशा के लिए अमर हो गया है. ऐसे ही योद्धा थे फ्रांस के महान बादशाह कहे जाने वाले नेपोलियन बोनापार्ट. उन्होंने दुनिया के एक बड़े हिस्से पर राज किया है. 15 अगस्त 1769 को कोर्सिका द्वीप के अजाचियो में जन्मे नेपोलियन बोनापार्ट के बारे में ब्रिटेन के महान योद्धा ड्यूक ऑफ वेलिंगटन ने कहा था कि युद्ध के मैदान में वह अकेले ही 40 हजार योद्धाओं के बराबर हैं. एक आम आदमी से बादशाह की गद्दी तक का नेपोलियन की जिंदगी का सफर बेहद ही दिलचस्प रहा था. आइए जानते हैं नेपोलियन बोनापार्ट के बारे में कुछ ऐसी रोचक बातें, जो शायद ही आप जानते होंगे. 

 नेपोलियन को माना जाता दुनिया के सबसे महान सेनापति

नेपोलियन बोनापार्ट को इतिहास में दुनिया के सबसे महान सेनापतियों में गिना जाता है. उन्होंने फ्रांस में एक नई विधि संहिता भी लागू की थी, जिसे नेपोलियन की संहिता कहा जाता है. उनकी कानून संहिता में सिविल विवाह और तलाक की प्रथा को मान्यता दी गई थी. यह उस समय के हिसाब से बहुत बड़ी बात थी.

आम आदमी से बादशाह की गद्दी

नेपोलियन ज्यादा धनी-मनी परिवार से तो नहीं थे, लेकिन वह पढ़ाई में काफी तेज थे, इसलिए उनके माता-पिता ने महज नौ साल की उम्र में ही उन्हें पढ़ाई के लिए फ्रांस भेज दिया. उनकी पढ़ाई अलग-अलग जगहों पर हुई और सितंबर 1785 में उन्हें ग्रेजुएट की डिग्री मिली. फिर बाद में वह फ्रांस की सेना में शामिल हो गए, जहां उन्हें तोपखाना रेजिमेंट में सेकेंड लेफ्टिनेंट की रैंक मिली थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि महज 24 वर्ष की उम्र में ही नेपोलियन को ब्रिगेडियर जनरल बना दिया गया था. 

वीरता और सूझबूझ से कई लड़ाईयों में जीत की हासिल 

नेपोलियन ने अपनी वीरता और सूझबूझ से कई लड़ाईयों में जीत हासिल की थी. उन्होंने सेनापति के तौर पर फ्रांस में सबसे ताकतवर सेना भी तैयार की थी, लेकिन बाद में कुछ ऐसे हालात बने कि उन्हें फ्रांस के बादशाह का पद संभालना पड़ा. वर्ष 1804 में उन्होंने पोप की मौजूदगी में खुद को बादशाह घोषित किया था. 

हार के बाद अंध द्वीप में बना दिया बंदी 

साल 1815 में वॉटरलू के युद्ध में हार के बाद अंग्रेजों ने नेपोलियन को अंध महासागर के दूर द्वीप सेंट हेलेना में बंदी बना दिया, जहां छह साल बाद उनकी मौत हो गई. कुछ इतिहासकारों का मानना है कि अंग्रेजों ने उन्हें आर्सेनिक जहर देकर मार डाला था. दरअसल, आर्सेनिक को जहर का राजा कहा जाता है. इसकी वजह से शरीर के बहुत से अंग काम करना बंद कर देते हैं और अंत में व्यक्ति की मौत हो जाती है.

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