सपा का आरोप- मायावती ने खुद ही खोली अपनी पोल

लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा चुनाव में सपा प्रत्याशियों को हराने के लिए भाजपा तक का समर्थन करने के बसपा प्रमुख मायावती के बयान पर तंज करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इससे साबित हो गया कि मायावती की भाजपा से पहले से ही सांठगांठ है. सपा के राष्ट्रीय सचिव एवं प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि मायावती का बयान इस बात की स्वीकारोक्ति है कि उनकी भाजपा से पहले ही सांठगांठ थी.

भाजपा से पहले ही थी सांठगांठ 

बता दे की राजेंद्र चौधरी ने कहा कि भाजपा से इसी अंदरूनी समझौते की वजह से मायावती ने विधानसभा में पर्याप्त संख्या बल ना होने के बावजूद अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा और अब यह कहकर कि राज्यसभा चुनाव में सपा को हराने के लिए वह भाजपा तक का समर्थन कर सकती हैं, बसपा प्रमुख ने अपनी पोल खुद ही खोल दी है. चौधरी ने कहा कि मात्र 18 विधायकों वाली बसपा के पास अब विधानसभा में केवल 10-11 विधायक ही हैं, जबकि राज्यसभा के एक प्रत्याशी को जिताने के लिए 38 विधायकों का समर्थन जरूरी है. 

इसके बावजूद मायावती ने रामजी लाल गौतम को उम्मीदवार बनाया. ऐसा करने से पहले उन्होंने विपक्ष के किसी भी दल से समर्थन नहीं मांगा. दूसरी ओर, भाजपा ने नौ सीटें जीतने की स्थिति में होने के बावजूद आठ उम्मीदवार ही उतारे. उसी वक्त जाहिर हो गया था कि मायावती की भाजपा से सांठगांठ हो चुकी है.

मायावती ने बातचीत में सपा पर साधा निशाना 

गौरतलब है कि मायावती ने अपने कुछ विधायकों के पाला बदलने की अटकलों के बीच बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से बातचीत में सपा पर निशाना साधा और कहा कि भविष्य में विधान परिषद और राज्यसभा चुनाव में सपा के उम्मीदवारों को हराने के लिए उनकी पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ेगी. जरूरत पड़ी तो भाजपा या किसी अन्य पार्टी के प्रत्याशी को समर्थन देगी. 

प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में 18 विधायकों वाली बसपा के सात विधायकों ने बुधवार को बगावत करते हुए राज्यसभा उम्मीदवार रामजी लाल गौतम का विरोध किया था. पार्टी प्रमुख मायावती ने अपनी पार्टी के सात बागी विधायकों को निलंबित कर दिया. इन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशी रामजी गौतम के नामांकन का विरोध किया था.

मायावती ने सात बागी विधायकों को निलंबित किया

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने बृहस्पतिवार को अपनी पार्टी के सात बागी विधायकों को निलंबित कर दिया. इन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशी रामजी गौतम के नामांकन का विरोध किया था. मायावती ने अपने कुछ विधायकों के पाला बदलने की अटकलों के बीच समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि भविष्य में विधान परिषद और राज्यसभा चुनाव में सपा के उम्मीदवारों को हराने के लिए उनकी पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ेगी तथा जरूरत पड़ी तो भाजपा या किसी अन्य पार्टी के प्रत्याशी को समर्थन देगी. 

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे ही बागी विधायक किसी भी अन्य पार्टी में शामिल होते हैं तो बसपा उनके खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन को सूचित किया गया है कि निलंबित विधायकों को पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए.  मायावती ने एक बयान में कहा कि भविष्य में सपा उम्मीदवारों को हराने के लिए बसपा पूरी ताकत लगाएगी और जरूरत पड़ी तो भाजपा या किसी अन्य पार्टी के प्रत्याशी को समर्थन देगी. 

बसपा को बुधवार को उस समय झटका लगा था जब पार्टी के छह विधायकों ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की थी और इसके बाद उन्होंने संकेत दिये थे कि वे पार्टी बदल सकते हैं. इसके साथ ही इनमें से चार विधायकों ने हलफनामा दायर कर कहा कि बसपा के राज्यसभा उम्मीदवार रामजी गौतम की उम्मीदवारी के प्रस्तावक के तौर पर उनके हस्ताक्षर ‘‘फर्जी’’ है. 

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