पीएम मोदी की उच्च अधिकारियों के साथ कोरोना के नए वेरिएंट ‘ओमिक्रोन’ को लेकर बैठक

डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक कोरोना का नया वेरिएंट 'ओमिक्रोन'. इसके साथ साथ पीएम ने 18 साल से कम उम्र के बच्चों के वैक्सीन और अन्य अहम मुद्दों पर की बातचीत

आज सवेरे 10.30 बजे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोरोना के ताजा हालात पर उच्च अधिकारियों के साथ अहम बैठक हुई. इस बैठक में कोरोना के नए वैरिएंट (Omicron) ओमिक्रोन को लेकर चिंता व्यक्त की गई. इस दौरान यूरोपीय देशों, खासकर दक्षिण अ​फ्रीका में नए वैरिएंट के कारण बिगड़े हालात पर भी चर्चा की गई. इस बात पर भी बातचीत हुई कि कोरोना के 36 बार म्यूटेट हुये इस बेहद खतरनाक कोरोना वैरिएंट को देश में आने से कैसे रोका जाय.

मीडिया स्वराज डेस्क

कोरोना के नए वेरिएंट की खबरें आने के बाद लोगों की दिमागी परेशानी बढ़ गई है. मन में कई सवाल उठ रहे हैं. डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम ये मान रही है कि नया वैरिएंट ज्यादा ट्रांसमिसबल है और ये इम्यूनिटी को तेजी से मात देने में कुशल है. ये अब तक के किसी भी वेरिएंट से ज्यादा खतरनाक है. कहा जा रहा है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की खुराक के अलावा बूस्टर डोज भी ली थी उनमें भी ये संक्रमण पाया गया है. बहरहाल, नया वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका में तेजी से फैल रहा है. डॉक्टरों और वैज्ञानिकों की इस पर खास नजर है और तरह-तरह के अध्ययन किए जा रहे हैं. बूस्टर डोज की जरुरत भी अनिवार्य रूप से बताई जा रही है. डॉक्टर ये मानते हैं कि बूस्‍टर डोज से वैक्‍सीन की प्रभावशीलता काफी बढ़ जाती है. दुनिया के कई देश फिलहाल यात्रा प्रतिबंधों को लेकर सतर्क हो गए हैं ताकि लोगों को संक्रमण से बचाया जा सके.

पीएम नरेंद्र मोदी की उच्च अधिकारियों के साथ आज कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन को लेकर हुई बैठक में इस बात पर भी चर्चा की जा रही है कि क्या हमारी वैक्सीन इस नए म्यूटेंट ओमिक्रोन पर कारगर होगी? नए म्यूटेंट को ध्यान में रखते हुये देश में नया वैक्सीन कब तक तैयार कर लिया जायेगा. और बच्चों के लिये देश में कब तक कोरोना से बचाव के लिये वैक्सीन दिया जा सकेगा. ऐसे कई अहम मुद्दों पर प्रधानमंत्री और उच्च अधिकारियों की आज अहम बैठक वर्चुअल माध्यम से की गई.बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी माना है कि नया वेरिएंट ओमिक्रोन तेजी से फैलने वाला है. ये काफी खतरनाक है और दोनों टीका लगा चुके लोगों में भी इसके संक्रमण का खतरा है. फिलहाल लगभग सभी देशों ने दक्षिण अ​फ्रीका से आने जाने वाले फ्लाइट्स बंद कर दिये हैं.

बता दें कि दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस का नया वेरिएंट Omicron के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस नए वेरिएंट को B.1.1.529 कहा है और इसे ओमिक्रोन नाम दिया गया है. WHO ने इसे पहले के दोनों कोरोना म्यूटेंट से भी कहीं ज्यादा खतरनाक मानते हुए लोगों को आगाह किया है. इस हफ्ते पहली बार नए वेरिएंट की पहचान दक्षिण अफ्रीका में हुई. उसके बाद यह स्‍ट्रेन बोत्सवाना सहित आसपास के कई और देशों में फैल चुका है.

रविंद केजरीवाल ने कोरोना को लेकर बैठक का आयोजन किया था. उसके बाद उन्होंने पीएम मोदी से अपील की कि कोरोना के नए वेरिएंट से बचने के लिए संक्रमित देशों से आने जाने वाले फ्लाइट सेवाएं तुरंत बंद की जाए.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना को लेकर बैठक का आयोजन किया था. उसके बाद उन्होंने पीएम मोदी से अपील की कि कोरोना के नए वेरिएंट से बचने के लिए संक्रमित देशों से आने जाने वाले फ्लाइट सेवाएं तुरंत बंद की जाए.

कितना खतरनाक है नया वेरिएंट

WHO ने भी माना है कि नया वेरिएंट ओमिक्रोन लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. चिंता जताते हुए कहा है कि नया वेरिएंट तेजी से फैलने वाला है. ये काफी खतरनाक है और दोनों टीका लगा चुके लोगों में भी संक्रमण होने का पता चला है. इतना ही नहीं इजरायल में नए वेरिएंट से संक्रमित हुए एक व्यक्ति को कोरोना टीकों के दोनों डोज के साथ तीसरी बूस्टर खुराक भी दी गई थी. वैज्ञानिक विश्लेषण कर रहे हैं और इस बात का पता लगा है कि नया वेरिएंट डेल्टा सहित किसी भी अन्य वेरिएंट की तुलना में तेजी से फैल रहा है.

कोरोना का नया वेरिएंट Omicron क्या है?

जानकारी के अनुसार ओमिक्रोन में कई स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन हैं और यह बेहद संक्रामक है. Omicron एक ग्रीक शब्द है. कोविड-19 महामारी आने के बाद से ही अब तक इसके कई वेरिएंट सामने आ चुके हैं. वैज्ञानिक भी कोरोना के अलग अलग वेरिएंट पर नजर बनाए हुए हैं. इसी क्रम में दक्षिण अफीका में जीनोमिक्स की निगरानी के लिए बनाई गई कमेटी ने हाल में नए वेरिएंट का पता लगाया, जिसे बी.1.1.529 नाम दिया गया. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसका नाम ओमिक्रोन रखा.

Omicron क्यों पड़ा इस वेरिएंट का नाम

दक्षिण अफ्रीका और कई अन्य देशों में ओमिक्रोन वेरिएंट (Corona Virus South Africa Variant) के मामले देखे गए हैं. WHO ने भी इस वेरिएंट को लेकर चेतावनी दी है और इसे वेरिएंट ऑफ कनसर्न कहा है.

अब बात आती है इस वेरिएंट का नाम ओमिक्रोन ही क्यों पड़ा (How do viruses get their name). इसके लिए आपको ग्रीक अल्फाबेट को समझना होगा. ग्रीक अल्फाबेट की कुल संख्या 24 है, जो हम आपको नीचे टेबल में बता रहे हैं.

ऊपर टेबल में आपने देखा होगा कि 15वें नंबर पर ओमिक्रोन अल्फाबेट है. यह नए कोरोना वायरस (Sars Cov-2) का 15वां वेरिएंट या स्ट्रेन है, इसलिए इस वेरिएंट का नाम ओमिक्रोन पड़ा है.

ऊपर टेबल में आपने देखा होगा कि 15वें नंबर पर ओमिक्रोन अल्फाबेट है. यह नए कोरोना वायरस (Sars Cov-2) का 15वां वेरिएंट या स्ट्रेन है, इसलिए इस वेरिएंट का नाम ओमिक्रोन पड़ा है. अब प्रश्न ये है कि क्या इससे पहले इस वायरस के 15 स्ट्रेन सामने आ चुके हैं? जी हां, दुनिया के किसी न किसी कोने में इनमें से कई वेरिएंट सामने आ चुके हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इन नामों की घोषणा करता है. यानी WHO की नजर में यह 15वां स्ट्रेन है और बेहद चिंताजनक भी.

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Coronavirus Omicron Variant:

वायरस (Virus) अपना स्वरूप बदलते रहते हैं, जिसके कारण उनके नए-नए वेरिएंट (Variant) बनते रहते हैं. आमतौर पर नए स्ट्रेन (Strain) या वेरिएंट के काम करने के तरीके में कोई ज्यादा बदलाव नहीं आता. एक बार होस्ट यानी किसी शरीर में पहुंचने के बाद वायरस अपने तेजी से अपने आरएनए (RNA) की कॉपी बनाने लगता है, जिससे कि उसकी संख्या बढ़ती रहती है. कई बार जब वायरस (Virus) अपनी संख्या बढ़ा रहा होता है तो उसमें गलती से या रेंडमली आरएनए के कॉपी ने गड़बड़ी आ जाती है, इसे ही वैज्ञानिक म्यूटेशन (Mutation) कहते हैं. इसके कारण उसका स्वरूप बदल जाता है और एक नया स्ट्रेन सामने आ जाता है. कोरोना वायरस (Coronavirus) के साथ पिछले दो साल में आपने यह कई बार देखा ही है. कभी अल्फा (Corona Virus Alfa Variant) तो कभी डेल्टा वेरिएंट (Corona Virus Delta Variant) ने असमय लोगों को मौत के घाट उतार दिया. अब एक नए वेरिएंट ओमिक्रोन (Coronavirus Omicron Variant) के आने से दुनिया डरी हुई है.

दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना वायरस (Coronavirus) में हो रहे इन बदलावों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. शोधकर्ता एक्सपर्ट की यह समझने में मदद कर रहे हैं कि कैसे कोरोना के कुछ स्ट्रेन अन्य के मुकाबले तेजी से फैलते हैं और ज्यादा लोगों को संक्रमित करते हैं. वह यह भी समझने का प्रयास कर रहे हैं कि अलग-अलग वैक्सीन (Corona Vaccine) कैसे इन अलग-अलग स्ट्रेन पर असर करती हैं.

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