गंगा दशहरा पर सूर्य कुंड गंगोत्री के दर्शन

सूर्य कुंड गंगोत्री से निकलती गंगा जी की धारा

लोकेन्द्र सिंह बिष्ट, प्रदेश संयोजक, गंगा विचार मंच NMCG, जलशक्ति मंत्रालय, उत्तराखंड।

मां गंगा के उदगम गंगोत्री के सूर्यकुंड से आप सभी को गंगा दशहरा की हार्दिक शुभ कामनाएं।।गोमुख में पृथ्वी पर अवतरित होने के बाद गंगोत्री में समूची गंगा का जल इस सूर्यकुंड में गिरता है। मान्यता है कि इस सूर्यकुंड के नीचे एक स्वयम्भू शिवलिंग विराजते हैं। इसी जगह समूची गंगा इस शिवलिंग में अर्पित हो जाती है।धार्मिक मान्यताओं में ये भी है कि एक बार अर्पित हो चुका जल दोबारा अर्पित नहीं किया जाता है। इसीलिए बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग में गंगोत्री के सूर्यकुंड से ऊपर का जल ही भरकर ले जाने के बाद रामेश्वर ज्योतिर्लिंग में चढ़ाया जाता है।

लोकेंद्र सिंह बिष्ट

यह ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु राज्य के रामनाथ पुरं नामक स्थान में स्थित है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के साथ-साथ यह स्थान हिंदुओं के चार धामों में से एक भी है। इस ज्योतिर्लिंग के विषय में यह मान्यता है, कि इसकी स्थापना स्वयं भगवान श्रीराम ने की थी। भगवान राम के द्वारा स्थापित होने के कारण ही इस ज्योतिर्लिंग को भगवान राम का नाम रामेश्वरम दिया गया है। इस बार यह तिथि आज 1 जून को है। स्कन्दपुराण में इस द‍िन स्नान और दान का व‍िशेष महत्‍व है। मान्‍यता है क‍ि इस द‍िन गंगा नाम के स्‍मरण मात्र से ही सभी पापों का अंत हो जाता है।

कृपया इसे भी सुनें :  https://soundcloud.com/ramdutt/ganga-effects-of-climate-change-near-gangotri

इस दिन गंगा नदी में स्नान करना अत्‍यंत पुण्‍यकारी होता है। लेक‍िन कोरोना महामारी के चलते इस बार श्रद्धालु गंगा स्‍नान नहीं कर सकेंगे। ऐसे में गंगा दशहरा के दिन नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्‍नान करें। इसके बाद सबसे पहले सूर्यदेव को अर्घ्य दें। फिर ‘ऊं श्री गंगे नमः’ का उच्चारण करते हुए मां गंगे का स्‍मरण करके अर्घ्य दें। इसके बाद गंगा मैया की पूजा-आराधना करें। इस दिन निराश्रितों एवं ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दें। यह अत्‍यंत शुभ होता है। मान्‍यता है क‍ि ऐसा करने से गंगा मैया की कृपा से श्रद्धालु के जीवन में कभी क‍िसी भी तरह की द‍िक्‍कत नहीं आती।।इसीलिए इस पावन पुनीत पुण्य अवसर पर आप सभी शुभचिंतकों के लिए माँ गंगा के गंगोत्री में समूची गंगा को सूर्यकुंड में स्थापित प्राकृतिक शिवलिंग में अर्पित होने का vedio आप सभी के लिए भेज रहा हूँ। माँ गंगा आप सभी का कल्याण करेंगी।

जय माँ गंगे, नमामि गंगे।।

कृपया इसे भी सुनें :   https://soundcloud.com/ramdutt/gangotri-swami-sunderanand

One Comment

  1. ये सूर्य कुण्ड नहीं है, इसे शीश कुण्ड कहते हैं।
    सूर्य कुण्ड तो मंदिर के निकट था जो दो सौ साल पहले भूकंप में दवा गया था। उस समय मंदिर एक गुफा में होता था। बाद में नेपाल के राज ने मौजूदा मंदिर बनाया था।

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