आत्मनिर्भरता का ड्रामा और चीनी सामान
- हिसाम सिद्दीक़ी , वरिष्ठ पत्रकार
नारा उछाल कर अवाम को अपने जाल में फंसाने के मामले में मोदी का पूरी दुनिया में कोई सानी नहीं है। 2013 में जब बीजेपी
ने उन्हें अगले वजीर-ए-आजम के तौर पर प्रोजेक्ट किया था उस वक्त से अब तक
वह तकरीबन एक हजार नारे उछाल चुके हैं। ‘मुझे सत्ता दीजिए’ इस एक नारे के
अलावा मोदी का एक भी नारा आज तक अमल में नहीं आ सका है। इसके बावजूद हम
एक सौ सैंतीस करोड़ बेवकूफ उनके नए नारे में फंस जाते हैं। कभी हमने इस
बात पर गौर नहीं किया कि 2014 और 2019 में लोक सभा एलक्शन की मुहिम हो,
नोटबंदी हो, जम्मू-कश्मीर को अस्सी हजार करोड़ और बिहार को सवा लाख करोड़
के पैकेज का एलान हो, कश्मीर से दफा-370 खत्म करना हो या जीएसटी लागू
करना किसी भी मौके पर मोदी के जरिए उछाला गया एक भी नारा आज तक अमल में
नहीं आया है। मोदी भी अच्छी तरह समझ चुके हैं कि यह तो बेवकूफ लोग हैं
इनके लिए नए-नए नारे उछालने के अलावा कुछ करने की जरूरत नहीं है।
एक सौ सैंतीस करोड़ के मुल्क में आज तक एक सौ सैंतीस लोगों ने भी सड़क पर
निकल कर सवाल नहीं किया कि मिस्टर मोदी आपके पुराने नारों का क्या हुआ।
अब उन्होंने कह दिया हमें ‘आत्मनिर्भर’ बनना है। हम सब बेवकूफ ‘आत्म
निर्भरता’ के ख्वाबों में खो गए।
आत्मनिर्भर बनेंगे कैसे? हमें आत्मनिर्भर बनाने में सबसे बड़ा सहयोग पब्लिक सेक्टर इदारों का था
उन्हें तो एक-एक कर या तो फरोख्त कर दिया गया या वह नीलामी पर लगे हुए
हैं। देश में भारी (हैवी) मशीनरी बनाने वाले पब्लिक सेक्टर इदारा बीएचईएल
तबाह कर दिया और हम भारी मशीनरी के मामले में चीन व दूसरे मुल्कों के रहम
व करम पर आ गए। अपने हेलीकाप्टर, हवाई जहाज और फाइटर जेट बनाने की कोशिश
में काफी आगे निकल चुके हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को बंदी
की कगार पर पहुंचा कर फाइटर जेट को असम्बल करने के लिए एचएएल के बजाए
दीवालिया हो चुके अनिल अंबानी को आगे लाया गया। सबसे ज्यादा पैसा कमाने
वाली पेट्रोलियम कम्पनियों को धड़ाधड़ नीलाम करने की कार्रवाइयां चल रही
हैं। देश के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर इण्डियन रेलवे को आहिस्ता-आहिस्ता
नीलाम करने की कोशिशें जारी हैं। बेईमान और कर्ज लेकर अदा न करने वाले
सनअतकारों (उद्योगपतियों) और कारपोरेट घरानों का बाकी लाखों करोड़ रूपया
का बकाया माफ करने के लिए बट्टेखाते में हर साल डाला जा रहा है। लेकिन
एयर इण्डिया पर जो कर्ज है उसे न माफ किया गया न बट्टेखाते में डाला गया।
क्योंकि उसे तो औने-पौने प्राइवेट हाथों में सौंपना है। पेट्रोलियम के
बाद सबसे ज्यादा रेवेन्यू (पैसा) हवाई अड्डों से आता है। एयरपोर्ट
अथारिटी ने हजारों करोड़ खर्च करके मुल्क भर में हवाई अड्डे बनाए जब उनसे
आमदनी होने लगी तो एक-एक कर उन्हें प्राइवेट हाथों खुसूसन मोदी के दोस्त
गौतम अडानी को सौंपा जा रहा है। एटलस जैसी मशहूर साइकिल बनाने वाली
कम्पनी बंद हो गई सरकार ने उसकी कोई मदद नहीं की और मोदी चले हैं देश को
‘आत्मनिर्भरता’ की तरफ ले जाने। टेक्सटाइल हो, ब्रास वेयर हो, बिजली का
सामान हो जीएसटी ने रोजमर्रा के इस्तेमाल के तमाम सामान बनाने वाली कम्पनियों को बंदी के कगार पर पहुंचा दिया। फिर भी हम हैं जो मोदी के ‘आत्म निर्भर’ नारे के ख्वाबों में खोए हुए हैं।
गलवान वादी में हमारे बीस फौजियों को चीन ने हमला करके शहीद कर दिया।
लद्दाख से गलवान तक हमारी सरहदों में कई जगह चीन ने कब्जा कर लिया। देश
के लोग मोदी के जिगरी दोस्त शी जिनपिंग सरकार की हरकतों और मोदी सरकार की
गलतियों पर गौर न करने पाए इसलिए आम जेहनों को दूसरी तरफ मोड़ने के लिए
आरएसएस और बीजेपी ने स्यूडो राष्ट्रभक्ति का मुजाहिरा करते हुए चीनी
सामान के बायकाट करने और जलाने की मुहिम देश भर में छेड़ दी है। अजीब बात
है चीनी सामान और साढे पांच लाख करोड़ के चीन से इमपोर्ट को कम करने के सिलसिले में मोदी समेत पूरी सरकार ने अपने होंट सिल रखे हैं। लेकिन उनके प्यादे बाजारों में घूम-घूम कर चीनी सामान की होली जलाने और बायकाट करने
की मुहिम छेडे़ हुए हैं। हम बड़ी तादाद में बेवकूफ लोग भी फर्जी ‘राष्ट्रभक्ति’ में फंस कर चीनी सामान के बायकाट करने की मुहिम में लगने को तैयार हो गए।
छः साल की अपनी सरकार के दौरान वजीर-ए-आजम मोदी ने देश की पूरी की पूरी
सनअत (उद्योग) चीन को सौंप दी हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक आज हमारे देश
में एंटीबायटिक्स बनाने के इक्कयासी (81) फीसद इनग्रेडिएंट्स चीन से
मगाया जाता है। फर्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट हमें पचहत्तर (75) फीसद चीन से
मिलता है। तिहत्तर फीसद टेलीकाम इक्विपमेंट और बयासी (82) फीसद
सेमीकण्डक्टर्स हम चीन से इमपोर्ट करते हैं। इंतेहा तो यह है कि चीनी
कम्पनी पे-टीएम के बगैर देश का काम नहीं चलता जो नोटबंदी के तीसरे ही दिन भारत में लांच हो गया था और खुद मोदी ने उसके बड़े-बड़े इश्तेहारात में अपनी तस्वीर इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी। चीनी कम्पनी हमारा हजारों
करोड़ रूपया लूटती रहे इसीलिए तो कैशलेस का नारा लगाने वाले मोदी ने पैसे ट्रांसफर करने का रिजर्व बैंक आफ इण्डिया या दूसरा कोई मुअस्सर (प्रभावशाली) सरकारी एप तैयार नहीं होने दिया। हर तरफ पे-टीएम और गुगल जैसे एप ही छाए हुए हैं। चीनी कम्पनी टिकटाक तक में मोदी सरकार ने ‘माई गवर्नमेंट इण्डिया’ नाम का बड़ा प्लेटफार्म ले रखा है जिसके दस लाख से
ज्यादा फालोअर और पचहत्तर (75) लाख से ज्यादा लाइक करने वाले हैं। इससे ज्यादा शर्मनाक बात क्या हो सकती है कि मोदी सरकार ने चीनियों के जरिए शहीद किये गए हमारे जवानों को खिराजे अकीदत (श्रद्धांजलि) देने तक के लिए
इसी चीनी एप का इस्तेमाल किया और तकरीबन एक मिनट के सरकारी श्रद्धांजलि मैसेज का वीडियो इसी पर डाला गया।
बाजारों में बीजेपी और आरएसए के लोग जुलूस निकाल कर दुकानदारों पर दबाव डालते फिर रहे हैं कि वह चीनी सामान फरोख्त न करें उसकी सड़कों पर होलीजलवा दें।
क्यों भाई नोटबंदी, जीएसटी, कोरोना और लाकडाउन की वजह से तकरीबन दीवालिया हो चुके व्यापारी तबके ने मोदी की पालीसियों की वजह से करोड़ों रूपए लगा कर चीनी सामान को इमपोर्ट किया। अब उसकी होली जला दें और अपना व अपने कुन्बे का पेट पालने के लिए हाथों में कशकोल (भिक्षा पात्र) लेकर निकल पड़े। अगर वजीर-ए-आजम मोदी और उनकी सरकार में हिम्मत है, जर्रा बराबर भी देशभक्ति का जज्बा है तो फैसला करे कि हम देश में चीन के सामान पर पाबंदी लगाते हैं। थोक और फुटकर व्यापारियों के पास पडे़ चीनी सामान की इनवाइसेज के मुताबिक उनको उनके पूरे पैसों की अदाएगी करे तब कहे कि चीनी सामान सड़क पर रखकर उसकी होली जला दो।
देश में चीनी सामान के बायकाट और आत्म निर्भरता का ढोंग किया जा रहा है दूसरी तरफ हमारे शहीद जवानों की चिता की आग ठंडी भी नहीं पड़ी लेकिन डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह जर्मनी की शिकस्त के जश्न में शामिल होने रूस पहुंच गए जहां चीन के भी डिफेंस मिनिस्टर मौजूद थे।