Ganga Dolphin गंगा डालफ़िन की कुल्हाड़ी से बर्बर हत्या, तीन गिरफ़्तार
गंगा डालफ़िन लुप्त प्राय जीव
लुप्त हो रही गंगा डॉल्फिन Gangetic Dolphin की मछली शिकारियों की भीड़ ने दर्दनाक हत्या कर दी है. इस गंगा डालफ़िन को प्रतापगढ़ में शारदा सहायक नहर में लोगों ने कुल्हाड़ी और डंडों से दौड़ाकर मार डाला। कुल्हाड़ी के घाव से गंगा डॉल्फिन का खून बहने से नहर का पानी लाल हो गया।
यह गंगा डालफ़िन शारदा सहायक नहर में बहकर आ गयी थी. यह प्रतापगढ़ के नवाबगंज कोतवाली के कोथरिया की एक हफ़्ते पुरानी घटना है .
ग्रामीणों की सूचना पर पहुची इलाकाई पुलिस ने अफसरों को गंगा डालफ़िन की हत्या के बारे में सूचित किया किया . पुलिस सीओ कुंडा, एएसपी पश्चिम दिनेश द्विवेदी दलबल के साथ मौके पर पहुचे।
डीएफओ बीके अहिरवार ने बताया मछली के शव को वन विभाग ने कब्जे में लिया है.
डालफ़िन हत्या में तीन गिरफ़्तार
दिनेश द्विवेदी, एएसपी पश्चिमी , प्रतापगढ़ ने बताया कि पुलिस ने 7 जनवरी को 3 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था हत्या में शामिल अन्य लोगो की तलाश जारी है।
हत्या करते हुए लगभग दर्जन भर लोग वीडियो में साफ नजर आ रहे है जिसमे एक व्यक्ति कुल्हाड़ी से हमला कर रहा है अन्य लोगो के हांथो में लकड़ियां है।
उठ रही आवाज में कुछ लोग हत्या से रोकने का प्रयास कर रहै है तो कुछ लोग मछली के भंडारे की बात कर रहे है।
शारदा, घाघरा और सरयू गंगा की सहायक नदियाँ हैं. इनमें प्रदूषण कम होने से अभी डालफ़िन पायी जाती हैं.
सवाल ये उठता है कि इस नहर में कैसे आई डॉल्फिन इसकी संभावना यह है कि बहराइच के कर्तनिया डेम से ये नहर में पहुची होगी क्योकि शारदा नदी की ही सहायक नहर है जो सिंचाई के साथ ही एनटीपीसी ऊंचाहार को पानी की आपूर्ति करती है।
गंगा डॉल्फिन भारत का राष्ट्रीय जलीव जीव घोषित है और इसकी प्रजाति विलुप्ति के कगार पर है। ऐसे ही शिकार होता रहा तो जल्द ही समाप्त हो जाएगी यह प्रजाति।
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बदायूँ में गंगा में दिखी डालफ़िन
हाल ही में बदायूं ज़िले से ख़बर आयी थी कि वहाँ गंगा नदी में डालफ़िन अठखेलियां कर रही हैं.
स्थानीय लोगोंका कहना है कि यहाँ पर पाँच साल बाद डालफ़िन दिखीं.
प्रदूषण कम होने से मछलिया और डॉल्फिन वग़ैरह फिर से दिखाई देने लगी हैं.
अधिकारी इससे बहुत उत्साहित है पता चला है कि WWF की एक टीम भी बदायूं में गंगा में डालफ़िन का निरीक्षण कर चुकी है.
जानकार लोगों का कहना है किडाल्फिन एक ऐसा जीव है जिससे समूह में रहना पसंद है. डाल्फिन 60 किलोमीटर इस की स्पीड से तैर सकती है . डालफ़िन मुख्यतः पानी के अंदर रहती दास बारह मिनट में साँस लेने के लिए पानी के ऊपर आती है.
डालफ़िन शिकार पर प्रतिबंध
भारत की नदियों में मीठे पानी की दो तरह की डॉल्फिन पाई जाती गंगा डॉल्फिन और सिंधु डॉल्फिन, इनकी संख्या लगातार शिकार के चलते घटती जा रही थी जिसे देखते हुए सरकार ने इसे संरक्षित जलीय जीव घोषित करते हुए शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया इतना ही इसे राष्ट्रीय जलीय जीव साल 2009 में घोषित किया गया था। वर्तमान में देश मे इस प्रजाति की संख्या घटकर 2000 से कम रह गई है। मीठे पानी की डॉल्फिन भारत के अलावा नेपाल, बंगलादेश और पाकिस्तान में भी पाई जाती है।
प्रतापगढ़ से मनोज कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट