पर्यावरण

  • Photo of सम्भवामि युगे युगे : धर्म संस्थापना अर्थात प्रकृति का संरक्षण

    सम्भवामि युगे युगे : धर्म संस्थापना अर्थात प्रकृति का संरक्षण

    मैं अपने को प्रगट करता हूँ। कोरोना काल में धर्म के पतन के उदहारण न भूतो न भविष्यत् हैं -पतन…

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  • Photo of बनारस गंगा की रेती में नहर पर नदी वैज्ञानिक ने उठाये कई सवाल

    बनारस गंगा की रेती में नहर पर नदी वैज्ञानिक ने उठाये कई सवाल

    सर नदी एक जीवित शरीर प्रणाली है। सिस्टम की एनाटॉमी, मॉर्फोलॉजी और डायनेमिक्स को जानना चाहिए, उसके बाद ही इसे…

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  • Photo of मॉं समान गंगा जी से लोग क्यों डरने लगे !

    मॉं समान गंगा जी से लोग क्यों डरने लगे !

    🔊 सुनें पहले कोरोनावायरस से प्रदूषित लाशें और अब प्रदूषण से  जल गहरा हरा और बदबूदार होने से लोग मॉं…

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  • Photo of Impact of  Coronavirus Infected Dead Bodies in Ganga

    Impact of Coronavirus Infected Dead Bodies in Ganga

    only scientific studies would confirm if they can multiply in the hydro-environment. But in any case, I believe that if…

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  • Photo of वाराणसी में गंगा की दुर्गति पर समाजसेवी और स्वयंसेवी संगठन सामने आये.

    वाराणसी में गंगा की दुर्गति पर समाजसेवी और स्वयंसेवी संगठन सामने आये.

    🔊 सुनें वाराणसी में गंगा नदी पार रेत में खनन और नदी धारा, जल प्रदूषण, घाटों की संरचना आदि पर…

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  • Photo of नेत्रहीन निरक्षर लोगों की अनूठी पहल; कर रहे धरती का श्रृंगार

    नेत्रहीन निरक्षर लोगों की अनूठी पहल; कर रहे धरती का श्रृंगार

    🔊 सुनें चार दशक पहले तीन निरीक्षण मित्रों ने लिया था पौधरोपण का संकल्प। उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति के चलतेआज दर्जनों पौधे विशाल वृक्ष का रूप ले लिए हैं इन तीनों साथियों में एक जन्मजात दृष्टिहीन भी हैं। समग्र विकास इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रज भूषण दुबे सहित मित्रों ने लगाए गए वृक्षों की छांव में बैठकरउनका अभिनंदन किया। नेत्रहीन नगीना ने किया था प्रस्ताव- गाजीपुर जनपद के मनिहारी विकासखंड अंतर्गत बुजुर्गा गांव के जन्मजात नेत्रहीन नगीना यादव ने अपने मित्रबदरू यादव एवं शिवकुमार राम से मन की बात कहते हुए प्रस्ताव रखा कि हम तीनों निरक्षर एवं गरीब परिवारसे हैं।  किसी तीर्थ स्थल पर जा नहीं सकते ऐसे में क्यों ना हम सभी लोग पौधरोपण करें। प्रस्ताव पास हुआ किंतु पौधों को लगाया कहा जाए, फिर तय किया गया कि गांव के पास वाली नहर केकिनारे हम लोग पौधरोपण करेंगे। फिर क्या था गड्ढा खुदा।  कुछ लोगों ने विरोध किया किंतु तीनों की दृढ़ इच्छा शक्ति के आगे कोई रुकावट नहीं आई पहली हरिशंकरीयानि पीपल पाकर बरगद ताड़ के वृक्ष से खोदकर उन लोगों ने लगाया जो आज काफी विशाल रूप ले लियाहै। इसी प्रकार नहर के किनारे एवं खाली जमीन पर उन लोगों ने दर्जनों की संख्या में जामुन आम पीपल बरगदपाकड़ इत्यादि लगाया और उनकी सुरक्षा भी किया अब वे सभी वृक्ष हो गए हैं। समग्र विकास इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रज भूषण दुबे अपने सहयोगी शोभनाथ यादव अनिल शर्मा, सोन्हूंसिंह यादव उर्फ सुभाष चंद्र बोस, व्याख्याता गुल्लू सिंह यादव एवं साद शेख के साथ तीनों पर्यावरण प्रेमियोंका अंगवस्त्रम देकर सम्मान किया। ब्रज भूषण दुबे ने कहा कि जिन लोगों ने पौधरोपण कर उन्हें हरा भरा किया है हम उनके यहां पहुंच कर  साथियों के साथ सम्मान करेंगे। अब ऐसे लोगों को महिमामंडित करने की जरूरत है जिन लोगों ने कहा नहींबल्कि करके दिखा दिया। इसके पूर्व सामाजिक संगठन द्वारा दर्जनों प्रकृति प्रेमियों को सम्मानित किया जा चुका है तथा जन्मदिन सेलेकर शादी विवाह एवं त्रयोदशाह तक पौधरोपण कराने की परंपरा को जमीनी स्तर पर कायम किया जा रहाहै। समान का कार्यक्रम बुजुर्गा गांव में नहर के किनारे तीनों पर्यावरण प्रेमियों द्वारा रोपित किए गए वृक्षों के नीचेकिया गया।  ब्रज भूषण दुबे , राष्ट्रीय अध्यक्ष- समग्र विकास इंडिया, ग्राम व पोस्ट यूसुफपुर क्षेत्र मनिहारी जनपद गाजीपुर उत्तर प्रदेश। 

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  • Photo of गंगा नदी में हरे शैवाल की जांच टीम शुरू

    गंगा नदी में हरे शैवाल की जांच टीम शुरू

    🔊 सुनें बनारस के खिड़कियां घाट से मिर्जापुर तक गंगा नदी में विभिन्न स्थानों पर टीम ने जहां-जहां पानी हरा…

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  • Photo of बनारस में गंगा का हरा जल : डी एम ने जाँच बैठायी

    बनारस में गंगा का हरा जल : डी एम ने जाँच बैठायी

    🔊 सुनें बनारस में गंगा नदी में बड़ी मात्रा में हरे शैवाल की जाँच करनें के लिए जिलाधिकारी वाराणसी नें…

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  • Photo of मॉं गंगा मरणासन्न हैं, सारे पर्यावरण योद्धा कहाँ हैं?

    मॉं गंगा मरणासन्न हैं, सारे पर्यावरण योद्धा कहाँ हैं?

    "गंगा तव दर्शनात् मुक्ति", ये पंक्ति आपको विभिन्न गंगा घाटों के करीब दीवारों पर लिखी मिल जाएगी. इसका अर्थ है…

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  • Photo of काशी में गंगा के अस्तित्व पर ख़तरा

    काशी में गंगा के अस्तित्व पर ख़तरा

    🔊 सुनें भारत की सांस्कृतिक राजधानी काशी – वाराणसी अथवा बनारस में पिछले एक साल से गंगा नदी में कई…

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