कोविड 19 – मेरठ मंडल में घर – घर मेडिकल जाँच होगी – मुख्य सचिव

(मीडिया स्वराज़ डेस्क )

लखनऊ, 28 जून.  दिल्ली से सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का अधिक प्रकोप देखते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार ने मेरठ मंडल में घर – घर जाँच कराने का निर्णय किया है. मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने आज एक बैठक में प्रस्तावित अभियान की तैयारी की समीक्षा की. मेरठ मंडल में बुलन्दशहर, ग़ाज़ियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर और बागपत ज़िले शामिल हैं. यह सारा इलाक़ा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिल्ली से क़रीब है. यह इलाक़ा आर्थिक  रूप से सम्पन्न है . यहाँ कोरोना वायरस का प्रकोप भी अधिक है. 

बैठक में मुख्य सचिव   तिवारी ने कहा है  कि  मेरठ मण्डल में आगामी जुलाई के प्रथम सप्ताह में एक विशेष कार्यक्रम के तहत डोर-टू-डोर मेडिकल स्क्रीनिंग की जानी है। इसके लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा शत-प्रतिशत घरों की स्क्रीनिंग का कार्य निर्धारित समय में पूर्ण कराने हेतु आवश्यक रणनीति समय से तैयार कर ली जाये।मुख्य सचिव ने यह निर्देश आज लोक भवन स्थित कार्यालय कक्ष के सभागार में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा के दौरान दिये.

बैठक में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक टण्डन, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री संजीव मित्तल, पुलिस महानिदेशक श्री हितेश सी0 अवस्थी, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार, राहत आयुक्त श्री संजय गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव की बैठक

मुख्य सचिव ने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि   नागरिकों को इस कोरोना वायरस से बचाव हेतु विभिन्न प्रचार माध्यमों से जागरूक करने के निरन्तर प्रयास किये जायें। उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट  एवं पुलिस के वाहनों द्वारा व्यस्त चौराहों एवं बाजारों में पेट्रोलिंग कर सोशल डिस्टेसिंग तथा मास्क के प्रयोग का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित कराया जाये। इस कार्य में स्वयंसेवी संस्थाओं और व्यापार मण्डलों का भी सहयोग लिया जाये तथा पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाये।

एम्बुलेंस तैयार रहे 

इस दौरान जनपदों में रैपिड रेस्पाँस टीम एवं एम्बुलेंस को तैयार रखा जाये, जिससे सूचना प्राप्त होते ही उचित कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके। मेडिकल स्क्रीनिंग के समय पल्स पोलियो अभियान की भांति घरों की मार्किंग भी की जाये। उन्होंने कहा कि मेडिकल स्क्रीनिंग के दौरान किसी व्यक्ति में कोविड-19 के लक्षण पाये जाने पर उसका पल्स आॅक्सीमीटर तथा रैपिड एन्टीजन टेस्ट कराया जाये। संक्रमित होने की दशा में ऐसे व्यक्ति को तत्काल कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाये।

श्री  तिवारी ने कहा कि कंटेनमेंट जोन में सख्ती बरतते हुये आवागमन को रोका जाये तथा केवल आवश्यक सेवाओं एवं चिकित्सीय सुविधा हेतु ही टीमों को आने-जाने दिया जाये। जनपदों में अधिकतम संख्या में सैम्पल टेस्टिंग की जाये, ताकि संक्रमित व्यक्तियों की शीघ्रतापूर्वक पहचान कर आइसोलेट किया जा सके। सर्विलांस टीम की दिन-प्रतिदिन की प्रगति की एप अथवा पोर्टल के माध्यम से नियमित माॅनीटरिंग की व्यवस्था भी की जाये।

उन्होंने प्रदेश में 20 हजार टेस्टिंग क्षमता को 30 जून तक 25 हजार करने के प्रयास सुनिश्चित किये जायें। यह भी कहा कि टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ चिकित्सालयों में आवश्यकतानुसार बेड, मैनपावर तथा आवश्यक उपकरणों की संख्या की वृद्धि के लिये भी निरन्तर प्रयास सुनिश्चित किये जायें।

 

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