उप्र :- वृक्षारोपण मिशन – 2020, लक्ष्य 25 करोड़, दावेदारी से इतर हैं परिणाम

अनिल सिंदूर, पत्रकार, कानपुर

—अनिल सिंदूर, पत्रकार, कानपुर 

वृक्षारोपण मिशन-2020 अन्तर्गत 5 जुलाई को 25 करोड़ पौधों को रोपित कर एक बार फिर रिकॉर्ड कायम करने की कोशिश की गयी है. जब कि पौधरोपण की दावेदारी लक्ष्य से एक करोड़ ज्यादा की है. वृक्षारोपण मिशन का शुभारम्भ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुकरैल के वन में पौधरोपण कर किया. पौधरोपण का शुभारम्भ करते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि उप्र ने 26 करोड़ से ज्यादा पौधे रोपित कर कीर्तिमान स्थापित किया है. इस कोरोना काल में प्रदेश ने पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह किया है. उन्होंने विभागों, स्वमसेवी संगठन तथा अन्य संस्थाओं को बधाई देते हुये कहा कि बीते वर्ष 22 करोड़ से ज्यादा पौधे लगाये गये थे इस वर्ष उससे आगे कदम बढ़ाते हुये 26 करोड़ पौधे लगाये गये हैं. आने वाले समय में उप्र में औषधीय तथा फलदार बृक्ष लगाने की तैयारी है. उन्होंने कहा बीते वर्ष हमने 22 करोड़ से भी अधिक पौधे रोपित किये थे जिसकी जियो टैगिंग भी करवायी गयी थी. उन्होंने दावेदारी की कि पिछले वर्ष देश की प्रतिष्ठित संस्थाओं से इनका सत्यापन भी करवाया था सत्यापन में पाया गया कि 95 प्रतिशत पौधे सुरक्षित हैं

मालूम हो कि यह सही है कि बीते वर्ष भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान देहरादून मूल्यांकन एवं निरीक्षण करवाया गया था लेकिन सर्वे में जो परिणाम निकल कर आये उसमें 26 विभागों द्वारा जो पौधरोपण किया गया था वह 75 प्रतिशत से 95 प्रतिशत आया है लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस सर्वे 95 प्रतिशत पौधे सुरक्षित मान लिया.

बड़ी बात यह है कि आईएफएसआर – 2019 की 16वीं रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश के हरित क्षेत्र में वृद्धी सिर्फ 0.01 प्रतिशत यह रिपोर्ट भी भारतीय सर्वेक्षण संस्थान देहरादून द्वारा तैयार की जाती है इस रिपोर्ट को दो वर्ष के अन्तराल में पर्यावरण मंत्रालय जारी करता है. आईएफएसआर – 2017 में कुल हरित क्षेत्र 9.18 प्रतिशत था जो कि वर्ष 2019 में बढ़ कर 9.19 प्रतिशत हो गया है.

इस वर्ष वन विभाग 10053 स्थानों पर 10 करोड़ पौधे रोपित किये. अन्य स्थानों पर 26 विभागों ने सात लाख स्थानों पर 15 करोड़ पौधे रोपित किये. वन विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार पौधशालाओं में 44.27 करोड़ पौधे उपलब्ध हैं.

जमीनी हक़ीकत जानने को जब भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान देहरादून के उप-निदेशक प्रकाश लखचौरा से जानकारी माँगी तो उन्होंने बताया कि अपरिहार्य कारणों वश कुछ देरी से उप्र में वृक्षारोपण महाकुम्भ 19-20 के मूल्यांकन को 27 टीम 17 फरवरी 2020 को रवाना हुईं थी. उन्होंने बताया कि संस्थान को यह कार्य एक प्रोजेक्ट के तहत दिया गया था. इस सर्वे में संस्थान को ये पता लगाना था कि कितने क्षेत्रफल में पौधरोपण हुआ था, किस एजेंसी ने कितने पेड़ लगाये थे तथा पौधरोपण का सर्वाइवल कितना है. यह सारी सर्वे रिपोर्ट उप्र सरकार के प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष उप्र को भेज दी गयी है.

डॉ. राजीव गर्ग प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष उप्र से जब भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान देहरादून द्वारा वृक्षारोपण महाकुम्भ 2019-20 के मूल्यांकन एवं निरीक्षण के परिणाम के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान देहरादून ने जो रिपोर्ट दी है उसके अनुसार वृक्षारोपण 2019-20 का सर्वाइवल औषत 75 प्रतिशत से 90 प्रतिशत है तथा जिन 26 एजेंसियों ने वृक्षारोपण किया था उनका औषत 70 प्रतिशत से 95 प्रतिशत रहा है. जब उनसे पूछा कि आईएफएसआर 16वीं रिपोर्ट के अनुसार करोड़ों की संख्या में वृक्षारोपण के बाद भी हरित क्षेत्र में 0.01 प्रतिशत की ही वृद्धी हुई है, तो उन्होंने बताया कि वन क्षेत्र को आंकलन करने की जो हमारे पास तकनीक है वो इतनी समृद्ध नहीं है जो एक से दो वर्ष अन्तराल के पौधों का सही आंकलन कर सके.

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