हे नववर्ष जन्मो तुम !

हे नववर्ष जन्मो तुम 

डा चन्द्रविजय चतुर्वेदी ,प्रयागराज। 

हे नववर्ष 

जन्मो तुम 

जन्मो पर 

कृष्ण रूप  जन्मो 

कारा में बंद 

तुम्हारे जननी जनक 

ही नहीं जन जन को 

तुम्हारे जन्मने की 

प्रतीक्षा है भारी 

भादों सी रात है काली 

अंगार  भरे मेघ 

कर रहे वज्रपात 

जन जन के विदीर्ण ह्रदय 

हैं खाली 

जन्मो नववर्ष 

नए आस विश्वास के 

सूरज संग जन्मो 

ग्लानि हेतु विश्व के 

मुस्कान हेतु जन्मो 

जन्मो बन दीनदयाल 

करुणा रूप 

विश्व बंधुत्व हेतु जन्मो 

मानव मानवता के 

विषहरण हेतु 

अमृत रूप जन्मो 

जन्मो हे नववर्ष 

मंगल बधाई बाजै 

जन मन में 

खुशियाँ साजै 

अलविदा बीस

अलविदा बीस 

ज्ञान विज्ञान धर्म दर्शन 

अध्यात्म व्यापार 

सभी चेतन अवचेतन मूल्य 

निश्तेज किये 

उन्नीस बना  सबको 

खुद रहे बीस 

हे अनिश्चितता के स्वामी 

भय आक्रान्त दुराशा के 

पोषक स्वामी 

विश्व इतिहास के पत्थर लकीर 

तुमने जग को बना दिया फ़क़ीर 

हे नियति के अग्रदूत 

हे बीस बीस 

लेकर अपने सभी काम 

मोक्ष पायो अपने धाम 

सारा विश्व नवाता तुम्हे शीश 

अलविदा बीस अलविदा बीस 

Chandravijay Chaturvedi
Dr Chandravijay Chaturvedi

डा चन्द्रविजय चतुर्वेदी ,प्रयागराज 

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