विनोबा का सपना था गरीबों को सम्मानित जीवन दिलाना

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के श्रेणी में ही आने वाले बाबा विनोबा का जन्म 11 सित्मबर 1895 को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में हुआ था।

विनोबा जी बचपन से ही संत बैरागी प्रबृति के व्यक्ति थे।

उनके जीवन का सबसे महान कार्य भूदान आन्दोलन था।

इसमें उन्होने सम्पूर्ण भारत में 45 लाख एकड़ जमीन मांग कर गरीबों को बांटने के लिए भूमिवानों से मांगने का कार्य किया।

उक्त विचार विनोबा 125वीं वर्षगांठ के अवसर पर विनोबा जी की आदमकद प्रतिमा का लोकार्पण एंव माल्यार्पण कर समारोह को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश वित्त, संसदीय कार्य, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने व्यक्त करते हुए कहा कि गरीबों का सम्मान समाज में बढ़ाना उनका सपना था।

विनोबा विनोबा जी ने अपने जीवन में स्त्री शक्ति के उत्थान हेतु, ग्रामों के उत्थान हेतु, शिक्षकों के सम्मान हेतु समाज में श्रम को प्रतिष्ठा दिलाने हेतु, स्वराज्य के बाद ग्राम स्वराज्य लाने हेतु अनेक कार्य किये।

विनोबा 22 भाषाओं के ज्ञाता होने के नाते उन्होने अनेक पुस्तकें लिखी।

इसमें से गीता प्रवचन पुस्तक दुनिया की सभी भाषाओं में प्रकाषित हुई है।

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिलें में रमेश भइया विमला बहन दम्पति ने  विनोबा जी विचारों के आधार पर विनोबा सेवा आश्रम की स्थापना 1980 में रौजा में की।

1980 में बनकेतारा में संचालन हुआ इनके कामों को प्रथम दिन से देखने का अवसर मिला।

विनोबा आश्रम के जरिये जनता की सेवा सराहनीय

इन लोगों ने आश्रम के माध्यम से जनता की जो सेवा की है वह सराहनीय है।

मुझे कहने में खुशी हो रही है कि रमेश भइया विमला बहन दोनों जनपद रत्न से सम्मानित हैं।

और यह सेवा कार्य किसी राजनीतिक या अन्य किसी लालच में नही कर रहे हैं।

यह विनोबा के विचारों पर सेवा कार्य कर रहे हैं।

विनोबा जी की 125वीं वर्षगांठ के अवसर पर विनोबा विचार प्रवाह का आयोजन रमेश भइया और उनकी टीम द्वारा किया जा रहा है जो काफी प्रेरणाष्पद है।

मैं उत्तर प्रदेश सरकार ओर से विनोबा की 125वीं जयन्ती की शुभकामनांए देता हूं और मैं आन्तरिक हदृय से श्रद्वांजली व्यक्त करता हूं।

साथ ही साथ आश्रम के द्वारा 4 दशक से जो सेवा की गई है उसकी उन्नति की कामना करता हूं।

विनोबा सेवा आश्रम के संस्थापक श्री रमेश भइया ने कहा बाबा विनोबाजी अक्सर कहा करते थे हथियार लेकर लड़ने वाला वीर कहलाता है पर बगैर हथियार के लड़ने वाला महावीर कहलाता है।

आज ऐसे महावीर की दुनिया हर जगह अनुभव कर रही है।

हिंसा द्वारा किसी भी समस्या का समाधान नहीं होता है।

लेकिन दुनिया को यह अनुभव कराना होगा की अहिंसा से हर समस्या का हल निकल सकता है।

इस क्षेत्र में नया चिंतन नए प्रयोग करने होंगे।

समाज में हिंसा को रोकने के लिए उपाय, मैत्री भाव को बढ़ाना है।

हिंसा का एक परिणाम है कारण कुछ दूसरे ही होते हैं मैत्री भाव इन कारणों को मिटाता है।

जब दमन चलता है अन्याय होता है कोई सुनवाई नहीं होती है तो असंतोष फूटता है और फिर हिंसा प्रतिहिंसा का दुष्चक्र आरंभ हो जाता है जो चक्रव्यूह बन सबको फंसाये रखता है।

संकल्प करने का शुभ दिन

विनोबा सेवा आश्रम की सचिव विमला बहन ने कहा संकल्प करने का शुभ दिन भी आ गया।

बाबा की 125वीं जयंती क्या सुंदर दिन इस दिन सभी लोग अपने अपने मन में संकल्प करें कि हमको गांधी विनोबा के सपनों का भारत ही नहीं बल्कि विश्व चाहिए।

संकल्प सभी के मन में जगेगा तो बाबा भले हमारे बीच में नहीं है लेकिन कहीं न कहीं संकल्प पूर्ति में मदद जरूर करेंगे।
इससे पूर्व प्रतिमा शिलालेख का लोकार्पण भी किया। सुबह प्रार्थना, सफाई, श्रमदान, सूतांजलि आदि कार्यक्रम किये गये हैं।
विनोबा गोसेवा सदन के प्रभारी श्री अमर सिंह ने कहा ने मानव, मानव के बीच, मानव तथा अन्य जीवों के बीच, मानव और प्रकृति के बीच अनेक प्रकार के रिश्ते रहे हैं।

अब तक के बहुत सारे रिश्तों में स्वामी दास का रिश्ता प्रधान रहा है, जिसका स्वाभाविक परिणाम था, हर प्रकार की विषमता।

कुछ मानव स्वयं को स्वामी और दूसरों को दास समझते हैं।

मानव अक्सर खुद को अन्य जीवों तथा समस्त प्रकृति का स्वामी मानता है और इन सबको मात्र अपने उपभोग की वस्तुएं समझता था।

कलि के प्रवेश से बर्बादी

ग्राम स्वराज्य का प्रयोग करने के लिए संकल्पित श्री जागेश्वर दयाल अग्निहोत्री कहा ने पुराणों की कहानी है नल राजा ने अपने शरीर को पानी से खूब धोया ताकि कलि का भीतर प्रवेश ना हो पाए।

लेकिन उसका ध्यान इस ओर नहीं गया उसके पैर के अंगूठे का नाखून सूखा ही रह गया।

वहीं से कलि ने उसके शरीर में प्रवेश कर लिया और फिर चल पड़ी तबाही।

हमारे समाजरूपी शरीर में ऐसे कितने सारे हिस्से सूखे पड़े हैं।

यहां से कलि समाज में से प्रवेश कर बर्बादी ला सकता है।

सबसे बड़ा प्रवेश द्वार है हमारे राजनीतिज्ञों की सत्ता लोलुपता जिसके लिए हर कुकर्म कर सकते हैं।

मैं के दायरे में सीमित कुर्सी का लालच उन्हें इतना अंधा बना देता है कि उन्हें न देश दिखाई पड़ता है और न दीन, न ईमान।

कुर्सीवाद के सामने अन्य समस्त वाद अर्थहीन बन जाते हैं, समाजवाद शेष रहता है, न साम्यवाद, न प्रजातंत्र।

इसीलिए आवश्यक हो गया है कि जनता स्वयं सजग प्रहरी की भूमिका निभाकर देश की रक्षा करें समाज को विघटन से बचाए इस देश के आम आदमी में यह शक्ति मौजूद है जरूरत है उसे अपनी शक्ति को जानने की।

मैत्री के लिए मैत्री का संदेश

विनोबा विद्यापीठ श्री ओपी सिंह ने कहा ‘‘मैं सारी दुनिया की ओर, सब जीवों की ओर मित्रता की दृष्टि से देखूगा तो सब मेरी ओर मित्रता की दृष्टि से देखेंगे‘‘।

जैन दर्शन में कहा है कि ‘‘मित्ती में भूएसु।‘‘ सब जीवों से मेरी मैत्री हो।

‘‘बुद्धदेव ने भिक्षुओं को उपदेश दिया है कि तुम मैत्री विहार करो‘‘।

मैत्री के लिए मैत्री के साथ मैत्री का संदेश लेकर चलते चलो।

कुरआन शरीफ में आदेश है कि ‘‘ तुम सब एक दूसरे से सलाह मसबिरा करो‘‘।

ईसा मसीह ने ‘‘एक दूसरे से प्यार करने की बात कही है‘‘

महिला स्वास्थ्य सैफ अवार्सन के प्रभारी श्रीमती कमला सिंह ने कहा साझा प्रयास नेटवर्क का उददेश्य है कि प्रजनन स्वास्थ्य एंव गर्भ समापन की सेवांए सृदढ़ हों।

इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों से मिलकर कार्य कर रही हैं।

सुरक्षित गर्भ समापन किया है। इसकी जानकारी ग्रामीण क्षेत्रों में बिल्कुल नहीं है।

इस बजह से महिलाओं की जान जोखिम में पड़ जाती है।

उन महिलाओं तक संदेश पहंुचाने के लिए एएनएम आशा आंगनबाड़ी की मासिक बैठकों में प्रतिभागिता करके पम्पलेट वितरण के साथ सुरक्षित गर्भपात की जानकारी साझा प्रयास नेटवर्क की प्रोग्राम आफीसर द्वारा दी जा रही है।

इसी सत्र से ग्राम पंचायतों के साथ में काम करना शुरू कर दिया है।

ग्राम प्रधानों के माध्यम से गांव में संदेश का विस्तार हो।
कार्यक्रम में पंकज भाई, आदित्य कुमार, अजय श्रीवास्तव, मुदित कुमार, विनय शर्मा, आशीष मिश्रा, अशोक सिंह, ब्रम्हदेव, आदि ने अपने अपने विचार व्यक्त किये।

अनिल सिंह, अजय शुक्ला, बिन्द्रा बाबू, अखलाक खान, विटटो देवी, मुमताज अली, सोनी देवी, मृदुललता गुप्ता, अशोक यादव, ओम प्रकाश, डाॅ संजीव प्रकाश सक्सेना, ज्ञान प्रकाश, नत्थू खां, अमीर हसन आदि मौजूद रहे।

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