सिद्धार्थनगर में काला नमक चावल महोत्सव

सिद्धार्थनगर में काला नमक धान का उत्पादन प्राचीनकाल से

सिद्धार्थनगर में ‘काला नमक चावल महोत्सव 2020-21’ आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव में काला नमक धान उत्पादन की नवीनतम तकनीक के बारे में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कृषकों को जानकारी दी जाएगी। काला नमक चावल के लाभ एवं औषधीय गुण की जानकारी भी दी जाएगी। इसके उत्पादों के निर्यात की सम्भावनाओं तथा इस चावल की महक एवं गुणवत्ता को बेहतर किए जाने पर विचार-विमर्श किया जाएगा। महोत्सव के दौरान काला नमक धान के प्रदर्शनी स्टॉल तथा काला नमक चावल पर केन्द्रित फूड स्टॉल भी लगाए जाएंगे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने लखनऊ में अपने सरकारी आवास से वर्चुअल माध्यम से जनपद सिद्धार्थनगर में आयोजित ‘काला नमक चावल महोत्सव’ का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया। महोत्सव को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लागू की गयी ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना के तहत वर्ष 2018 में काला नमक चावल को जनपद सिद्धार्थनगर के उत्पाद के रूप में शामिल किया गया। इस योजना के तहत इसकी मार्केटिंग और ब्राण्डिंग के लिए मंच उपलब्ध हो सका।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के पहले सिद्धार्थनगर और आस पास के क्षेत्रों में 22 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में काला नमक चावल की फसल होती थी। समय के साथ इसका उत्पादन काफी कम हो गया था। लेकिन ओ0डी0ओ0पी0 योजना के तहत आने के उपरान्त इसकी बुआई अब बढ़ गयी है। अब काला नमक चावल की खेती का क्षेत्रफल बढ़कर लगभग 05 हजार हेक्टेयर हो गया है। उन्होंने कहा कि ओ0डी0ओ0पी0 योजना के तहत चुने गये इस उत्पाद की महक आज पूरे विश्व में फैल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि प्राकृतिक सुगन्ध के साथ मुलायम, कुपोषण से लड़ने में सक्षम तथा कई बीमारियों से लड़ने वाला यह चावल जनपद सिद्धार्थनगर की विशेष पहचान है। इसमें शुगर की मात्रा नगण्य होती है, इसलिए यह मधुमेह के रोगियों के लिए अत्यन्त लाभदायक है। इसका चयन कुपोषण से लड़ने के लिए भी किया जाता है। इसमें जिंक 21.5 प्रतिशत तथा आयरन 12 प्रतिशत होता है। इसके अलावा, इसमें ओमेगा 03 और 06 जैसी लाभदायक वसा भी मौजूद होती है। 
जनपद सिद्धार्थनगर में काला नमक धान का उत्पादन प्राचीनकाल से हो रहा है। इस क्षेत्र में इसकी खेती 600 ईसा पूर्व भगवान बुद्ध के काल में भी होती थी। राज्य सरकार द्वारा ओ0डी0ओ0पी0 योजना के तहत इसकी ब्राण्डिंग और मार्केटिंग की व्यवस्था के कारण किसानों को अब इस चावल का बाजार मूल्य 100 से 110 रुपए प्रति किलो तक मिल रहा है।
दीर्घ अवधि और कम उत्पादकता होने के कारण पूर्व में इसकी बुआई में कमी आ गयी थी, परन्तु राज्य सरकार ने काला नमक चावल को बढ़ावा देने के लिए इसकी उन्नत प्रजातियां किसानों को उपलब्ध करायी हैं। जिससे अब किसान ज्यादा बड़े क्षेत्रफल में इस चावल को उगा रहे हैं। इसे एक गौ आधारित खेती के रूप में भी विकसित करने की दिशा में कार्य किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काला नमक चावल के उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हमें स्थानीय मार्केट और मण्डी पर ध्यान देना होगा। ‘काला नमक चावल महोत्सव’ जनपद सिद्धार्थनगर के साथ-साथ नेपाल राष्ट्र से जुड़े प्रदेश के तराई क्षेत्रों के लिए भी लाभदायक होगा। यह महोत्सव काला नमक चावल की ब्राण्डिंग को और मजबूती से स्थापित करेगा, जिससे किसानों को बड़ा बाजार उपलब्ध होगा। इससे निर्यात के अवसर भी बढ़ेंगे। फलस्वरूप किसानों को उनकी फसल का कई गुना दाम मिलने लगेगा। 
इस क्षेत्र में काला नमक चावल को और अधिक प्रोत्साहन देने के दृष्टिगत सिद्धार्थनगर में ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ के अन्तर्गत 6.39 करोड़ रुपए की लागत से कॉमन फैसिलिटी सेन्टर (सी0एफ0सी0) का निर्माण कराया जा रहा है। इसकी स्थापना से इसके भण्डारण हेतु वातानुकूलित गोदाम, ग्रेडिंग कराते हुए विपणन हेतु पैकिंग आदि की आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकेंगी। इसे वैश्विक पहचान दिलाने के दृष्टिगत वर्ष 2020 में इस चावल की जी0आई0टैगिंग का नवीनीकरण कराया गया है।

एक जनपद एक उत्पाद योजना के तहत अन्तर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान द्वारा जनपद में काला नमक शोध संस्थान स्थापित करने की कार्यवाही की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा कृषि और प्रसंस्करण खाद्य उत्पादन निर्यात विकास प्राधिकरण वाराणसी के माध्यम से काला नमक चावल के निर्यात को बढ़ावा देने के भी प्रयास किये जा रहे हैं। इसी प्रकार आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या के कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा काला नमक चावल की विभिन्न प्रजातियों की उत्पादकता एवं गुणवत्ता पर शोध किया जा रहा है। इससे काला नमक चावल की उन्नत प्रजातियों का विकास सम्भव हो सकेगा। उन्होंने काला नमक चावल की ब्राण्डिंग के लिए जनप्र्रतिनिधियों का सहयोग लेने का भी सुझाव दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने काला नमक चावल पर केन्द्रित एक लघु फिल्म का अवलोकन भी किया।

सिद्धार्थनगर में काला नमक चावल महोत्सव

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने का जो संकल्प लिया गया है, उसमें कृषि विविधीकरण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने झांसी के परिवार द्वारा स्ट्रॉबेरी उगाकर अच्छा मुनाफा कमाने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस परिवार ने डेढ़ एकड़ क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की खेती की, जिसमें 06 लाख रुपए की लागत आयी जबकि 42 लाख रुपए में फसल बिकी। इस प्रकार इस परिवार को कृषि विविधीकरण के चलते 36 लाख रुपए का मुनाफा हुआ। इसी प्रकार चन्दौली जनपद के किसानों ने ब्लैक राइस उगाकर अपनी आय बढ़ायी, जबकि जनपद सुल्तानपुर के प्रगतिशील किसानों ने ड्रैगन फ्रूट उगाकर अपनी आय में इजाफा किया। 
कार्यक्रम का संचालन अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 एवं सूचना श्री नवनीत सहगल ने किया।
इस अवसर पर जनपद सिद्धार्थनगर से स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह तथा बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 सतीश चन्द्र द्विवेदी ने लखनऊ कार्यक्रम स्थल से प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी भी मौजूद थे।

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