गरीब हो रहे और गरीब, अमीर हो रहे और अमीर, एक बानगी…

ई कामर्स क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा ज्यादा देख टेक्नोलॉजी में निवेश कर रहे मुकेश अंबानी

ऑक्सफैम इंडिया की रिपोर्ट पर किसी का ध्यान नहीं गया, जबकि इस रिपोर्ट की गंभीरता को समझते हुये देश की जनता को एक बार फिर सत्ता का विरोध करने के लिये सड़क पर उतरने की जरूरत है, सत्ता पक्ष हो या फिर विपक्ष, उनसे सवाल पूछने की जरूरत है, अपना कीमती वोट यूं ही बर्बाद न करते हुये उसकी वास्तविक ​कीमत और उपयोगिता को समझने की जरूरत है, एक बार फिर जयप्रकाश नारायण की तरह जनता का दर्द महसूस करने वाले आम आदमी के एक वास्तविक नेता के आगे आने की जरूरत है। अब देखना यह है कि क्या देश की जनता इसे समझने की कोशिश करेगी। हम अपनी ओर से इसके लिये एक प्रयास कर रहे हैं…

मीडिया स्वराज डेस्क

बीते दिनों गैर सरकारी संगठन ऑक्सफैम इंडिया (Oxfam India Report) की एक रिपोर्ट ने देशवासियों को झकझोर कर रख दिया। रिपोर्ट में बताया गया था कि कोरोना काल में जहां देश के गरीब और ज्यादा गरीब हुये हैं, वहीं केवल पिछले साल 2021 के अमीरों के आंकड़ों पर नजर डालें तो उनकी संख्या और कमाई दोनों में बेतहाशा ​वृद्धि हुई है।

सर्वे के मुताबिक केवल पिछले साल की बात करें तो भारत में 84 प्रतिशत परिवारों की आय में गिरावट आई, जबकि भारतीय अरबपतियों की संख्या 102 से बढ़कर 142 हो गई। इस आर्थिक असमानता रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 142 अरबपतियों की कुल दौलत 719 बिलियन डॉलर, यानी 53 लाख करोड़ रुपये है। 98 सबसे अमीर लोगों के पास तो 55.5 करोड़ गरीबों के बराबर की दौलत है, जो तकरीबन 657 बिलियन डॉलर, यानी 49 लाख करोड़ रुपये होती है। इन 98 परिवारों की कुल दौलत भारत सरकार के टोटल बजट का करीब 41% है।

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ऑक्सफैम इंडिया की ओर से वार्षिक असमानता सर्वे की जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना काल में भारतीय अरबपतियों की कुल संपत्ति दोगुनी हो गई। कोरोना के कारण देश में आर्थिक असमानता इतनी बढ़ गई है कि देश के सबसे अमीर 10% लोगों के पास देश की 45% दौलत है। वहीं, देश की 50% गरीब आबादी के पास महज 6%।

यकीनन अमीरों और गरीबों के बीच की यह खाई निकट समय में पाटने की बात तो कोई गरीब सोच भी नहीं सकता। क्योंकि इस सच से भी पीछा नहीं छुड़ाया जा सकता कि इस दौरान लोगों की आय के स्रोत कम हो चुके हैं, या आय कम हो चुकी है, महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी है। स्वास्थ्य, शिक्षा और खानपान ने गरीबों पर मार कहीं ज्यादा बढ़ा दी है, लेकिन अमीरों के और भी अमीर होते जाने, अमीरों की संख्या ही नहीं, उनके कमाई भी दोगुने होने के कई उदाहरण हमारे सामने हैं।

इनमें से बीते दिनों हमने अडाणी ग्रुप पर बीजेपी सरकार, विशेषकर नरेंद्र मोदी की विशेष कृपा पर एक लेख लिखा था, लेकिन आज हम नजर डालते हैं अंबानी ग्रुप इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी से जुड़ी ऐसी खास बातों पर, जिससे न सिर्फ हमें इस रिपोर्ट की सच्चाई का पता लगेगा, बल्कि अमीरों के और अमीर होने की बानगी भी नजर आ जायेगी। ज्यादा नहीं, हम मुकेश अंबानी के केवल इसी महीने की कुछ ऐसी बातों को यहां शामिल करेंगे, बहुत पुरानी नहीं हैं, ​बल्कि जनवरी 2022 में ही मीडिया में आई उनकी खबरों से जुड़ी हैं।

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18 जनवरी 2022 की खबर:

रोबोटिक्स कंपनी में निवेश करेंगे मुकेश अंबानी

तो चलिये, आज मुकेश अंबानी को ही ले लें। मुकेश अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है। उन्हें भारत के सबसे अमीर शख्स और सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मालिक के रूप में जाना जाता है।

तो हम बात करते हैं कि मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी के लॉकडाउन के दौरान के महज दो महीनों की अचीवमेंट पर। मात्र 2-3 महीनों में ही उन्होंने तकरीबन 14-15 कंपनियों के साथ डील फाइनल की थी। पिछले साल की कमाई का ही असर है कि आज उनकी कंपनी आसमान की बुलंदियों को छू रही है। मंगलवार को आई एक खबर के मुताबिक, मुकेश अंबानी अब प्रौद्योगिकी में निवेश कर रहे हैं क्योंकि ई-कॉमर्स बाजार में प्रतिस्पर्धा तेज है। अंबानी एक घरेलू रोबोटिक्स कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी कर चुके हैं।

मुकेश अंबानी ने रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) के माध्यम से घरेलू रोबोटिक्स कंपनी एडवर्ब (Addverb Technologies) में 54% हिस्सेदारी खरीद ली है। दोनों कंपनियों की यह डील 13.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर और भारतीय करेंसी में लगभग 983 करोड़ रुपये में फ़ाइनल हुई है। नोएडा में स्थित महज पांच साल पुरानी कंपनी Addverb, सॉफ्टवेयर का निर्माण व डिजाइन करने के साथ साथ उसमें रोबोटिक सिस्टम इंस्टॉल करता है।
यह हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से लेकर इंस्टॉलेशन तक, रोबोटिक्स के हर पहलू पर काम करने वाली दुनिया की कुछ गिनी चुनी कंपनियों में से एक है।

इस डील को लेकर एडवर्ब टेक्नोलॉजीज के सह-संस्थापक और सीईओ संगीत कुमार का कहना है कि, ‘कंपनी स्वतंत्र रूप से काम करना जारी रखेगी। रिलायंस से मिली धनराशि का इस्तेमाल विदेश में कारोबार के विस्तार और नोएडा में एक बड़े रोबोट विनिर्माण संयंत्र की स्थापना के लिए किया जाएगा।’

एडवर्ब टेक्नोलॉजीज कंपनी की स्थापना 2016 में हुई थी। एडवर्ब टेक्नोलॉजीज के CEO और सह-संस्थापक संगीत कुमार ने बताया कि एडवर्ब टेक्नोलॉजीज के पास पहले ही वर्तमान समय में नोएडा में एक विनिर्माण संयंत्र है, जहां हर साल लगभग 10,000 रोबोट बनाए जाते हैं। अब ऐसा माना जा रहा है कि मुकेश अंबानी भी रोबोट निर्माण का मन बना रहे हैं। संगीत कुमार ने बताया है कि इस निवेश के साथ रिलायंस के पास एडवर्ब में लगभग 54 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। वे कंपनी में सबसे बड़े शेयरधारक बन गए हैं। रिलायंस पहले ही हमारे सम्मानित ग्राहकों में से एक थी, जिसके साथ मिलकर हमने उनके किराना व्यवसाय जियो मार्ट के लिए उच्च क्षमता वाले स्वचालित गोदामों का निर्माण किया था। सहूलियत और भरोसा, जैसे कारक पहले से मौजूद थे, जिसके कारण यह जुड़ाव हुआ।

संगीत कुमार ने कहा कि रिलायंस रिटेल के साथ रणनीतिक साझेदारी से हमें 5जी और बैटरी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी लाभ उठाने में मदद मिलेगी। हम इस धनराशि का इस्तेमाल विदेश में विस्तार करने और विनिर्माण संयंत्रों की स्थापना में करेंगे। इस समय हमारी आय का 80 प्रतिशत हिस्सा भारत से आता है, लेकिन अगले 4-5 वर्षों में भारत और विदेश व्यापार के बीच 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी होने की उम्मीद है। हमारी आय में सॉफ्टवेयर की कुल हिस्सेदारी 15 प्रतिशत है, जिसमें उल्लेखनीय बढ़ोतरी का अनुमान है।

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9 जनवरी 2022 की खबर:

मुकेश अंबानी ने न्यूयॉर्क के होटल मैंडारिन ओरिएंटल का 9.81 करोड़ डॉलर में किया अधिग्रहण

इसी साल 9 जनवरी 2022 को देश के सभी प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों में यह खबर आयी कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रमुख मुकेश अंबानी ने न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित लक्जरी होटल मैंडारिन ओरिएंटल का 9.81 करोड़ डॉलर यानी 728 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करने की शनिवार यानी 8 जनवरी 2022 को घोषणा की।

हम आपको यह बता दें कि साल 2003 में निर्मित मैंडारिन ओरिएंटल न्यूयॉर्क के 80 कोलंबस सर्कल स्थित एक प्रतिष्ठित लक्जरी होटल है, जो सेंट्रल पार्क और कोलंबस सर्कल के ठीक बगल में स्थित है।

कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि, “रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रियल इंवेस्टमेंट्स एंड होल्डिंग्स लिमिटेड (आरआईआईएचएल) ने लगभग 9.81 करोड़ डॉलर के इक्विटी प्रतिफल पर कोलंबस सेंटर कॉरपोरेशन (केमैन) की संपूर्ण जारी शेयर पूंजी का अधिग्रहण करने के लिए एक समझौता किया, जो केमैन आइलैंड्स में शामिल एक कंपनी है और मैंडारिन ओरिएंटल न्यूयॉर्क में 73.37 प्रतिशत हिस्सेदारी की अप्रत्यक्ष मालिक है।”

यहां हम आपको यह भी बता दें कि महज एक साल से भी कम समय में रिलायंस द्वारा प्रतिष्ठित होटल का यह दूसरा अधिग्रहण है। पिछले साल ब्रिटेन के पहले आइकॉनिक कंट्री क्लब और गोल्फ रिजॉर्ट स्टोक पार्क को रिलायंस ने 57 मिलियन पाउंड यानी 592 करोड़ रुपये में खरीदा था यानी आप समझ सकते हैं कि कोरोना काल में उनकी कमाई कितनी ज्यादा हुई होगी।

आपको बता दें कि रिलायंस का इस समय मुंबई में कन्वेंशन सेंटर, होटल और प्रबंधित आवास विकसित करने के अलावा ईआईएच लिमिटेड में निवेश भी है। RIIHL बाकी 26.63 फीसदी का अधिग्रहण करेगा, जो अप्रत्यक्ष 73.37 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिये उपयोग किये गये समान मूल्यांकन के आधार पर होगा।

एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी अब धीरे-धीरे होटल इंडस्ट्री में अपना पैर मजबूत करने लगे हैं। इससे पहले उन्होंने लंदन के कंट्री क्लब और गोल्फ रिजॉर्ट स्टोक पार्क को खरीदा था। वहीं अब उन्होंने न्यूयॉर्क के लग्जरी मैंडारिन ओरिएंटल को खरीदा है।

आपको बता दें कि स्टोक पार्क यूरोप का सबसे पॉश गोल्फ कोर्स है। अगर आप हॉलीवुड फिल्म देखते हैं तो दर्जनों फिल्म की शूटिंग यहां हो चुकी है। जानकारी के लिये बता दें कि बकिंघमशायर स्थित स्टोक पार्क 300 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें रहने के लिए 49 बेडरूम्स हैं। इसके अलावा स्पा, स्वीमिंग पुल, फिटनेस क्लब, जिम जैसी तमाम सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।

स्टोक पार्क का इतिहास करीब 900 साल पुराना है। लेकिन 1908 तक इसका इस्तेमाल प्राइवेट रेसिडेंसी की तरह किया जा रहा था। इस पार्क में स्थित जो शानदार विला है, उसे विश्व प्रसिद्ध वास्तुकार James Wyatt (जन्म- 3 अगस्त 1746 — मृत्यु- 4 सितंबर 1813) ने डिजाइन किया है।

13 जनवरी 2022 की खबर:

गुजरात में 5.95 लाख करोड़ रुपये निवेश करेगी अंबानी की रिलायंस

मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की 13 जनवरी 2022 को मीडिया में जो खबर आयी, उसके मुताबिक जल्दी ही अंबानी गुजरात में 5.95 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। 10 लाख लोगों को रोजगार देने का सपना दिखाकर 13 जनवरी को ही वाइब्रेंट गुजरात समिट 2022 में निवेश के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज ने गुजरात सरकार के साथ समझौते पर साइन किए।

गुजरात को कार्बन मुक्त बनाने के लिए रिलायंस ने राज्य में 10 से 15 वर्षों की अवधि में 100 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा संयंत्र और ग्रीन हाइड्रोजन इको-सिस्टम की स्थापना के लिए 5 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का प्रस्ताव रखा। यह भी बात की गयी कि रिलायंस लघु और मध्यम उद्यमों (एसएमई) की सहायता के लिए एक इको-सिस्टम विकसित करेगा और उद्यमियों को नई प्रौद्योगिकियों और इनोवेशन्स को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे अक्षय ऊर्जा और ग्रीन हाइड्रोजन का बेहतर उपयोग हो सके।

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रिलायंस ने बताया कि कंपनी की डीकार्बोनाइजेशन और ग्रीन इको-सिस्टम की पहल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से प्रेरित है। यानी इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष स्नेह अडाणी और अंबानी ग्रुप के लिये देखने को मिल ही जाता है और हो भी क्यों न? आखिर ये सभी पीएम मोदी के गृहनगर गुजरात से जो ताल्लुक रखते हैं और यकीनन पीएम मोदी को इससे कई लाभ भी मिल रहे होंगे।

खबरों में यह भी कहा गया कि रिलायंस ने इस समझौते के बाद से कच्छ, बनासकांठा और धोलेरा में 100 गीगावाट अक्षय ऊर्जा बिजली परियोजना के लिए भूमि की तलाश शुरू कर दी है। कंपनी ने प्रशासन से कच्छ में 4.5 लाख एकड़ जमीन की मांग की है। रिलायंस इस एनर्जी प्रोजेक्ट में 60 हजार करोड़ का निवेश करेगी।

इसके अलावा रिलायंस द्वारा मौजूदा परियोजनाओं और नए उपक्रमों में अगले 3 से 5 वर्षों में 25,000 करोड़ रुपये का निवेश भी किया जाएगा। रिलायंस ने 3 से 5 वर्षों में जियो नेटवर्क को 5G में अपग्रेड करने के लिए 7,500 करोड़ रुपये और रिलायंस रिटेल में 5 वर्षों में 3,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का भी प्रस्ताव दिया है।

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