नीतीश ने कहा, मंदिर और कब्रिस्तान दोनों की रक्षा की
सीएम ने वर्चुअल प्लेटफॉर्म के जरिये किया लोगों को संबोधित, 30 लाख लोग जुड़े
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सीएम नीतीश कुमार वर्चुअल प्लेटफार्म जदयू लाइव डाटकाम के जरिए लोगों को संबोधित किया।
इसके साथ ही नीतीश कुमार अपने दल के चुनाव अभियान का बिगुल फूंका।
जदयू का दावा है कि नीतीश की इस वर्चुअल रैली से 30 लाख लोग जुड़े हैं।
सीएम ने जदयू मुख्यालय में बने नवनिर्मित ‘कर्पूरी सभागार’ के मंच से ‘निश्चय संवाद’ को संबोधित कर रहे हैं।
नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में बताया कि डिजिटल दौर में पार्टी ने jdulive.com की शुरुआत की है।
CM की वर्चुअल रैली के महत्वपूर्ण प्वाइंट्स
– नीतीश कुमार ये भी बताया कि हमारी सरकार ने कब्रिस्तान की घेरेबंदी कराई।
उन्होंने बताया कि 8064 कब्रिस्तान में से 6299 की घेरेबंदी करा दी गई है, जबकि दूसरी तरफ मंदिर से मूर्ति चोरी होने लगी थी।
हमारी सरकार ने 226 मंदिरों में पूर्ण चारदीवारी कराई है, जबकि 112 पर काम जारी है और 48 प्रक्रियाधीन है।
– नीतीश कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और राबड़ी देवी पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले हालात इतने बुरे थे कि सामूहिक नरसंहार होता था। लोग गाड़ी में राइफल दिखाते हुए चलते थे।
– आपदा राहत में लोगों को अनाज दिया तो लोगों ने क्विंटलिया बाबा का नाम दे दिया।
अगर पहले लोगों को अनाज दिए गए होते तो लोग क्यों ऐसा कहते?
– बाढ़ का जिक्र करते हुए नीतीश कुमार ने उस दौर का भी जिक्र किया जब उन्हें सत्ता मिली थी।
नीतीश कुमार ने बताया कि 2006 के बाद हमने SOP बनाया कि कब किसी परिस्थिति में क्या काम करना है।
– नीतीश कुमार ने बताया कि कोरोना के चलते आर्थिक संकट बढ़ता ही जा रहा है वहीं, दूसरी तरफ बाढ़ ने काफी नुकसान किया है।
16 जिले इस बार बाढ़ से प्रभावित हुए और सरकार ने तत्काल राहत पहुंचाई और 5 लाख से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया हैं।
– सीएम ने कोरोना को लेकर सरकार की उपलब्धियां गिनाईं।
कहा- इलाज से लेकर मौत होने की परिस्थिति में 4 लाख रुपया मुआवजा देना तय किया।
राज्य भर के प्रवासी बिहारियों को 14 दिन क्ववारंटीन सेंटर में रखा। 15 लाख से ज्यादा लोग वापस बिहार आए।
– नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना मरीजों के लिए बेड, ऑक्सीजन का पर्याप्त इंतजाम है।
और जितनी व्यवस्था है उसका पूरा इस्तेमाल भी नहीं हो पा रहा है।
– सीएम ने बताया कि हर दस लाख की जनसंख्या पर 32,233 लोगों की जांच की गई।
– उन्होंने विपक्ष के सवालों पर जवाब देते हुए ये भी कहा कि कुछ लोग आलोचना करते रहते हैं, बोलते रहते हैं।
लेकिन हमने शुरुआत से ही कोरोना जांच बढ़ाने के लिए कहा था।
आज बिहार में हर दिन 1.50 लाख से ज्यादा जांच हो रही है।
Many people in Bihar keep criticising us, without any information. In March, we had decided to increase testing capacity for #COVID19 & today over 1 lakh 50 thousand people are being tested every day. We have more than sufficient arrangements for COVID here: Bihar CM Nitish Kumar pic.twitter.com/lTcPEbc7Ui
— ANI (@ANI) September 7, 2020
– नीतीश कुमार बोले- कोरोना महामारी को देखते हुए हम मार्च से ही सतर्क थे।
केंद्र से पहले ही हमने बिहार में लॉकडाउन शुरू किया था।
अब अनलॉक शुरू हो चुका है। हम केंद्र की गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं।
– नीतीश कुमार ने अपने भाषण में कोरोना पर सरकार द्वारा किए गए कार्यों की चर्चा की।
लॉकडाउन से लेकर अनलॉक में जो भी नियम बनाए गए उस पर काम करने की बात नीतीश कुमार ने कही।
– सीएम नीतीश कुमार बोले- हमने jdulive.com शुरू किया है। ये हमारी पार्टी का डिजिटल प्लेटफॉर्म है।
इसके लिए मैं पार्टी के सभी नेताओं को धन्यवाद देता हूं।
अशोक चौधरी, ललन सिंह, विजेंद्र यादव ने भी किया संबोधित
– बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने लोजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि एक हमारे नेता कहा करते थे कि हम वैसे घरों में दिया जलाने चलें हैं, जहां वर्षों से अंधेरा है।
उन घरों में बिजली पहुंचाने का काम हमारे नेता ने ही किया है।
– जदयू नेता ललन सिंह ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या फार्मूला अपनाया, जरा बिहार की जनता को बताइए।
आपके पिता जेल क्यों गए ये भी तो जरा बिहार की जनता को बताइए।
अपने बारे में कुछ नहीं बताते, अपने पिता के बारे में तो बताइए।
– जदयू नेता विजेंद्र यादव ने कहा, 1990 में तमाम लोग सीएम पद के उम्मीदवार थे तब किसने सीएम बनवाया था।
नीतीश कुमार ने जिनको मुख्यमंत्री बनवाया, वही उनके ख़िलाफ़ बोल रहे हैं।
नीतीश की वर्चुअल रैली से पहले तेजस्वी ने किया ट्वीट
– तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश के वर्चुअल रैली से पहले ट्वीट किया।
उन्होंने लिखा कि बिहार के युवाओं को नीतीश कुमार की रूढ़िवादी, बासी, उबाऊ और 15 वर्षों की घिसी पिटी नकारात्मक बातें नहीं चाहिए।
बिहार के युवा इतिहास के बासी पन्ने नहीं बल्कि सुनहरा वर्तमान और भविष्य चाहते है।
CM बताएँ उन्होंने 15 वर्षों में नौकरी-रोज़गार क्यों नहीं दिया? उद्योग-धंधे क्यों नहीं लगाए?