KGMU प्रो. डॉ सूर्यकांत नेशलन अवॉर्ड से हुए सम्मानित
डॉ. सूर्यकान्त केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में 16 वर्ष से प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं.
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सूर्यकान्त (KGMU Professor Dr. Suryakant) को 96वां ऑल इण्डियन मेडिकल कांफ्रेंस, पटना में (I.M.A.-A.M.S. ) डॉ. सत्यपाल अग्रवाल मेमोरियल एनुअल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। यह अवॉर्ड आई.एम.ए. के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जे.ए.जयालाल तथा राष्ट्रीय सचिव डॉ. जयेश लेले द्वारा प्रदान किया गया। इस अवॉर्ड की शुरूआत सन् 1978 में की गयी थी।
ज्ञात रहे कि डॉ. सूर्यकान्त केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में 16 वर्ष से प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है एवं 10 वर्ष से विभागाध्यक्ष के पद सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा वे चिकित्सा विज्ञान सम्बंधित विषयों पर 18 किताबें भी लिख चुके हैं तथा एलर्जी, अस्थमा, टी.बी. एवं कैंसर के क्षेत्र में उनके अब तक लगभग 700 शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अन्र्तराष्ट्रीय जनरलस में प्रकाशित हो चुके हैं साथ ही 2 अंतर्राष्ट्रीय पेटेन्ट का भी उनके नाम श्रेय जाता है तथा लगभग 200 एमडी/पीएचडी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन, 50 से अधिक परियोजनाओं का निर्देशन, 18 फैलोशिप्स, 11 ओरेशन एवार्ड का भी श्रेय उनके नाम ही जाता है। ज्ञात रहे उन्हें अब तक अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा 150 से अधिक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। यह पुरस्कार उनके द्वारा कोरोना महामारी के दौरान किये गये शोध कार्य, समाज को जागरूक करने एवं समाजिक सेवा कार्यों के चलते प्रदान किया गया है।
डॉ. सूर्यकान्त आईएमए, लखनऊ के अध्यक्ष एवं उप्र आईएमए एकेडमी ऑफ मेडिकल स्पेशलिटीज के चेयरमैन रह चुके है एवं वर्तमान में आईएमए-एएमएस के राष्ट्रीय वायस चेयरमैन हैं साथ ही ज्ञात रहे कि डॉ. सूर्यकान्त कोविड टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के ब्रांड एंबेसडर भी हैं। इसके साथ ही चेस्ट रोगों के विशेषज्ञों की राष्ट्रीय संस्थाओं इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, इण्डियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एण्ड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी एवं नेशनल कालेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन (एन0सी0सी0पी0) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं तथा इण्डियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के मेडिकल साइंस प्रभाग के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके है।
वे पिछले 25 वर्षों से अधिक समय से अपने लेखों व वार्ताओ एवं टी.वी. व रेडियों के माध्यम से लोगो में एलर्जी, अस्थ्मा, टी.बी, कैंसर जैसी बीमारी से बचाव व उपचार के बारे में जागरूकता फैला रहे है एवं इस महामारी काल में कोरोना सम्बन्धी एक पुस्तक व 12 शोधपत्र प्रकाशित किये है तथा जनमानस को कोरोना जैसी घातक बीमारी के बारे में इलेक्ट्रानिक/प्रिंट/सोशल मीडिया के द्वारा जागरूक करते रहे हैं तथा डा0 सूर्यकान्त ने कोरोना से पीड़ित ग्रामीण लोगों के लिए एक सरल व सुगम चिकित्सा प्रोटोकॉल तैयार किया एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से दवाएं बंटवाकर हजारों लोगों की जान बचाई। डा0 सूर्यकान्त को उ0प्र0 शासन द्वारा कोविड से प्रभावित जनपदों जैसे- आगरा, कानपुर, मेरठ व वाराणसी आदि शहरों में कोविड की समीक्षा सुक्षाव एवं सुधार के लिये भेजा जा चुका है।