भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले खादिम हुसैन रिजवी की मौत

पाकिस्तान के एक चरमपंथी धार्मिक समूह तहरीक-ए-लब्बैक (टीएलपी) के मुखिया खादिम हुसैन रिजवी का निधन गुरुवार को हो गया. 54 साल के रिजवी के मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं है. उनकी पार्टी के प्रवक्ता हमजा ने कहा कि रिजवी को पिछले कुछ दिनों से सांस लेने में तकलीफ थी और सोमवार से उन्हें बुखार था.
हाल में ही रिजवी के संगठन टीएलपी ने फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के क्रम में दो दिन पहले राजधानी इस्लामाबाद की आंशिक घेराबंदी शुरू की थी. रिजवी के संगठन तहरीक ए लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने रविवार को रावलपिंडी के मुर्री रोड पर विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की थी. पुलिस ने टीएलएपी के लोगों की ओर से पथराव के बाद आंसू गैस के गोले छोड़े थे. ये प्रदर्शनकारी फैजाबाद पहुंचने में कामयाब हो गए थे जो इस्लामाबाद और रावलपिंडी को आपस में जोड़ता है. हालांकि रिजवी प्रदर्शन में शामिल नहीं थे, लेकिन उनके प्रतिनिधि प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे थे.
कौन हैं खादिम हुसैन रिजवी
रिजवी खुद को धार्मिक आंदोलनकारी बताते रहे हैं. वह पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के बड़े समर्थकों में से एक हैं. साल 2017 में लाहौर की पीर मक्की मस्जिद में धार्मिक उपदेशक रहे रिजवी मुमताज कादरी की मौत की सजा के मामले में और आसिया बीबी की रिहाई के मामले में बहुत सक्रिय रहे थे. व्हील चेयर पर चलने वाले रिजवी खुद को बरेलवी विचारक कहते हैं.
साल 2017 में लाहौर में एक बड़े प्रदर्शन के बाद उन्होंने आधिकारिक तौर पर तहरीक-ए-लब्बैक की स्थापना की थी. उसी साल सितंबर में लाहौर की एक सीट पर उप चुनाव लड़कर उन्होंने पांच हजार से ज्यादा वोट पाए थे.

Related Articles

Back to top button