राम दत्त त्रिपाठी
Ram Dutt Tripathi, Senior Journalist, BBC Landon.
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सुनो सरकार : फरियादियों की गुहार दरबार तक
🔊 सुनें कोराना काल में उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री का जनता दरबार बंद कर दिया गया। इससे फरियादियों की शामत…
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समाजवादी पार्टी ने अगले विधान सभा चुनाव की तैयारियाँ शुरू की
श्री यादव ने बयान में कहा कि भाजपा सरकार की विकास की कोई योजना न होने से उत्तर प्रदेश अब…
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श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक पर अदालत ने मंजूर की याचिका
🔊 सुनें श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक़ के मामले में मथुरा की अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली है। जिला…
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लाइमलाइट शो में गन्ना आयुक्त ने माफियाओं पर यह कह दिया
🔊 सुनें उत्तर प्रदेश की सहकारी गन्ना समितियॉं अब चीनी रखने के लिए अपना भंडार घर बनायेंगी। इसके अलावा गन्ना…
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भाजपा नेता ने बलिया में मजिस्ट्रेट और पुलिस के सामने विरोधी की हत्या की
🔊 सुनें (मीडिया स्वराज़ प्रतिनिधि ) सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का एक स्थानीय नेता वृहस्पतिवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश के…
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बाबरी मस्जिद विध्वंस केस सभी जीवित आरोपी बरी : एक परिचर्चा
अयोध्या की बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना फैसला देते हुए सभी जीवित 32 आरोपितों…
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THE RDT SHOW : हाथरस कांड सुप्रीम कोर्ट कैसे पहुँचा?
इस शो में बीबीसी के पूर्व संवाददाता राम दत्त त्रिपाठी सम सामयिक विषयों पर चर्चा करते हैं. उनसे बात करते…
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बाबरी विध्वंस : सुप्रीम कोर्ट, लिब्रहान और सेशंस कोर्ट के निष्कर्ष में अंतर क्यों?
🔊 सुनें बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सेशंस कोर्ट ने पिछले हफ़्ते सभी अभियुक्तों को बाइज़्ज़त बरी कर दिया . अदालत ने कहा यह घटना सुनियोजित नहीं थी . अदालत ने इस कांड के लिए अराजक तत्वों को ज़िम्मेदार बताया. लाल कृष्ण आडवाणी के बारे में अदालत ने कहा कि वह मस्जिद को बचाने की कोशिश कर रहे थे जबकि वह बाबरी मस्जिद के ख़िलाफ़ आंदोलन के अगुआ थे . इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में इसे आपराधिक कृत्य बताया था और जस्टिस लिब्रहान जॉंच आयोग ने सुनियोजित षड्यंत्र. पढ़िये वरिष्ठ पत्रकार राम दत्त त्रिपाठी का विश्लेषण. छह दिसम्बर बानवे को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस कुछ अराजक तत्वों द्वारा अचानक हुई घटना थी अथवा यह की सालों के सुनियोजित और संगठित प्रयास का परिणाम था? इतिहास में यह सवाल हमेशा पूछा जाएगा. हमारे वेदों में कहा है कि सत्य का मुख सोने के पात्र से ढका हुआ होता है. सत्य की खोज श्रमसाध्य एवं अनवरत चलने वाली प्रक्रिया है. सत्य अलग अलग कोण से अलग दिखता और देखने वाले की नज़र से भी. बाबरी मस्जिद बनाम राम जन्मभूमि प्रकरण में मैं एक दर्शक रहा हूँ. चालीस साल से प्रत्यक्ष और उसके पहले का फ़ाइलों और पुस्तकों के ज़रिए. वास्तव में यह कहानी दिसम्बर उनचास से शुरू होती है, जब रात में पुलिस के पहरे में मस्जिद में भगवान राम की मूर्तियाँ प्रकट हुईं. अथवा जैसा कि पुलिस रपट में है कि चोरी से रखकर मस्जिद को अपवित्र कर दिया गया. विवादित बाबरी मस्जिद अयोध्या एक धर्म के लोगों द्वारा जबरन दूसरे धर्म के प्रार्थना गृह में क़ब्ज़ा.…
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