साहित्य
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मजरूह सुल्तानपुरी: बगावती तेवर और मज़लूमों का मसीहा
🔊 सुनें डॉ मोहम्मद आरिफ मैं अकेला ही चला था जानिब ए मंज़िल मगर, लोग साथ आते गए…
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ईद : पैग़ाम -ए- मोहब्बत
🔊 सुनें ड़ा मोहम्मद आरिफ़ , ईद-उल-फितर यानी ईद का नाम ज़ेहन में आते ही खुशी का एहसास होने लगता…
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सच तो ये है कि सच आज बेपर्दा हुआ है
🔊 सुनें मैं मज़दूर मेरी बेबसी को बयां करने में कोई शब्दों से खेलेगा कोई लाचारी की गिरह खोलेगा…
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