Pushpa Prayag
-
देश
Bihar Election: चिराग के फैसले से BJP की उम्मीदों को उजाला
🔊 सुनें पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य की सियासी तस्वीर में बड़ा फेरबदल हुआ है. बता दे…
Read More » -
अजब-गजब
जाने इस प्राचीन मंदिर में होती है सिर्फ मेंढक की पूजा
🔊 सुनें भारत देश में ऐसे कई प्राचीन मंदिर है जो दुनियाभर में मशहूर है. हमारे भारत देश में ऐसे कई…
Read More » -
कानून
बाबरी विध्वंस : सुप्रीम कोर्ट, लिब्रहान और सेशंस कोर्ट के निष्कर्ष में अंतर क्यों?
🔊 सुनें बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सेशंस कोर्ट ने पिछले हफ़्ते सभी अभियुक्तों को बाइज़्ज़त बरी कर दिया . अदालत ने कहा यह घटना सुनियोजित नहीं थी . अदालत ने इस कांड के लिए अराजक तत्वों को ज़िम्मेदार बताया. लाल कृष्ण आडवाणी के बारे में अदालत ने कहा कि वह मस्जिद को बचाने की कोशिश कर रहे थे जबकि वह बाबरी मस्जिद के ख़िलाफ़ आंदोलन के अगुआ थे . इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में इसे आपराधिक कृत्य बताया था और जस्टिस लिब्रहान जॉंच आयोग ने सुनियोजित षड्यंत्र. पढ़िये वरिष्ठ पत्रकार राम दत्त त्रिपाठी का विश्लेषण. छह दिसम्बर बानवे को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस कुछ अराजक तत्वों द्वारा अचानक हुई घटना थी अथवा यह की सालों के सुनियोजित और संगठित प्रयास का परिणाम था? इतिहास में यह सवाल हमेशा पूछा जाएगा. हमारे वेदों में कहा है कि सत्य का मुख सोने के पात्र से ढका हुआ होता है. सत्य की खोज श्रमसाध्य एवं अनवरत चलने वाली प्रक्रिया है. सत्य अलग अलग कोण से अलग दिखता और देखने वाले की नज़र से भी. बाबरी मस्जिद बनाम राम जन्मभूमि प्रकरण में मैं एक दर्शक रहा हूँ. चालीस साल से प्रत्यक्ष और उसके पहले का फ़ाइलों और पुस्तकों के ज़रिए. वास्तव में यह कहानी दिसम्बर उनचास से शुरू होती है, जब रात में पुलिस के पहरे में मस्जिद में भगवान राम की मूर्तियाँ प्रकट हुईं. अथवा जैसा कि पुलिस रपट में है कि चोरी से रखकर मस्जिद को अपवित्र कर दिया गया. विवादित बाबरी मस्जिद अयोध्या एक धर्म के लोगों द्वारा जबरन दूसरे धर्म के प्रार्थना गृह में क़ब्ज़ा.…
Read More » -
कानून
‘स्टेंडर्ड औपरेटिंग प्रोसीजर’
🔊 सुनें यदि बी. पी. आर. ऐंड डी. (ब्यूरो औफ़ पुलिस रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट) देश में शांति-व्यवस्था भंग होने के विभिन्न प्रकरणों मेंं की…
Read More » -
साहित्य
मैं बादल बनना चाहती हूं
🔊 सुनें मैं बादल बनना चाहती हूं, कहीं पर गरज के बरसना चाहती हूं कहीं पर बरस के गर्जना चाहती…
Read More » -
विचार
गांधी जी ने जब आलू किसानों की पीड़ा का निदान किया
🔊 सुनें डॉ. चन्द्रविजय चतुर्वेदी श्री सुधीर घोष एक पत्रकार थे जिन्हे गाँधी जी बहुत स्नेह करते थे। सुधीर जी…
Read More » -
राजनीति
योगी सरकार को देना होगा प्रियंका के पाँच प्रश्नों का जवाब : आराधना मिश्रा
🔊 सुनें कांग्रेस पार्टी पीड़ित परिजनों की पांच मांगों के साथ मजबूती से खड़ी है, सीबीआई जांच सुप्रीमकोर्ट के सिटिंग…
Read More » -
साहित्य
अलविदा लेफ्टिनेंट
🔊 सुनें अनुवादक-पंकज प्रसून पंकज प्रसून, वरिष्ठ पत्रकार सालवादोर के मशहूर कवि और उपन्यासकार मानलिओ आर्गेता का जन्म 24नवंबर 1935…
Read More » -
प्रमुख खबरें
किसान कानून पर सरकारी जिद
🔊 सुनें हिसाम सिद्दीक़ी मुल्क में किसानों और किसानी से मुताल्लिक तीन बिल मोदी सरकार ने पार्लियामेंट से जबरदस्ती इक्कीस सितम्बर…
Read More »