शरद यादव की घरवापसी की चर्चा गरमाई

शरद के संपर्क में जेडीयू के कई वरिष्ठ नेता

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जदयू के पूर्व अध्‍यक्ष शरद यादव को लेकर बड़ी खबर है। उनकी जदयू में घर-वापसी के संकेत मिले हैं।

सूत्रों के अनुसार शरद यादव को पार्टी में वापस लाने के लिए जेडीयू के कुछ बड़े नेता सक्रिय हैं।

अगर ऐसा होता है तो यह विधानसभा चुनाव के पहले बिहार में बड़ा सियासी उलटफेर होगा।

इस मामले में बिहार की सियासत भी गर्म हो गई है।

शरद यादव की घरवापसी की बात आगे बढ़ी

दरअसल शरद यादव कुछ दिनों पहले बीमार थे। उन्‍हें दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस दौरान जदयू के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनका हालचाल लिया।

बताया जाता है कि इसी दौरान उन्‍होंने शरद से जदयू में वापस आने को कहा। बातों-बातों में निकली बात अब आगे बढ़ गई है।

कहा जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव के पहले शरद की जदयू में वापसी हो सकती है।

यादव वोटों व कोसी इलाके में बड़ा प्रभाव

शरद यादव का बिहार, खास कर कोसी क्षेत्र की राजनीति में अच्‍छा प्रभाव रहा है।

विधानसभा चुनाव के पहले शरद को अपने पाले में लाकर जदयू लालू यादव के परंपरागत यादव वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में है।

अगर जदयू में उनकी वापसी होती है तो पार्टी को विधानसभा चुनाव में इसका लाभ मिल सकता है।

शरद को लेकर बिहार में गरमाई सियासत

शरद यादव की घर वापसी की चर्चाओं पर बिहार में राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू है।

जदयू प्रवक्‍ता संजय सिंह ने कहा है कि नीतीश कुमार ने शरद को बहुत सम्‍मान दिया।

अब शरद यादव को तय करना है कि वे वापस आएंगे या नहीं।

उधर, शरद की जदयू में वापसी की चर्चा को राष्‍ट्रीय जनता दल व कांग्रेस ने निराधर कहा है।

राजद प्रवक्‍ता मृत्‍युंजय तिवारी ने कहा कि शरद के जदयू में जाने की बात कयासबाजी है। जहां उनका इतना अपमान हुआ, वहां वे कैसे जाएंगे?

कांग्रेस प्रवक्‍ता राजेश राठौड़ ने भी कहा कि राजनीति में कयास तो लगते ही रहते हैं। इस मुद्दे पर अभी तक शरद ने कोई बयान नहीं दिया है

राजद के टिकट पर हार गए थे चुनाव

विदित हो कि जदयू के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष के पद से हटने के बाद शरद यादव ने पार्टी छोड़ दिया था।

इसके बाद उन्‍होंने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक जनता दल के नाम से अपनी पार्टी बनाई।

साल 2019 में उन्‍होंने मधेपुरा से राजद के टिकट से चुनाव लड़ा था।

वहां उन्‍हें जदयू के दिनेशचंद्र यादव ने करीब एक लाख वोटों के से अधिक वोटों से हरा दिया था।

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