अमेरिका ने भारत को चीन की सैन्‍य हलचल पर किया सावधान…..

व्‍हाइट हाउस की एक रिपोर्ट में भारत-चीन सरहद पर हुई सैन्‍य हलचल को लेकर नई दिल्‍ली को आगाह किया है। अमेरिका ने कहा है कि चीन भारत सहित पड़ोसी देशों के साथ उत्तेजक और जबरदस्त सैन्य और अर्धसैनिक गतिविधियों में लगा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन का यह संकेत खतरनाक है और भारत को इसे हल्‍के में नहीं लेना चाहिए। खास बात यह है कि यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब हाल में एक अमेरिकी सुरक्षा रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि चीन ने गुप्‍त रूप से अपनी सामरिक शक्ति में बड़ा इजाफा किया है। उसके पास ऐसी मिसाइलें हैं, जिसकी पहुंच अमेरिका तक है। इसके बाद अमेरिका में हड़कंप मचा। इस रिपोर्ट के बाद ट्रंप प्रशासन भी सकते में आ गया। व्‍हाइट हाउस की यह रिपोर्ट इसके बाद जारी की गई है।

चीनी आक्रमकता का विरोध करे भारत 

निवर्तमान दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के राज्य के प्रधान उप सहायक सचिव एलिस वेल्स ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में चीनी ऑपरेशन सैन्‍य आक्रामकता को निंरतर बढ़ावा दे रहा है। यहां चीन अंतरराष्‍ट्रीय मानदंडों की निरंतर अनदेखी करता है। इसका विरोध किया जाना चाहिए। उन्‍होंने प्रशांत महासागर और भारत का जिक्र करते हुए कहा कि यह चीनी आक्रमकता जल और थल चाहे जहां भी हो, इसका विरोध होना चाहिए। वेल्स ने कहा कि भारत केवल भ्रम में है कि चीनी आक्रमकता केवल बयानबाजी है। वेल्‍स ने कहा कि भारत को अपने जल और थल दोनों जगहों पर चीनी अभियान का डट कर विरोध करना चाहिए। चीन एक विश्‍व व्‍यवस्‍था को नष्‍ट करने पर आतुर है, जो एक लोकतांत्रिक व्‍यवस्‍था का सम्‍मान करती है। यह व्‍यवस्‍था किसी देश की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार नियमों का सम्‍मान करती है। इस व्‍यवस्‍था ने दुनिया में गरीबी से जंग लड़ा है और  करोड़ों लोगों को गरीबी से मुक्‍त किया है।

भारतीय-चीन सीमा पर जबरदस्त सैन्य गतिविधियों में संलग्न है चीन 

रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग पूर्व और दक्षिण चीन सागर, ताइवान स्ट्रेट और भारतीय-चीन सीमा क्षेत्रों में उत्तेजक और जबरदस्त सैन्य और अर्धसैनिक गतिविधियों में संलग्न है। ऐसा करके चीन पड़ोसियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं का खंडन करता है। हालांकि, भारत ने चीन के इस क्रियाकलपा का जोरदार विरोध किया है। एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने भारत के इस कदम का समर्थन किया ताकि उसके क्षेत्र में चीनी शासन का जोरदार विरोध किया जा सके।

ताकतवार चीन अपने रणनीतिक उद्देश्‍य में जुटा 

कांग्रेस को सौंपी गई रिपोर्ट में ‘संयुक्त राज्य अमेरिका का सामरिक दृष्टिकोण पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ में यह मांग की गई है कि इसके लिए राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम, 2019 पेश किया जाए। इस रिपोर्ट के केंद्र में चीन की गतिविधियों पर चिंता जाहिर की गई है। रिपोर्ट में चीन के प्रति अमेरिका को आगाह किया गया है। इसमें कहा गया है कि चीन अब ताकतवर हो चुका है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) वैश्विक स्‍तर पर अपने रणनीतिक उद्देश्‍यों को पूरा करने के लिए पड़ोसी मुल्‍कों को डरा-धमका सकता है। ऐसा करके वह अपनी महत्‍वाकांक्षाओं को पूरा करने या अपने खतरों को कम करने के लिए लिए रणन‍ीति बना सकता है।

चीन के प्रति ट्रंप प्रशासन के दृष्टिकोण का साफ करती है रिपोर्ट 

हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी रैंकिंग के सदस्य मैक थॉर्नबेरी ने इस रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ट्रंंप प्रशासन की रिपोर्ट चीन के प्रति सरकार के दृष्टिकोण को स्पष्ट करने के लिए एक अच्छी शुरुआत है। उन्‍होंने कहा कि केवल राष्ट्रीय शक्ति के सभी तत्वों पर ध्यान केंद्रित करके हम प्रभावी रूप से चीन के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं और भारत-प्रशांत क्षेत्र और दुनिया भर में चीन की घातक और चुनौतिपूर्ण गतिविधि को रोक सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि सैन्‍य क्षेत्र में अधिक निवेश पर बल दिए जाने के साथ में हमें अपने सहयोगी देशों के साथ और अधिक जुड़ाव और भागीदारी तय करनी होगी।

लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए एक संभावित खतरा है चीन

हाउस होमलैंड सिक्योरिटी कमेटी रैंकिंग के सदस्य व कांग्रेसी नेता माइक रोजर्स ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी दुनिया भर में लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए एक संभावित खतरे का प्रतिनिधित्व करती है। उनका अधिनायकवादी शासन मानवाधिकारों को कुचलता है, कमजोर करता है

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