भोपाल पहुंची विरासत स्वराज यात्रा 2021-22

भाई जी ( एस. एन. सुब्बरावजी) के जीवन भर की यात्रा संदेश व कामों से प्रेरणा लेने का वक्त - जलपुरुष डॉ राजेंद्र सिंह

मीडिया स्वराज डेस्क

दिनांक 23 नबंवर 2021 को विरासत स्वराज यात्रा एक दिन के लिए भोपाल पहुँची। यहाँ पगमार्क पत्रिका का विमोचन समारोह आयोजित हुआ। इस पत्रिका का विमोचन करते हुए जलपुरुष डॉ. राजेन्द्र सिंह ने कहा कि, 21 वीं शताब्दी में जो जल, जंगल, जमीन और जंगलवासियों का दर्द है, उसको बचाने का काम करने वाली, चेतना जगाने वाली, लोगों को जल, जंगल, जमीन के साथ जोड़ने वाली यह पत्रिका बने। यह राज्य और पूरे देश प्रकृति के प्रति आस्था और विश्वास को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करके जागरूक करने काम करेगी।

इसी कार्यक्रम में उपस्थित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने कहा कि, यह पत्रिका यहाँ के हर स्कूल, कॉलेज में जानी चाहिए, जिससे हमारा साझा भविष्य ठीक हो सके।

पत्रिका विमोचन के बाद जलपुरुष राजेन्द्र सिंह गांधी भवन पहुँचे। यहाँ भाई जी (स्व. सुब्बाराव जी) को श्रृद्धांजलि देते हुए कहा कि, भाई जी सदैव हमारे साथ जीवित रहेंगे।भाई जी सदैव सहज बने रहते थे और सहजता से अपने गीतों, वचनों से, अपने व्यवहार, सदाचार से प्रेरित करते रहते थे। अब यह प्रेरणा स्त्रोत उनके विचार, उनकी विरासत है।

पत्रिका विमोचन के बाद जलपुरुष राजेन्द्र सिंह गांधी भवन पहुँचे। यहाँ भाई जी (स्व. सुब्बाराव जी) को श्रृद्धांजलि देते हुए कहा कि, भाई जी सदैव हमारे साथ जीवित रहेंगे।भाई जी सदैव सहज बने रहते थे और सहजता से अपने गीतों, वचनों से, अपने व्यवहार, सदाचार से प्रेरित करते रहते थे। अब यह प्रेरणा स्त्रोत उनके विचार, उनकी विरासत है।

बापू की विरासत को उन्होंने अब तक बहुत गहराई से बनाए रखने में दुनिया को योगदान दिया है। अब भाई जी की विरासत हम सब युवाओं को प्रेरित करती रहेगी और उनकी विरासत, स्थान, वचन, जीवन जीने का तरीका भी प्रेरित करते रहेंगे। हम उनके बनाए रास्ते पर चलते रहेंगे, ये हम लोगों को जीवन भर के लिए तय करने की जरूरत है।

भाई जी बड़ी से बड़ी समस्या का संवाद, प्यार से निवारण करते थे। वे सहजता और सरलता से समस्याओं का सामना करने की शिक्षा देते थे। वे कठिन से कठिन सवाल पर अपनी मुस्कान के साथ समाधान बताते थे। उनके समाधान बताने का तरीका, बहुत ही सरल था।

भाई जी बड़ी से बड़ी समस्या का संवाद, प्यार से निवारण करते थे। वे सहजता और सरलता से समस्याओं का सामना करने की शिक्षा देते थे। वे कठिन से कठिन सवाल पर अपनी मुस्कान के साथ समाधान बताते थे। उनके समाधान बताने का तरीका, बहुत ही सरल था।

जिस प्रकार बापू की ऊंचाईयों को भाई जी ने और अधिक ऊंचा किया है। सिद्धांतों, आदर्शों की ऊंचाइयों को ऊंचा किया, लेकिन जीवन में जीने के लिए सरल बनाया। इसलिए भाई जी इस दुनिया के लिए सबसे प्रेरक इंसान थे। भाई जी ने अपना पूरा जीवन इस समाज, राष्ट्र और दुनिया के लिए ‘जल जगत’ के साथ लगा दिया। वह जब भी हमें मिलते तो पूरी प्रेरणा और ऊर्जा प्रदान करते थे। वह अपनी ऊर्जा से हम सभी को ऊर्जावान बनाकर रखते थे।

भाई जी की जीवन यात्रा इस दुनिया की विरासत है। आज तक वो जीवंत प्रेरणा थे, अब उनका जीवन संदेश युवाओं की प्रेरणा बनेगा। मैं समझता हूं कि, बापू से जिन लाखों, करोड़ों युवाओं को अपने जीवन में सीखा, जाना, समझा है, जिसने जीवन, जीविका और जमीर के साथ जीवन जिया है। जो बापू के जीवन संदेश से प्रभावित है, वैसे ही भाई जी के जीवन से भी प्रभावित है।

भाई जी की जीवन यात्रा इस दुनिया की विरासत है। आज तक वो जीवंत प्रेरणा थे, अब उनका जीवन संदेश युवाओं की प्रेरणा बनेगा। मैं समझता हूं कि, बापू से जिन लाखों, करोड़ों युवाओं को अपने जीवन में सीखा, जाना, समझा है, जिसने जीवन, जीविका और जमीर के साथ जीवन जिया है। जो बापू के जीवन संदेश से प्रभावित है, वैसे ही भाई जी के जीवन से भी प्रभावित है।

भाई जी बापू के जीवन संदेश को आज तक में अपने जीवन जीते रहे। अब हम सभी को भाई जी के जीवन भर की यात्रा संदेश से, कामों से प्रेरणा लेने का वक्त आ गया है। हम उनके जीवन काल से प्रेरित होते रहे है, अभी भी हम उनसे उसी तरह से प्रेरित होते रहेंगे।

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