बने बैठें हैं ज़िम्मेदार सब अनजान दिल्ली में

🔊 सुनें दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन और मौजूदा दौर की चुनौतियों के संदर्भ में भोपाल से से अपर्णा पात्रिकर की गजल यूं बैठी है ये जनता किसलिए नादान दिल्ली में मिलेगा ही नहीं राहत का कुछ सामान दिल्ली में //१// तुम्हारे दर्द से कुछ फर्क अब पड़ता नहीं उनको बने बैठें हैं ज़िम्मेदार … Continue reading बने बैठें हैं ज़िम्मेदार सब अनजान दिल्ली में