मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक मोदी से पंगा! क्यों ले रहे हैं

सुषमाश्री

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक मलिक खुलेआम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पंगा क्यों ले रहे हैं? क्या उन्हें गवर्नर पद से हटाये जाने का डर नहीं है!

मोदी और शाह को लेकर दिये बयान का वीडियो

सोमवार की सुबह से ही सत्यपाल मलिक का पीएम मोदी और उनके चहेते अमित शाह को लेकर दिये गये बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल रहा। इस बीच कांग्रेस पार्टी ने भी इसे अपने ट्वीटर अकाउंट से पोस्ट कर लिखा कि मलिक ने पीएम मोदी को ‘घमंडी’ कहा, जिसे लेकर भी सोशल मीडिया पर लगातार लोग कमेंट्स करते रहे।

लेकिन इन सबके अलावा मलिक ने अपने बयान में बातों बातों में वह भी कह दिया, जिस बारे में भाजपा के बड़े बड़े नेता तक कुछ भी कहने से कतराते हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा कि किसान आंदोलन को लेकर जब मैं प्रधानमंत्री से मिलने गया तो पांच मिनट में ही मेरा उनसे झगड़ा हो गया। वे बहुत घमंड में थे। जब मैंने किसानों के मौत को लेकर बात की तो उन्होंने कहा, मेरे लिये मरे हैं क्या? फिर मुझे अमित शाह से मिलने के लिये कह दिया। जब मैं अमित शाह से मिलने गया तो उन्होंने कहा, सत्यपाल, इसकी अक्ल मार रखी है लोगों ने, तुम बेफिक्र रहो, मिलते रहा करो, यह किसी न किसी दिन समझ जायेगा।

मलिक के बयान की ये पंक्तियां ऐसा महसूस कराती हैं मानो बीजेपी में भी अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। मोदी और शाह की जिस ​जोड़ी को लेकर कभी किसी ने भी कुछ कहने की हिम्मत नहीं जुटाई, पहली बार राज्यपाल की कुर्सी पर बैठे हुये सत्यपाल मलिक ने आखिर यह हिम्मत कैसे की? यहीं से मलिक को लेकर भी लोगों के बीच चर्चा शुरू हो गई।

सोशल मीडिया पर सत्यपाल मलिक की इस धृष्ठता पर लोग तरह तरह की बातें करने लगे। किसी ने इसके पीछे कांग्रेस का हाथ बताया तो किसी ने मलिक के राजनीतिक ख्वाहिशों का।

सोशल मीडिया पर हो रही कैसी बातें

गवर्नर सत्यपाल मलिक अपने इस बयान के कारण सोशल मीडिया पर एक पक्ष के निशाने पर आ गए हैं। फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने भी उनपर तंज कसते हुए ट्वीट किया है।

फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने सत्यपाल मलिक पर निशाना साधते हुए कहा कि आजकल ये प्रियंका नाम की मोहतरमा से काफी इंप्रेस हैं। सत्यपाल मलिक को लेकर किया गया अशोक पंडित का यह ट्वीट खूब वायरल हो रहा है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, “सत्यपाल मलिक आपके उस सपने का क्या हुआ जो बाड़मेर के विरात्रा माता मंदिर के पास घर बनाने वाले थे?”

फिल्म निर्माता अशोक पंडित यहीं नहीं रुके। उन्होंने अपने ट्वीट में गवर्नर को आड़े हाथों लेते हुए लिखा, “देश यह भी जानता है कि आजकल आप प्रियंका नाम की मोहतरमा से काफी इंप्रेस हैं।” उनके इस ट्वीट को लेकर अब सोशल मीडिया यूजर भी खूब कमेंट कर रहे हैं। एक यूजर ने फिल्म निर्माता से सवाल करते हुए लिखा, “सर चीन ने गलवान घाटी में अपना झंडा फहराया है और आप किस बारे में बात कर रहे हैं?”

कल्पना नाम की यूजर ने फिल्म निर्माता के ट्वीट पर तंज कसते हुए गवर्नर सत्यपाल मलिक पर निशाना साधा और लिखा, “कोशिश अच्छी थी अमित शाह जी और मोदी जी के बीच फूट डालने की।” शिवम नाम के यूजर ने ट्वीट को लेकर फिल्म निर्माता पर निशाना साधा और लिखा, “अपने सपों के घर का भी बता दो। उनके लिए तो इतनी जगह है लोगों के दिल में कि यूपी वाले अपना घर भी दे देंगे।”

बता दें कि इसके अलावा पत्रकार सुशांत सिन्हा ने भी राज्यपाल सत्यपाल मलिक के खुलासे पर रिएक्शन दिया था। उन्होंने लिखा था, “अगर गवर्नर साहब का पीएम मोदी से झगड़ा हो गया था तो उन्होंने इस्तीफा क्यों नहीं दे दिया? कुछ भी बोलते हैं। ये झगड़ा करके चले आए, लेकिन हिम्मत नहीं हुई कि इस्तीफा लिख दें।”

वहीं, बीजेपी के एक बड़े नेता के मुताबिक, सत्यपाल मलिक ने अमित शाह के हवाले से पीएम मोदी के बारे में जो कुछ कहा है, वह पार्टी की अंदरूनी सुगबुगाहट है। इस बात से कतई भी इनकार नहीं किया जा सकता कि पीएम के एकतरफा फैसलों को लेकर ऐसी बातें लंबे समय से कही जा रही हैं। अलबत्ता, बीजेपी के किसी बड़े नेता की ज़ुबां से पहली बार यह लोगों के सामने आई हैं।

यूपी चुनाव से ठीक पहले पश्चिमी यूपी के सत्यपाल मलिक के इस बयान के मायने अब निकाले जा रहे हैं कि हो न हो मलिक अब खुलकर यूपी चुनाव में खेलना चाहते हैं। इससे पहले कई बार उन्होंने पार्टी के लिये कई समस्याओं का तोड़ निकालने में अहम भूमिका निभाई है। साल 2017 के यूपी चुनाव को ही याद कर लें तो उससे ठीक पहले आरक्षण के मुद्दे पर जाटों को समझाने का जिम्मा बीजेपी ने मलिका को ही सौंपा था और वे अपने मिशन में सफ़ल भी रहे थे।

राजनीतिक तौर पर महत्त्वाकांक्षी सत्यपाल मलिक को यकीन था कि उन्हें इसके बदले में कुछ खास इनाम पार्टी की ओर से मिलेगा, लेकिन बजाय इसका इनाम देने के, मलिक को गवर्नर बनाकर जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय भेज दिया गया, जिससे कहीं न कहीं मलिक खुश नहीं रहे।

किसान आंदोलन पर यूटर्न की टीस

अब जबकि किसान आंदोलन के बाद नरेंद्र मोदी को अपने फैसले पर पहली बार यूटर्न लेना पड़ा, तो कहीं न कहीं इसकी टीस मोदी के अंदर साफ देखी जा सकती है। हमेशा से ही मोदी अपने फैसलों पर अडिग रहे हैं और ऐसा माना जाता है कि वे कभी अपने फैसले वापस नहीं लेते। लेकिन किसान आंदोलन ने यूपी चुनावों को लेकर पार्टी की हार का जो माहौल तैयार कर दिया, उससे पार पाने के लिये जब बीजेपी के पास और कोई रास्ता न दिखा, तब मजबूरन उन्होंने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करके किसानों से घर लौटने का अनुरोध किया।

किसानों के इस आंदोलन ने राकेश टिकैत जैसे एक किसान नेता को जन्म दे दिया। उम्मीद की जा रही थी कि टिकैत किसी न किसी पार्टी का दामन थामेंगे या फिर अपनी अलग पार्टी बनायेंगे और यूपी चुनावों में बीजेपी की हार का बड़ा कारण बनेंगे। लेकिन ​बीते दिनों एक इंटरव्यू के दौरान टिकैत ने साफ कर दिया कि वे किसी भी तरह से राजनीति में नहीं उतरना चाहते। बस, घर घर जाकर लोगों को यह बताना चाहते हैं कि सरकार ने आपके लिये क्या किया है और क्या नहीं किया ताकि लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरुक बन सकें और वोट के माध्यम से सही निर्णय ले सकें।

बीजेपी की हार तय है

उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यूपी चुनावों में किसी भी तरह से इस बार बीजेपी जीत नहीं सकती। उसकी हार तय है, अगर उन्होंने कोई बेईमानी न की तो। बहरहाल, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि राकेश टिकैत ने यूपी, खासकर पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन के दौरान बीजेपी की नीति का हवाला देकर क्षेत्र में बीजेपी के खिलाफ माहौल बना दिया है। यही वजह है कि बीजेपी के नेताओं को वहां गांवों में घुसने तक नहीं दिया जाने लगा। इससे पार्टी ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा भले ही कर दी हो, लेकिन किसानों का यकीन आज भी बीजेपी पर नहीं रह गया है। उन्हें लगता है कि अगर इस बार भी बीजेपी जीतती है तो वे एक बार फिर से तीनों कृषि कानूनों को हम पर थोपने की कोशिश करेंगे। ऐसे में बीजेपी वहां चाहे जितनी भी कोशिश क्यों न कर ले, लेकिन उसे पश्चिमी यूपी में तो वोट मिलना लगभग नामुमकिन है।

यानि कि राकेश टिकैत ने वाकई में बीजेपी की राह यूपी में काफी मुश्किल कर दी है, उस पर सत्यपाल मलिक के ताजे बयान ने बीजेपी के लिये आग में घी का काम कर दिया है। इसके बावजूद मोदी न तो टिकैत के खिलाफ कुछ कर पा रहे हैं और न ही मलिक के, वजह साफ है। यूपी चुनाव में खासकर पश्चिमी यूपी के जाट समुदायों की नाराजगी को इस वक्त बीजेपी और हवा नहीं देना चाहती। हालांकि, मोदी को समझने वाले यह भी जानते हैं कि यूपी चुनावों के बाद वे इन सभी को लेकर कोई न कोई गंभीर फैसला अवश्य लेंगे।

वीडियो वायरल होने के बाद अब दे रहे सफाई

अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाने वाले मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक सरकार का हिस्सा होते हुये भी उसके खिलाफ बेबाकी से बोलते रहे हैं। इस बार पीएम मोदी को घमंडी बताकर वे चर्चा में आ गये हैं, लेकिन मुद्दा विवादों से घिर गया है। इन्हीं विवादों को दरकिनार करने के उद्देश्य से मलिक ने ‘आजतक’ को दिये इंटरव्यू में कहा कि मेरा पीएम के साथ मतभेद था। मैं हमेशा से ही उन तक जनता की बात पहुंचाता आया हूं। जब मैं प्रधानमंत्री से मिला तो उनका रवैया अड़ियल था। मैं कोई आरोप के तौर पर ये नहीं कह रहा। उनका रुख ऐसा था कि वह सुनना नहीं चाहते थे और उन्होंने कहा कि अमित शाह से जाकर मिल लो।

मलिक ने कहा कि अमित शाह पीएम का बहुत सम्मान करते हैं और उन्होंने उनसे बहुत आदरपूर्वक बात की।

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अपने इंटरव्यू में उन्होंने किसान आंदोलन पर कहा कि मैंने पीएम को समझाने की कोशिश की कि यह सिख समुदाय है, यह हार नहीं मानता और अब तो जाट भी इनके साथ जुड़ गये हैं तो यह बहुत ही संवेदनशील स्थित है। मैंने यह समझाने की कोशिश की कि इन्हें खाली हाथ मत भेजिये और इन पर फोर्स का इस्तेमाल मत कीजियेगा। जिस दिन उन्होंने यह कानून वापस लिया तो मैंने पीएम साहब का धन्यवाद किया।

उन्होंने कहा कि मैंने दोबारा पीएम से मिलने की हिम्मत नहीं जुटाई क्योंकि थोड़ा झगड़ा सा हो गया था। मैंने मन बना लिया था कि अगर कहेंगे कि तुम हमारे लिये अनकंफर्टेबल हो तो मैं एक मिनट में गर्वनर का पद छोड़ दुंगा। एमएसपी पर भी गुजरात सीएम रहते हुये वे किसानों के पक्ष में थे, लेकिन न जाने अब उन्हें क्या हो गया है?

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